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पति को ढूंढने गई पत्नी तो खेत में पति का शव खा रहा था बाघ, शोर मचाने पर भी नहीं भागा - लखीमपुर खीरी मैलानी रेंज

लखीमपुर खीरी में खेत की ओर गए किसान को बाघ ने हमलाकर मार डाला (attacked and killed by a tiger). पत्नी जब उसे खोजते हुए पहुंची तो बाघ पति का शव (husband dead body) खाता मिला. यह देख पत्नी बदहवाश हो गई. साथ गए गांववालों के काफी शोर मचाने पर बाघ वहां से नहीं हटा.

लखीमपुर खीरी
लखीमपुर खीरी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 15, 2023, 7:52 PM IST

लखीमपुर खीरी : दुधवा बफर जोन में खेत गए एक नौजवान किसान को बाघ ने अपना निवाला बना लिया. बाघ किसान के शव को खा रहा था तभी पत्नी गांववालों संग उसे ढूंढते हुए पहुंच गई. वहां का दृश्य देख पत्नी बदहवाश हो गई. साथ गए गांववालों ने शोर मचाया लेकिन बाघ शव से नहीं हटा. काफी कोशिशों के बाद बाघ वहां से गया. इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. जब प्रशासन के अधिकारी पहुंचे तब वन विभाग के अफसर भी मौके पर गए. आक्रोशित लोगों ने शव उठने नहीं दिया. वन विभाग के अफसरों ने पीड़ित परिवार को एक लाख रुपये की आर्थिक मदद दी, इसके बाद ग्रामीण माने.

लखीमपुर खीरी में बाघ के हमले में पति की मौत से बदहवास पत्नी.
लखीमपुर खीरी में बाघ के हमले में पति की मौत से बदहवास पत्नी.

शव के पास से हटने को तैयार नहीं था बाघ

दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में मैलानी रेंज के गांव बासुकपुर निवासी राजाराम का बेटा नरेंद्र (35) बुधवार वह खेत की तरफ गया था. काफी देर तक जब नरेंद्र नहीं लौटा तो उसकी पत्नी खेत की ओर उसे ढूंढने निकली. इसके बाद भी नरेंद्र का कुछ पता नहीं चला. अनहोनी की आशंका से परेशान पत्नी ने लौटकर गांव के लोगों को बताया. इसके बाद तमाम लोगों को साथ लेकर दोबारा खेत की ओर गई. गांव के लोगों के साथ खेतों में घुसकर नरेंद्र की तलाश शुरू की. इसी दौरान गन्ने के एक खेत में नरेंद्र का अधखाया शव मिला. पास ही बाघ बैठा था. यह देख लोगों ने शोर मचाना शुरू किया ताकि बाघ वहां से चला जाए. लेकिन काफी शोर मचाने के बाद बाघ खेत से निकला. इसके बाद ही गांववाले नरेंद्र के शव को बाहर ला सके.

लखीमपुर खीरी में बाघ के हमले में किसान की मौत के बाद जुटी गांववालों की भीड़.
लखीमपुर खीरी में बाघ के हमले में किसान की मौत के बाद जुटी गांववालों की भीड़.

नरेंद्र की मौत पर भड़का लोगों का गुस्सा

नरेंद्र की मौत से उसके परिवार में कोहराम मच गया. सभी का हाल बेहाल हो गया. सूचना पाकर भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के जिला अध्यक्ष बलकार सिंह और इलाके के तमाम लोग मौके पर पहुंच गए. वन विभाग के प्रति लोगों में गहरी नाराजगी थी. जबकि मैलानी वन रेंज के अधिकारी-कर्मचारी दोपहर तक मौके पर नहीं पहुंचे. इसी बीच कुकुरा पुलिस चौकी के प्रभारी मौके पर पहुंचे और कहा कि नरेंद्र के शव को सियार ने खाया होगा. जिस पर लोग भड़क गए. बमुश्किल दारोगा ने लोगों को शांत किया. आक्रोशित महिलाएं हाथों में भाला, बल्लम और डंडे लिए थीं. लोगों का गुस्सा देख पुलिस शव को कब्जे में लेने का साहस नहीं कर सकी. सूचना पर तहसीलदार और सीओ ने मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों को बुलाया. मैलानी रेंजर अनिल कुमार भी मौके पर पहुंचे.

एक लाख रुपये की दी गई मदद, तब जाकर शांत हुए लोग

अधिकारियों की मौजूदगी में पीड़ित परिवार को वन विभाग की तरफ से एक लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई. साथ ही लिखित आश्वासन दिया गया कि वह सरकार से मृतक के परिजनों को 5 लाख की आर्थिक सहायता दिलाएंगे. इस पर लोग शांत हुए और फिर पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा. बता दें कि इसी इलाके में इससे पहले भी बाघ कई जानें ले चुका है. तमाम जानवरों को निवाला बन चुका है. खेती किसानी का काम भी प्रभावित हो रहा है. लोग खेतों पर अकेले जाने से डरते हैं. वन विभाग के प्रति लोगों में गुस्सा है.

