नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में कथित कोयला तस्करी से जुड़े धनशोधन मामलों में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर वापस लेने का शुक्रवार को आदेश दिया. उच्चतम न्यायालय ने पिछली सुनवाई के दौरान, बनर्जी और उनकी पत्नी को लुकआउट सर्कुलर जारी करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की आलोचना की थी. ईडी ने न्यायमूर्ति एस.के. कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ को बताया कि अगर बनर्जी दंपति अपनी विदेश यात्रा से एक सप्ताह पहले एजेंसी को जानकारी देता है, तो यात्रा के संबंध में आवश्यक आदेश जारी किए जाएंगे.
इससे पहले, 24 जुलाई को शीर्ष अदालत ने ईडी से पूछा था कि अदालत की अनुमति के बाद पिछली विदेश यात्रा के लिए दंपत्ति को क्या लुकआउट नोटिस जारी किया गया था. ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कहा कि जहां तक अभिषेक बनर्जी की बात है, ईडी लुकआउट नोटिस में पहले ही छूट दे चुकी है और उन्हें 26 जुलाई से 20 अगस्त तक यात्रा करने की अनुमति है. राजू ने कहा कि बनर्जी की पत्नी को भी कई बार विदेश यात्रा की इजाजत दी जा चुकी है.
न्यायमूर्ति कौल ने कहा, 'समस्या यह है...जब कोई (विदेश) जाता है, तो आप कहते हैं कि हमने यह (लुकआउट सर्कुलर जारी) नहीं किया है और हमने अनुमति दी है. लुकआउट सर्कुलर के लंबित रहने से ऐसी स्थिति बनती है कि किसी को, कहीं न कहीं रोका जाता है. ये ठीक नहीं है. आपका और मेरा समय बर्बाद हुआ.'
जब एएसजी ने कहा कि कथित कोयला तस्करी घोटाले में दंपति के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, तो पीठ ने कहा कि एक आपराधिक मामले में सभी उचित संदेहों से परे अपने मामले को साबित करना अभियोजन पक्ष का दायित्व है.
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पीठ ने अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा की याचिका का निपटारा करते हुए कहा, 'एएसजी का कहना है कि यदि याचिकाकर्ता विदेश यात्रा से एक सप्ताह पहले सूचित करते हैं, तो आवश्यक आदेश जारी किए जाएंगे. किसी भी स्थिति में, लुकआउट सर्कुलर वापस लिया जाए.'