अगरतला: एडवोकेट जनरल सिद्धार्थ शंकर दे ने तृणमूल नेता साकेत गोखले की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई थी.
उन्होंने महाधिवक्ता को पत्र लिखकर अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया था. उन्होंने सिविल सेवा अधिकारियों के एक कार्यक्रम में न्यायपालिका पर सीएम की हालिया टिप्पणी को निंदनीय करार दिया.
गोखले ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि किसी राज्य के मुख्यमंत्री सहित कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है. न्यायपालिका के आदेश प्रत्येक व्यक्ति पर समान रूप से लागू होते हैं और सार्वजनिक रूप से कहा गया है कि आरोपी, जो त्रिपुरा के मुख्यमंत्री भी हैं, का न्यायपालिका के आदेशों की अवहेलना करना न्याय प्रणाली पर सीधा हमला है.
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उनके पत्र का जवाब देते हुए, महाधिवक्ता ने इसकी प्रामाणिकता पर सवाल उठाये हैं. उन्होंने आगे कहा कि इस संबंध में मीडिया रिपोर्टों की सामग्री को मुख्यमंत्री द्वारा पहले ही सार्वजनिक रूप से खारिज कर दिया गया है.