नई दिल्ली : राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल होने के सवाल पर टीएमसी नेता दिनेश त्रिवेदी ने बयान देते हुए कहा कि अभी तो पहले हम अपने आप को जॉइन कर लें, एक मौका ऐसा आता है जब आप मंथन करते हो, ये मंथन का समय है.
तृणमूल सांसद दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि हर इंसान की जिंदगी में ऐसी घड़ी आती है जब उसे अंतरआत्मा की आवाज सुनाई देती है. मेरे जीवन में भी ऐसी ही घड़ी आई है. उन्होंने कहा कि मैं सोच रहा था कि हम राजनीति में क्यों आते हैं, देश के लिए. देश सबसे ऊपर होता है. उन्होंने कहा कि वे अंतरआत्मा की आवाज पर इस्तीफा दे रहे हैं.
दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि कुछ दिनों पहले माननीय प्रधानमंत्री और गुलाम नबी आजाद, एक सत्ता पक्ष और एक विपक्ष. दोनों की भावनाएं देश के लिए. उन्होंने कहा कि जब रेल मंत्री थे तो मेरे जीवन में ऐसी ही घड़ी आई थी. जब फैसला करना पड़ा कि देश, पक्ष या खुद अपने आप बड़ा हूं.
त्रिवेदी ने कहा कि मेरे गुरुजन, मेरे मां-बाप जब मुझे सर्वश्रेष्ठ सांसद का अवॉर्ड मिला था तो मैंने कहा था कि मुझे इस लायक बनाया. उन्होंने कहा कि आज जब देखते हैं कि देश की क्या परिस्थिति है, तो पूरी दुनिया हिंदुस्तान की ओर देखती है.
राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल होने के सवाल पर टीएमसी नेता दिनेश त्रिवेदी ने बयान देते हुए कहा कि अभी तो पहले हम अपने आप को जॉइन कर लें, एक मौका ऐसा आता है जब आप मंथन करते हो, ये मंथन का समय है.
कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि दुनिया देख रही थी कि किस प्रकार हिंदुस्तान आगे निकलेगा. बहुत अच्छी तरह सबने मिलकर मुकाबला किया. पीएम ने भी 130 करोड़ लोगों का जिक्र किया, लेकिन नेतृत्व उनका था.
त्रिवेदी ने कहा कि जिस प्रकार से हमारे प्रांत में हिंसा हो रही है, जिस प्रकार से लोकतंत्र में जो कुछ भी हो रहा है वो मुझे अजीब लग रहा है, मैं करूं क्या. उन्होंने कहा कि हम उस प्रदेश से आते हैं, जहां रवींद्रनाथ टैगोर, सुभाष चंद्र बोस खुदीराम बोस जैसे लोग पैदा हुए हैं. उन्होंने बांग्ला कविता का जिक्र करते हुए कहा कि 'ऐमोन देश कोथाए पाखुजे पाबे नाबी तोमी... सेजे होश्चे आमार जन्मभूमि.'
त्रिवेदी ने कहा कि हम जन्मभूमि के लिए हैं, और कुछ नहीं. उन्होंने कहा कि मुझसे ये देखा नहीं जा रहा है. पार्टी में हैं तो अनुशासन है, लेकिन अब घुटन महसूस हो रही है. इसलिए आज वे अपना त्यागपत्र दे रहे हैं.