यह भी पढ़ें : Lakhimpur Kheri में खेत में चारा लेने गए किसान पर बाघ ने किया हमला, मौत

यह भी पढ़ें : लखीमपुर खीरी में बाघ ने किसान पर किया हमला, मौके पर ही मौत, ग्रामीणों में दहशत

लखीमपुर खीरी : दुधवा बफर जोन में खेत गए एक नौजवान किसान को बाघ ने अपना निवाला बना लिया. बाघ किसान के शव को खा रहा था तभी पत्नी गांववालों संग उसे ढूंढते हुए पहुंच गई. वहां का दृश्य देख पत्नी बदहवाश हो गई. साथ गए गांववालों ने शोर मचाया लेकिन बाघ शव से नहीं हटा. काफी कोशिशों के बाद बाघ वहां से गया. इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. जब प्रशासन के अधिकारी पहुंचे तब वन विभाग के अफसर भी मौके पर गए. आक्रोशित लोगों ने शव उठने नहीं दिया. वन विभाग के अफसरों ने पीड़ित परिवार को एक लाख रुपये की आर्थिक मदद दी, इसके बाद ग्रामीण माने.

लखीमपुर खीरी में बाघ के हमले में पति की मौत से बदहवास पत्नी.
लखीमपुर खीरी में बाघ के हमले में पति की मौत से बदहवास पत्नी.

शव के पास से हटने को तैयार नहीं था बाघ

दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में मैलानी रेंज के गांव बासुकपुर निवासी राजाराम का बेटा नरेंद्र (35) बुधवार वह खेत की तरफ गया था. काफी देर तक जब नरेंद्र नहीं लौटा तो उसकी पत्नी खेत की ओर उसे ढूंढने निकली. इसके बाद भी नरेंद्र का कुछ पता नहीं चला. अनहोनी की आशंका से परेशान पत्नी ने लौटकर गांव के लोगों को बताया. इसके बाद तमाम लोगों को साथ लेकर दोबारा खेत की ओर गई. गांव के लोगों के साथ खेतों में घुसकर नरेंद्र की तलाश शुरू की. इसी दौरान गन्ने के एक खेत में नरेंद्र का अधखाया शव मिला. पास ही बाघ बैठा था. यह देख लोगों ने शोर मचाना शुरू किया ताकि बाघ वहां से चला जाए. लेकिन काफी शोर मचाने के बाद बाघ खेत से निकला. इसके बाद ही गांववाले नरेंद्र के शव को बाहर ला सके.

लखीमपुर खीरी में बाघ के हमले में किसान की मौत के बाद जुटी गांववालों की भीड़.
लखीमपुर खीरी में बाघ के हमले में किसान की मौत के बाद जुटी गांववालों की भीड़.

नरेंद्र की मौत पर भड़का लोगों का गुस्सा

नरेंद्र की मौत से उसके परिवार में कोहराम मच गया. सभी का हाल बेहाल हो गया. सूचना पाकर भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के जिला अध्यक्ष बलकार सिंह और इलाके के तमाम लोग मौके पर पहुंच गए. वन विभाग के प्रति लोगों में गहरी नाराजगी थी. जबकि मैलानी वन रेंज के अधिकारी-कर्मचारी दोपहर तक मौके पर नहीं पहुंचे. इसी बीच कुकुरा पुलिस चौकी के प्रभारी मौके पर पहुंचे और कहा कि नरेंद्र के शव को सियार ने खाया होगा. जिस पर लोग भड़क गए. बमुश्किल दारोगा ने लोगों को शांत किया. आक्रोशित महिलाएं हाथों में भाला, बल्लम और डंडे लिए थीं. लोगों का गुस्सा देख पुलिस शव को कब्जे में लेने का साहस नहीं कर सकी. सूचना पर तहसीलदार और सीओ ने मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों को बुलाया. मैलानी रेंजर अनिल कुमार भी मौके पर पहुंचे.

एक लाख रुपये की दी गई मदद, तब जाकर शांत हुए लोग

अधिकारियों की मौजूदगी में पीड़ित परिवार को वन विभाग की तरफ से एक लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई. साथ ही लिखित आश्वासन दिया गया कि वह सरकार से मृतक के परिजनों को 5 लाख की आर्थिक सहायता दिलाएंगे. इस पर लोग शांत हुए और फिर पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा. बता दें कि इसी इलाके में इससे पहले भी बाघ कई जानें ले चुका है. तमाम जानवरों को निवाला बन चुका है. खेती किसानी का काम भी प्रभावित हो रहा है. लोग खेतों पर अकेले जाने से डरते हैं. वन विभाग के प्रति लोगों में गुस्सा है.

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