बेतिया: पश्चिमी चंपारण में वाल्मिकी टाइगर रिजर्व से एक बाघ बाहर निकल गया. बाघ के घनी आबादी वाले क्षेत्र में देखे जाने की सूचना आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई. लोगों में अफरा-तफरी का माहौल हो गया. बताया जाता है कि बाघ संरक्षित क्षेत्र से निकलकर पास के एक गांव में स्थित घर में घुस गया था. 7 घंटे बाद उसे काबू में किया गया. यह मामला जिले के गोनाहा थाना क्षेत्र के रूपवालिया गांव का है. यह पूरा इलाका वीटीआर यानी वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के मंगुराहा वन क्षेत्र में आता है.
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बाघ का वन विभाग ने किया रेस्क्यूः ग्रामीणों के अनुसार रूपवालिया गांव में वीटीआर से निकला एक बाघ कमलेश उरांव के घर में छिप गया था. वहां उसने कमलेश की पत्नी पर हमला बोल दिया. हालांकि कमलेश की पत्नी जान बचाकर वहां से भाग निकली. इसके बाद गांव वालों ने इसकी सूचना वन विभाग की टीम को दी. वन विभाग की टीम वहां पहुंची और घर के बाहर का इलाका पूरी तरह से जाल से घेर दिया. ताकि, बाघ का रेस्क्यू किया जा सके. वन विभाग की टीम आसपास किसी को नहीं जाने दे रही थी. घटनास्थल पर डीएफओ, रेंजर, वनपाल, वनरक्षी की पूरी टीम पहुंची और बाघ का लगभग 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सफल रेस्क्यू कर लिया गया.
बाघ को भेजा गया पटना: वन विभाग की टीम के रेस्क्यू के दौरान बाघ ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया. फिर वन विभाग की टीम बाघ को लेकर पटना निकल गई. बताया जा रहा कि बाघ वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन इलाके के मंगुराहा से निकलकर गौनाहा पहुंचा था. मंगुराहा वन इलाका से गौनाहा की दूरी करीब 3 किमी है. इसी दौरान गौनहा के रूपवालिया गांव के कमलेश उरांव के घर में घुस गया था. यह पहली बार नहीं है जब बाघ वीटीआर से निकलकर आबादी क्षेत्र में पहुंचा हो. इससे पहले भी कई बार बाघ बाहर निकलकर लोगों पर हमला कर चुका है.