नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' से पहले तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि इस खास एपिसोड में पीएम मोदी को देश के कुछ मुद्दों पर बात करनी चाहिए. मोइत्रा ने जंतर-मंतर पर पहलवानों के धरने को लेकर पीएम मोदी से सवाल किए हैं. उन्होंने अडानी समूह के खिलाफ जांच का भी जिक्र किया है.
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Dear Hon’ble Modiji- today is 100th episode of Mann ki Baat due to be telecast live even at UN HQ. Please do tell us:
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) April 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
1. Why India’s athlete betis can’t be protected from powerful BJP predators
2. Why SEBI can’t finish Adani invetigation in SC timeframe
Dhanyavad.
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2. Why SEBI can’t finish Adani invetigation in SC timeframe
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Dhanyavad.
मोइत्रा ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछे हैं कि देश की एथलीट बेटियों की मन की बात नहीं सुनेंगे? एथलीट बेटियों को बीजेपी के शिकारियों से क्यों नहीं बचाया जा सकता? इसके साथ ही मोइत्रा ने अडानी मामले को लेकर भी सवाल किया है. उन्होंने कहा है कि अडानी की जांच को सेबी सुप्रीम कोर्ट की ओर से दी गई समय सीमा में क्यों पूरा नहीं कर सकती?
दरअसल, भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कुछ पहलवान आपराधिक कार्रवाई की मांग के लिए जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैं. बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने का आरोप है, जिसे लेकर उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है. पहलवानों के इस प्रदर्शन पर अभी तक प्रधानमंत्री मोदी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिसे लेकर मोइत्रा ने सवाल उठाया है.
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क्या है अडाणी मामला: दरअसल, 24 जनवरी को हिंडबर्ग नामक संस्था ने अडानी समूह के वित्तीय धोखाधड़ी पर एक रिपोर्ट जारी की. तभी से देश में अडानी की संपत्ति को लेकर बवाल मचा हुआ है. 2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अडानी मामले में 6 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया. इसने सेबी को यह जांच करने का भी निर्देश दिया कि क्या अडानी ने शेयर की कीमत पर कोई धोखाधड़ी की है. दो माह में जांच पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया, लेकिन भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड उद्योगपति गौतम अडानी के शेयर घोटाले की जांच सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए समय के भीतर पूरी करने में असमर्थ रहा. कंपनी ने सेबी कोर्ट से और छह महीने का समय मांगा है कि वह इस बात की जांच करे कि क्या अडानी ग्रुप के शेयर की कीमत में कोई हेराफेरी हुई थी.