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TMC सांसद ने मणिपुर हिंसा पर जताई चिंता, गृह मामलों की स्थायी समिति से की चर्चा की मांग - Manipur violence

मणिपुर हिंसा को लेकर टीएमसी के वरिष्ठ सांसद डेरेक ओब्रायन ने गृह मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखकर स्थिति पर तत्काल चर्चा की मांग की है. पत्र में मणिपुर में हाल की हिंसागस्त क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सुरक्षा और भलाई के बारे में चिंता जताई है.

Manipur violence
मणिपुर हिंसा
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Published : Jun 16, 2023, 10:57 AM IST

Updated : Jun 16, 2023, 11:09 AM IST

नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा को लेकर अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) के वरिष्ठ सांसद डेरेक ओब्रायन ने गृह मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखकर स्थिति पर तत्काल चर्चा की मांग की है. पत्र में मणिपुर में हाल की हिंसागस्त क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सुरक्षा और भलाई के बारे में चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि मणिपुर हिंसा में कई लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं. देखते ही गोली मारने के आदेश ने राज्य में भय के माहौल को और बढ़ा दिया है. यह जरूरी है कि हम जमीनी हकीकत को समझें और हिंसा की सीमा का आकलन करें. उन्होंने कहा कि मणिपुर में चल रही हिंसा पर चर्चा करने के लिए एक स्थायी समिति की बैठक आयोजित करने से स्थिति की प्रत्यक्ष जानकारी मिलेगी.

Manipur violence
TMC सांसद डेरेक ओब्रायन ने गृह मामलों की स्थायी समिति से की चर्चा की मांग.

छह सप्ताह से अधिक समय से जारी हिंसा का हवाला देते हुए ओब्रायन ने पत्र में लिखा है कि 'मैं आपसे मणिपुर के सामने आने वाले मुद्दों को तुरंत हल करने के लिए गृह मामलों की स्थायी समिति की बैठक बुलाने का आग्रह करता हूं.' मुझे उम्मीद है कि साथ मिलकर हम यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर सकते हैं, जिससे सामान्य स्थिति बहाल हो. इस बीच गुरुवार रात उपद्रवियों ने इंफाल के कोंगबा स्थित केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के आवास को आग के हवाले कर दिया. घटना के समय केंद्रीय मंत्री केरल में थे.

समाचार एजेंसी एएनआई से एक्सक्लूसिव बातचीत में विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री ने कहा कि पिछली रात जो हुआ उसे देखकर बेहद दुख हुआ. मुझे बताया गया कि रात करीब 10 बजे 50 से ज्यादा बदमाशों ने मेरे घर पर हमला किया. मेरे घर के ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर को नुकसान पहुंचा है. उस दौरान न तो मैं और न ही मेरे परिवार का कोई व्यक्ति मौजूद था, शुक्र है कि कोई घायल नहीं हुआ.

मणिपुर में इंटरनेट पर पाबंदी: इंफाल पूर्व में 14 जून को नौ लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 10 से ज्यादा घायल हो गए थे. गुरुवार को राज्य सरकार ने राज्य में इंटरनेट पर रोक को 20 जून तक बढ़ा दिया. बुधवार को उपद्रवियों ने इंफाल पश्चिम में मणिपुर के मंत्री नेमचा किपगेन के आधिकारिक आवास को जलाने की कोशिश की. पिछले डेढ़ महीने से मणिपुर राज्य में इंटरनेट पर पाबंदी सहित पाबंदियां लगी हुई हैं.

अमित शाह ने किया था दौरा: 29 मई 2023 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चार दिनों के लिए पूर्वोत्तर राज्य का दौरा किया था, जिसके दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, सभी राजनीतिक दलों के नेताओं, नागरिक समाज, महिला समूहों, आदिवासी समूहों और सुरक्षाकर्मियों के साथ बैठकें कीं. शाह ने घोषणा की थी कि राज्य में एक शांति समिति का गठन किया जाएगा. समिति का गठन गृह मंत्री द्वारा घोषणा के कुछ दिनों बाद किया गया था.

