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इस बार नहीं मनाया जाएगा ‘त्रिशूर पूरम’ पर्व, 18 व्यापारी मिले कोरोना संक्रमित

केरल में रोजाना बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच केरल लोकप्रिय त्रिशूर पूरम फेस्टिवल का 23 अप्रैल को आयोजन होना था, लेकिन 18 दुकानदार और मजदूरों के संक्रमित पाए जाने के बाद इस फेस्टिवल को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है.

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Published : Apr 21, 2021, 8:49 AM IST

18 व्यापारी मिले कोरोना संक्रमित
18 व्यापारी मिले कोरोना संक्रमित

तिरुवनंतपुरम : केरल में अप्रैल माह में त्रिशूर पूरम उत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस उत्सव में आकर्षण का मुख्य केंद्र मंदिर से निकलने वाला हाथियों का जुलूस होता है. कई आभूषणों और रंगीन पोशाकों से पारंपरिक रूप से सजाए गए 21 हाथी अपने उपर बैठें महावत के साथ रंग-बिरंगी छतारियां, मुलायम पंखों से बने हवादार गुच्छे और मोर पंख की सहायता से जुलूस के रूप में भ्रमण करते हैं. इस मोर पंख को अलवट्टोम भी कहा जाता है.

केरल में रोजाना बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच केरल लोकप्रिय त्रिशूर पूरम फेस्टिवल का 23 अप्रैल को कड़े प्रतिबंधों के साथ आयोजन होना था, लेकिन18 दुकानदार और मजदूरों के संक्रमित पाए जाने के बाद इस फेस्टिवल को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है.

पढ़ें : केरल के प्रसिद्ध त्रिशूर पूरम उत्सव में मोर के पंख बढ़ाते है शोभा

बता दें त्रिशूर पूरम फेस्टिवल के तैयारियों के दौरान ही सबका परिक्षण किया गया था जिनमें इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इन सभी को कॉरेंटाइन में रखा गया है. वहीं कोविड-19 के कहर को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि जनता की अनुमति के बिना त्रिशूर पूरम का संचालन किया जाए. पूरम का सीधा प्रसारण देखने के लिए लोगों के लिए व्यवस्था की जाएगी. पूरम आयोजकों, महावत आदि को उत्सव में भाग लेने की अनुमति है. 'अताचैयम' और 'पाकल पूरम' नहीं होगा. कुदामट्टम अनुष्ठान थोड़े समय के लिए प्रतिबंधित होगा. प्रतिबंधों के साथ प्रमुख आतिशबाजी की जाएगी.

वहीं केरल में मंगलवार को 19,577 नए कोरोना मामले आए थे और 28 मौतें और 3,880 रिकवरी रिपोर्ट की गई थी कुल सक्रिय मामले: 1,18,673 कुल रिकवरी: 11, 48,671 मृत्यु: 4,978

तिरुवनंतपुरम : केरल में अप्रैल माह में त्रिशूर पूरम उत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस उत्सव में आकर्षण का मुख्य केंद्र मंदिर से निकलने वाला हाथियों का जुलूस होता है. कई आभूषणों और रंगीन पोशाकों से पारंपरिक रूप से सजाए गए 21 हाथी अपने उपर बैठें महावत के साथ रंग-बिरंगी छतारियां, मुलायम पंखों से बने हवादार गुच्छे और मोर पंख की सहायता से जुलूस के रूप में भ्रमण करते हैं. इस मोर पंख को अलवट्टोम भी कहा जाता है.

केरल में रोजाना बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच केरल लोकप्रिय त्रिशूर पूरम फेस्टिवल का 23 अप्रैल को कड़े प्रतिबंधों के साथ आयोजन होना था, लेकिन18 दुकानदार और मजदूरों के संक्रमित पाए जाने के बाद इस फेस्टिवल को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है.

पढ़ें : केरल के प्रसिद्ध त्रिशूर पूरम उत्सव में मोर के पंख बढ़ाते है शोभा

बता दें त्रिशूर पूरम फेस्टिवल के तैयारियों के दौरान ही सबका परिक्षण किया गया था जिनमें इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इन सभी को कॉरेंटाइन में रखा गया है. वहीं कोविड-19 के कहर को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि जनता की अनुमति के बिना त्रिशूर पूरम का संचालन किया जाए. पूरम का सीधा प्रसारण देखने के लिए लोगों के लिए व्यवस्था की जाएगी. पूरम आयोजकों, महावत आदि को उत्सव में भाग लेने की अनुमति है. 'अताचैयम' और 'पाकल पूरम' नहीं होगा. कुदामट्टम अनुष्ठान थोड़े समय के लिए प्रतिबंधित होगा. प्रतिबंधों के साथ प्रमुख आतिशबाजी की जाएगी.

वहीं केरल में मंगलवार को 19,577 नए कोरोना मामले आए थे और 28 मौतें और 3,880 रिकवरी रिपोर्ट की गई थी कुल सक्रिय मामले: 1,18,673 कुल रिकवरी: 11, 48,671 मृत्यु: 4,978

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