नई दिल्ली : समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन को लेकर भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार को प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया.विपक्षी दलों ने संसद में इसका तीखा विरोध किया. इसे लेकर विपक्षी दलों ने मोदी सरकार की आलोचना की और सदन के सभापति, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से कानून को स्वीकार नहीं करने का आग्रह किया. उनका तर्क था कि ये राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को ध्वस्त कर देगा (tmc and congress accuses bjp over ucc).
ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रसार भारती के पूर्व सीईओ और अब टीएमसी के सांसद जवाहर सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का जिक्र करते हुए कहा, 'यह रामजन्मभूमि और कश्मीर मुद्दे जैसे उनके (भाजपा के) एजेंडे का हिस्सा है.' उन्होंने कहा कि 'यूसीसी भाजपा के मुख्य एजेंडे में भी रहा है. वे इसके माध्यम से देखना चाहते हैं कि कितना हंगामा होता है.'
इंदिरा गांधी के दौर की तुलना करते हुए उन्होंने कहा, 'हर कार्रवाई की एक समान और एक विरोधी प्रतिक्रिया होती है. आपातकाल की तरह. हालांकि यह स्थापित कानून के तहत लगाया गया था और लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन यह एक अन्यायपूर्ण कानून था. इंदिरा गांधी ने वही किया जो वह चाहती थीं.' बहुमत के बावजूद इंदिरा गांधी को विपरीत प्रतिक्रिया का गवाह बनना पड़ा और जो हुआ हम सभी जानते हैं. इसी तरह, यह (यूसीसी) बीजेपी को खतरे में डाल सकता है.'
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, 'मोदी सरकार देश के सामंजस्यपूर्ण और धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को नष्ट करने की इच्छुक है. हम एक बड़े और विविध राष्ट्र हैं और संविधान के संरक्षण के तहत हर समुदाय के अपने व्यक्तिगत कानून हैं. UCC आदिवासी विरोधी है क्योंकि यह आदिवासी समुदायों और दूसरों के अधिकारों को भी छीन लेगा.'
प्रतापगढ़ी ने कहा, 'संसद में पांचवीं बार इस मुद्दे को उठाने के साथ और अब भाजपा के एक सांसद द्वारा निजी बिल के रूप में अपनी पार्टी के अध्यक्ष की उपस्थिति में इसके पीछे अपना विचार और दृष्टि प्रकट करता है. हिमाचल प्रदेश चुनाव के दौरान भाजपा ने इसे अपने घोषणापत्र में लाने का दावा किया था. UCC में लेकिन वहां के लोगों ने इस तथ्य के बावजूद इसे खारिज कर दिया कि हिमाचल प्रदेश में 98% हिंदू हैं.'
इस मुद्दे पर जमीयत-उलेमा-ए-हिंद देवबंद के प्रमुख और प्रसिद्ध धर्मगुरु मौलाना अरशद मदनी से फोन पर बात की गई तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि देवबंद से इस पर एक शब्द कहने से विवाद हो सकता है. उन्होंने कहा कि 'मैं सही समय पर बोलूंगा जब दिल्ली में होऊंगा.'
बिल यूसीसी की तैयारी और देश भर में इसके कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय निरीक्षण और जांच समिति के गठन की मांग करता है. प्राइवेट मेंबर बिल को संसद में पारित होने के लिए सरकार के समर्थन की आवश्यकता होती है. शुक्रवार को पेश विधेयक के पक्ष में 63 और विरोध में 23 मत पड़े.
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