ये भी पढ़ें-

क्यों भड़की मणिपुर में हिंसा: 3 मई को मणिपुर में हिंसा फैल गई थी. क्योंकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में मेइतेई/मीतेई को शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान झड़पें हुईं थीं. उच्च न्यायालय के एक निर्देश के मद्देनजर राज्य में जातीय हिंसा एक महीने से अधिक समय से जारी है, जिसमें राज्य सरकार को अनुसूचित जनजातियों (एसटी) की सूची में मेइती समुदाय को शामिल करने पर विचार करने के लिए कहा गया है. हिंसा को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को राज्य में तैनात किया गया था और वे अभी भी राज्य भर में तैनात हैं.
(अतिरिक्त इनपुट एजेंसी)

नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा को लेकर अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) के वरिष्ठ सांसद डेरेक ओब्रायन ने गृह मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखकर स्थिति पर तत्काल चर्चा की मांग की है. पत्र में मणिपुर में हाल की हिंसागस्त क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सुरक्षा और भलाई के बारे में चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि मणिपुर हिंसा में कई लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं. देखते ही गोली मारने के आदेश ने राज्य में भय के माहौल को और बढ़ा दिया है. यह जरूरी है कि हम जमीनी हकीकत को समझें और हिंसा की सीमा का आकलन करें. उन्होंने कहा कि मणिपुर में चल रही हिंसा पर चर्चा करने के लिए एक स्थायी समिति की बैठक आयोजित करने से स्थिति की प्रत्यक्ष जानकारी मिलेगी.

Manipur violence
TMC सांसद डेरेक ओब्रायन ने गृह मामलों की स्थायी समिति से की चर्चा की मांग.

छह सप्ताह से अधिक समय से जारी हिंसा का हवाला देते हुए ओब्रायन ने पत्र में लिखा है कि 'मैं आपसे मणिपुर के सामने आने वाले मुद्दों को तुरंत हल करने के लिए गृह मामलों की स्थायी समिति की बैठक बुलाने का आग्रह करता हूं.' मुझे उम्मीद है कि साथ मिलकर हम यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर सकते हैं, जिससे सामान्य स्थिति बहाल हो. इस बीच गुरुवार रात उपद्रवियों ने इंफाल के कोंगबा स्थित केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के आवास को आग के हवाले कर दिया. घटना के समय केंद्रीय मंत्री केरल में थे.

समाचार एजेंसी एएनआई से एक्सक्लूसिव बातचीत में विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री ने कहा कि पिछली रात जो हुआ उसे देखकर बेहद दुख हुआ. मुझे बताया गया कि रात करीब 10 बजे 50 से ज्यादा बदमाशों ने मेरे घर पर हमला किया. मेरे घर के ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर को नुकसान पहुंचा है. उस दौरान न तो मैं और न ही मेरे परिवार का कोई व्यक्ति मौजूद था, शुक्र है कि कोई घायल नहीं हुआ.

मणिपुर में इंटरनेट पर पाबंदी: इंफाल पूर्व में 14 जून को नौ लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 10 से ज्यादा घायल हो गए थे. गुरुवार को राज्य सरकार ने राज्य में इंटरनेट पर रोक को 20 जून तक बढ़ा दिया. बुधवार को उपद्रवियों ने इंफाल पश्चिम में मणिपुर के मंत्री नेमचा किपगेन के आधिकारिक आवास को जलाने की कोशिश की. पिछले डेढ़ महीने से मणिपुर राज्य में इंटरनेट पर पाबंदी सहित पाबंदियां लगी हुई हैं.

अमित शाह ने किया था दौरा: 29 मई 2023 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चार दिनों के लिए पूर्वोत्तर राज्य का दौरा किया था, जिसके दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, सभी राजनीतिक दलों के नेताओं, नागरिक समाज, महिला समूहों, आदिवासी समूहों और सुरक्षाकर्मियों के साथ बैठकें कीं. शाह ने घोषणा की थी कि राज्य में एक शांति समिति का गठन किया जाएगा. समिति का गठन गृह मंत्री द्वारा घोषणा के कुछ दिनों बाद किया गया था.

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क्यों भड़की मणिपुर में हिंसा: 3 मई को मणिपुर में हिंसा फैल गई थी. क्योंकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में मेइतेई/मीतेई को शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान झड़पें हुईं थीं. उच्च न्यायालय के एक निर्देश के मद्देनजर राज्य में जातीय हिंसा एक महीने से अधिक समय से जारी है, जिसमें राज्य सरकार को अनुसूचित जनजातियों (एसटी) की सूची में मेइती समुदाय को शामिल करने पर विचार करने के लिए कहा गया है. हिंसा को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को राज्य में तैनात किया गया था और वे अभी भी राज्य भर में तैनात हैं.
(अतिरिक्त इनपुट एजेंसी)

Last Updated : Jun 16, 2023, 11:09 AM IST
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