कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से पहले राजनीति के गलियारों में हलचल बढ़ गई है. आये दिन नई मुद्दों के साथ अफवाहों का बाजारा गर्म है. पहले ही शुभेंदु रॉय सहित पार्टी के कई दिग्गज नेता टीएमसी का दामन छोड़ चुके हैं और अब बीरभूम से टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय ने भी पार्टी से नाराजगी जाहिर की है, ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि कहीं शताब्दी रॉय भी ममता से दूरियां न बना लें.
ताजा घटनाक्रम में टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय ने तारापीठ-रामपुरहाट विकास प्राधिकरण (TRDA) से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने मीडिया के सामने इस बात की जानकारी दी है. हालांकि टीआरडीए के अध्यक्ष और राज्य के कृषि मंत्री आशीष बनर्जी ने इस मामले से इनकार किया. उन्होंने दावा किया है, 'मुझे कोई त्याग पत्र नहीं मिला है.'
ममता बनर्जी के करीबी एक के बाद एक पार्टी से किनारा कर रहे हैं. ऐसे में आज (शुक्रवार) शताब्दी रॉय का दिल्ली जाना ममता को खटक सकता है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि शताब्दी रॉय आज दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात कर सकती हैं.
वहीं, ईटीवी भारत से खास बातचीत में शताब्दी रॉय ने कहा कि वह कभी भी नई दिल्ली जा सकती है और किसी भी भाजपा नेता से संसद सदस्य के रूप में मिल सकती है.
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तृणमूल सांसद व अभिनेत्री शताब्दी रॉय ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी पीड़ा व्यक्त की थी. साथ ही पार्टी के खिलाफ अपनी नारजगी भी शब्दों के माध्यम से जताने की कोशिश की है. इसके बाद अटकलें शुरू हो गई हैं कि क्या बीरभूम की सांसद शताब्दी भी तृणमूल छोड़ने के रास्ते बढ़ चली हैं.
तृणमूल कांग्रेस की सांसद शताब्दी रॉय ने फेसबुक पर खुले तौर पर लिखा कि क्षेत्र के साथ मेरा नियमित गहन संपर्क रहा है, लेकिन हाल ही में कई लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि मुझे पार्टी के किसी कार्यक्रम में क्यों नहीं देखा जा रहा है? मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि मैं हर जगह जाना चाहती हूं, मैं लोगों के साथ रहना पसंद करती हूं, लेकिन मुझे लगता है कि कई लोग ऐसे हैं जो नहीं चाहते हैं कि मैं वहां जाउं और लोगों से मिलूं.
उन्होंने यह भी लिखा है कि 16 जनवरी को दोपहर दो बजे बताऊंगी कि मैं क्या निर्णय लेने जा रही हूं. पत्र में उन्होंने अपनी पार्टी के नेतृत्व के एक वर्ग पर पीड़ा भी व्यक्त की है.