नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन को संसद के शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया है. राज्यसभा के सभापति का कहना है कि डेरेक ने सदन की कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न किया है. इसके बाद हंगामा बढ़ गया. 'तानाशाही नहीं चलेगी' के नारे लगाए जाने लगे और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
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Rajya Sabha adopts motion for suspension of TMC MP Derek O' Brien for the remainder part of the winter session for "ignoble misconduct" pic.twitter.com/A3MVk0Top9
— ANI (@ANI) December 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन व कई अन्य विपक्षी सांसद, गुरुवार को संसद की सुरक्षा पर चर्चा की मांग कर रहे थे. संसद की सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा के लिए विपक्ष के 28 सदस्यों ने नोटिस दिए थे, लेकिन सभापति ने नियमों का हवाला देते हुए इसकी इजाजत नहीं दी. इसके बाद विपक्ष के सांसद सभापति के आसन के ठीक सामने वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे.
सभापति ने नारेबाजी कर रहे सांसदों से अपनी सीट पर वापस जाने को कहा. लेकिन अपना विरोध जता रहे सांसद इसके लिए राजी नहीं हुए. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आरजेडी, जेडीयू, आप, समेत कई विपक्षी पार्टियों के सांसद सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा को लेकर नारेबाजी करते रहे.
आसन के ठीक सामने नारेबाजी कर रहे तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ-ब्राॅयन को सभापति ने तुरंत सदन से निकल जाने का आदेश दिया. सभापति का कहना था कि डेरेक को सदन छोड़ने का आदेश देने के बावजूद वह सदन में मौजूद रहे और कार्यवाही को लगातार बाधित कर रहे हैं. सभापति ने नियम 256 के अंतर्गत डेरिक ओ ब्राॅयन पर कार्रवाई की.
इस बीच राज्यसभा में नेता सदन व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी डेरेक के खिलाफ नियम 256 के तहत कार्रवाई करने के लिए प्रस्ताव किया. इसके बाद डेरेक को शेष बचे शीतकालीन सत्र से बाहर कर दिया गया.
डेरेक के निलंबन के बाद सदन में हंगामा और अधिक बढ़ गया. विपक्षी सदस्य 'तानाशाही नहीं चलेगी, नहीं चलेगी' और 'संसद की सुरक्षा पर चर्चा करो' जैसे नारे लगाने लगे. हंगामा बढ़ने के बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
दरअसल 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ. लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए थे. इन युवकों ने लोकसभा में सांसदों के बीच रंग वाले पटाखों से धुआं फैला दिया था. इससे सदन में पीला धुआं हो गया.
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