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TMC leader Saket Gokhale : अहमदाबाद सेशन कोर्ट का TMC नेता साकेत गोखले को जमानत देने से इंकार

सेशन कोर्ट ने टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले (TMC spokesperson Saket Gokhale) को क्राउडफंडिंग मामले में जमानत देने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि उनके रिहा होने से सबूतों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है. हालांकि दिसंबर 2022 में मोरबी पुल हादसे के बारे में ट्वीट करने के मामले में कोर्ट ने जमानत दे दी थी, लेकिन एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था. TMC leader Saket Gokhale

TMC spokesperson Saket Gokhale)
टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले
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Published : Jan 13, 2023, 5:01 PM IST

अहमदाबाद : अहमदाबाद की एक सत्र अदालत ने 'क्राउडफंडिंग' के जरिए एकत्र धन के कथित दुरुपयोग से जुड़े एक मामले में तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले (TMC spokesperson Saket Gokhale) को जमानत देने से इंकार कर दिया है. इंटरनेट के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों से धन जुटाकर किसी परियोजना या उद्म के वित्तपोषण को 'क्राउडफंडिंग' कहा जाता है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए.बी. भोजक ने गुरुवार को सुनाए गए आदेश में कहा कि गोखले के खिलाफ एक मजबूत मामला बनता है और एक राजनीतिक कार्यकर्ता होने के नाते वह इस चरण में जमानत पर रिहा होने की सूरत में सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं.

इससे पहले, एक मजिस्ट्रेट अदालत ने पांच जनवरी को गोखले की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया था. अहमदाबाद की साइबर अपराध शाखा ने इस मामले में गोखले को 30 दिसंबर को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 467 (जालसाजी) के तहत आरोप लगे हैं. अहमदाबाद शहर के एक निवासी की शिकायत पर गोखले के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसने ऑनलाइन माध्यम से गोखले को 500 रुपये चंदा देने का दावा किया था.

इससे पहले दिसंबर 2022 में अहमदाबाद की एक अदालत ने मोरबी पुल हादसे के बारे में कथित तौर पर ट्वीट करने से जुड़े मामले में तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले को जमानत दे दी थी, लेकिन मोरबी पुलिस द्वारा दर्ज एक अन्य मामले में उन्हें शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया गया था. इस बारे में सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर अपराध) जितेंद्र यादव ने कहा था कि मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एम वी चौहान ने गोखले को जमानत दी. उनके अनुसार पुलिस हिरासत खत्म हो जाने पर उन्हें अदालत में पेश किया गया था.

उन्होंने बताया कि लेकिन उसके बाद उन्हें मोरबी में दर्ज किए गए एक अन्य मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उल्लेखनीय है कि एक दिसंबर को गोखले ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त एक सूचना पर आधारित खबर साझा की थी, जिसके मुताबिक पुल गिरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोरबी यात्रा पर 30 करोड़ रुपये का खर्च आया था.

ये भी पढ़ें - TMC प्रवक्ता साकेत गोखले और दक्ष पटेल के खिलाफ मानहानि की शिकायत

(इनपुट-भाषा)

अहमदाबाद : अहमदाबाद की एक सत्र अदालत ने 'क्राउडफंडिंग' के जरिए एकत्र धन के कथित दुरुपयोग से जुड़े एक मामले में तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले (TMC spokesperson Saket Gokhale) को जमानत देने से इंकार कर दिया है. इंटरनेट के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों से धन जुटाकर किसी परियोजना या उद्म के वित्तपोषण को 'क्राउडफंडिंग' कहा जाता है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए.बी. भोजक ने गुरुवार को सुनाए गए आदेश में कहा कि गोखले के खिलाफ एक मजबूत मामला बनता है और एक राजनीतिक कार्यकर्ता होने के नाते वह इस चरण में जमानत पर रिहा होने की सूरत में सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं.

इससे पहले, एक मजिस्ट्रेट अदालत ने पांच जनवरी को गोखले की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया था. अहमदाबाद की साइबर अपराध शाखा ने इस मामले में गोखले को 30 दिसंबर को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 467 (जालसाजी) के तहत आरोप लगे हैं. अहमदाबाद शहर के एक निवासी की शिकायत पर गोखले के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसने ऑनलाइन माध्यम से गोखले को 500 रुपये चंदा देने का दावा किया था.

इससे पहले दिसंबर 2022 में अहमदाबाद की एक अदालत ने मोरबी पुल हादसे के बारे में कथित तौर पर ट्वीट करने से जुड़े मामले में तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले को जमानत दे दी थी, लेकिन मोरबी पुलिस द्वारा दर्ज एक अन्य मामले में उन्हें शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया गया था. इस बारे में सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर अपराध) जितेंद्र यादव ने कहा था कि मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एम वी चौहान ने गोखले को जमानत दी. उनके अनुसार पुलिस हिरासत खत्म हो जाने पर उन्हें अदालत में पेश किया गया था.

उन्होंने बताया कि लेकिन उसके बाद उन्हें मोरबी में दर्ज किए गए एक अन्य मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उल्लेखनीय है कि एक दिसंबर को गोखले ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त एक सूचना पर आधारित खबर साझा की थी, जिसके मुताबिक पुल गिरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोरबी यात्रा पर 30 करोड़ रुपये का खर्च आया था.

ये भी पढ़ें - TMC प्रवक्ता साकेत गोखले और दक्ष पटेल के खिलाफ मानहानि की शिकायत

(इनपुट-भाषा)

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