लखनऊ : तृणमूल कांग्रेस उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने पर विचार कर रही है. इस पर आने वाले हफ्तों में दोनों पार्टियों के नेताओं द्वारा फैसला लिए जाने की उम्मीद है.
तृणमूल ने उत्तर प्रदेश में पीलीभीत से अपना जन संपर्क कार्यक्रम पहले ही शुरू कर दिया है, जहां किसानों ने गन्ना बकाया के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया था. लोगों के मिजाज और उनकी उम्मीदों का पता लगाने के लिए 18 मंडलों में से प्रत्येक में कम से कम दो जिलों को कवर किया जाएगा.
तृणमूल के प्रदेश अध्यक्ष नीरज राय ने कहा, 'हम लोगों को पश्चिम बंगाल में लागू की गई नीतियों के बारे में बताएंगे और राज्य सरकार की कल्याणकारी नीतियों पर जनता की प्रतिक्रिया लेंगे, हम लोगों की उम्मीदों के आधार पर तृणमूल कांग्रेस का घोषणापत्र तैयार करेंगे.'
उन्होंने कहा कि तृणमूल उत्तर प्रदेश में एक मजबूत संगठनात्मक संरचना और कैडर आधार बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. उन्होंने कहा, 'पार्टी ने मई में शुरू किए गए सदस्यता अभियान के माध्यम से 30 से अधिक जिलों में 100 प्रतिबद्ध सदस्यों को जोड़ा है. पार्टी नेतृत्व 2024 के आम चुनावों से पहले एक प्रतिबद्ध कार्यबल के साथ यूपी में एक मजबूत इकाई चाहता है. हम जहां भी जाते हैं, लोग जानना चाहते हैं कि कैसे हमने पश्चिम बंगाल में बीजेपी को हराया है.'
समाजवादी पार्टी के सूत्रों ने कहा कि तृणमूल के साथ गठबंधन हो सकता है, क्योंकि अखिलेश यादव के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी के साथ मधुर संबंध हैं. सपा के एक प्रवक्ता ने कहा, 'इसके अलावा, वह अब एक विपक्षी शुभंकर हैं, जिन्होंने अपने राज्य में सभी बाधाओं के खिलाफ सांप्रदायिक ताकतों को कुचल दिया. यूपी में उनका अभियान निश्चित रूप से विपक्ष को बढ़ावा देगा.'
(आईएएनएस)