नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता अनुब्रत मंडल ने नियमित भुगतान के बदले तस्करों को कथित तौर पर सुरक्षा प्रदान की थी. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मंडल को मवेशी तस्करी मामले की जांच में सहयोग न करने के आरोप में गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि टीएमसी के फरार नेता विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा और मंडल ने कथित पशु तस्कर इनामुल हक के सहयोगियों को सुरक्षा प्रदान की, जो इलामबाजार के एक बाजार में जानवर खरीदते थे.
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अधिकारियों ने कहा कि तस्कर राज्य प्रवर्तन एजेंसियों से मंडल और मिश्रा के कथित संरक्षण के तहत इलामबाजार से भारत-बांग्लादेश सीमा तक जानवरों को ले जाते थे. उन्होंने बताया कि उन्होंने इन मवेशियों को बांग्लादेश ले जाने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कुछ अधिकारियों की सेवाओं का इस्तेमाल किया गया. सीबीआई ने मंडल को मवेशी तस्करी मामले की जांच में सहयोग न करने के आरोप में पश्चिम बंगाल के बोलपुर में स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया.
इससे पूर्व दिन में सीबीआई के कम से कम आठ अधिकारियों का दल केंद्रीय बलों के साथ सुबह लगभग 10 बजे मंडल के आवास पर पहुंचा और जांच के तौर पर तलाश अभियान शुरू किया. अधिकारी ने बताया कि मंडल से उनके आवास की दूसरी मंजिल के एक कमरे में लगभग एक घंटे तक पूछताछ की गई. इस बीच सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि पार्टी स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए है. सांसद शांतनु सेन ने कहा कि पार्टी सही समय पर उचित निर्णय लेगी. लेकिन, हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि टीएमसी भ्रष्टाचार के किसी भी मामले में समझौता नहीं करेगी. सेन ने कहा कि पार्टी भ्रष्टाचार और गलत कृत्यों को कतई सहन नहीं करेगी.
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इस मुद्दे पर फैसला लेने के लिए तृणमूल का शीर्ष नेतृत्व शाम को बैठक कर सकता है. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि मंडल की गिरफ्तारी से साबित होता है कि सत्तारूढ़ दल भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है, और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस संबंध में एक बयान देना चाहिए. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सुजान चक्रवर्ती ने दावा किया कि मंडल ने वीरभूम जिले में खुद को कानून से ऊपर माना और टीएमसी नेतृत्व ने 'उनके गलत कृत्यों को नजरअंदाज किया.'