नई दिल्ली: टीएमसी नेता रिपुन बोरा (TMC leader Ripun Bora) ने कहा कि मैं छात्र जीवन यानी 1976 से ही कांग्रेस से जुड़ा था. लेकिन अब यह मानता हूं कि यह पार्टी (कांग्रेस) अब भाजपा से लड़ने में सक्षम नहीं है, क्योंकि पार्टी खुद ही आंतरिक लड़ाई का सामना कर रही है. मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस में मेरी मौजूदगी का कोई फायदा होगा. इसलिए मैंने टीएमसी में शामिल होने का फैसला किया.
रिपुना बोरा ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि मेरा मानना है कि तृणमूल कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति से लड़ सकती है. दरअसल, बोरा ने हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा दिया और टीएमसी में शामिल हुए हैं. अपने त्याग पत्र में बोरा ने कहा कि कांग्रेस के भीतर चल रही आंतरिक लड़ाई ने पार्टी को कहीं नहीं छोड़ा है. मैंने कांग्रेस छोड़ दी है, क्योंकि पार्टी के नेताओं के साथ मेरा वैचारिक मतभेद था. पार्टी में कोई नेतृत्व नहीं है और भाजपा से वे नहीं लड़ सकते हैं.
बोरा ने कहा कि कांग्रेस में शीर्ष नेताओं और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के बीच कोई तालमेल नहीं है. कांग्रेस से बोरा का इस्तीफा निश्चित रूप से कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि वे 1976 से पार्टी से जुड़े हुए थे. वह कांग्रेस शासनकाल में राज्यमंत्री रह चुके हैं. असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (APCC) के अध्यक्ष के रूप में दो बार असम कांग्रेस का नेतृत्व कर चुके हैं. चार दशकों से अधिक समय तक कांग्रेस से जुड़े रहने के कारण बोरा का, राज्य में बड़ा जनाधार है. हालांकि हाल ही में 31 मार्च को हुए राज्यसभा चुनाव में वे भाजपा प्रतिद्वंद्वी से हार गए.
बोरा ने चुनाव की बात करते हुए कहा कि मुझे भरोसा था कि सीट जीतूंगा लेकिन कुछ नेताओं ने मुझे धोखा दे दिया. कांग्रेस को दिये त्यागपत्र में बोरा ने सोनिया गांधी को इस मुद्दे की जानकारी दी थी. हालांकि कांग्रेस में शीर्ष नेतृत्व बदलने की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर बोरा ने कोई टिप्पणी करने से इनकार किया. यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में टीएमसी खुद को पेश करेगी? बोरा ने कहा कि टीएमसी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो बीजेपी को हरा सकती है. बोरा ने कहा कि वर्तमान में कोई अन्य पार्टी नहीं है, जो भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकती है.
गौरतलब है कि पार्टी में शामिल होने के तुरंत बाद टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने टीएमसी की असम इकाई को असम-तृणमूल कांग्रेस का नाम दिया है. बोरा ने कहा कि मैं टीएमसी के स्वयंसेवक के रूप में काम करूंगा और पार्टी को फिर से जीवंत करूंगा. हाल के दिनों में कांग्रेस की पूर्व दिग्गज सुष्मिता देब ने भी कांग्रेस छोड़ दी और टीएमसी में शामिल हो गईं. देब ने कहा कि रिपुन बोरा के पार्टी में शामिल होने से हमें विश्वास है कि असम के साथ-साथ पूरे पूर्वोत्तर में टीएमसी और मजबूत होगी.