कोल्हापुर : महाराष्ट्र के कोल्हापुर की नन्ही पर्वतारोही अन्वी चेतन घाटगे ने एक बार फिर नई उपलब्धि हासिल की है. महज तीन साल और 5 महीने की उम्र में उसने कर्नाटक के सबसे ऊंचे मुल्लायनगिरी पर्वत के शिखर पर चढ़ने में सफलता प्राप्त की है. इसको लेकर उसकी हर तरफ तारीफ की जा रही है. बताया जाता है कि इस शिखर पर तीन से चार किलोमीटर का ट्रैक काफी कठिन है. इस दूरी को तय करने में लगभग 3 घंटे का समय लगता है. वहीं ट्रैक का शुरुआती हिस्सा ऊपर की ओर 60 डिग्री या उससे अधिक पर झुका हुआ है. इस वजह से चढ़ाई काफी कठिन होने के साथ ही ट्रैक भी झाड़ियों और घने पेड़ों से ढका हुआ है. वहीं कुछ समय बाद पहाड़ की तरफ का रास्ता और भी ज्यादा कठिन हो जाता है.
अन्वी ने 12 जनवरी को राजमाता जिजाऊ की जयंती पर समुद्र तल से 1930 मीटर ऊपर स्थित कर्नाटक के इस शिखर पर चढ़ने में कामयाब हुई. उसने यह सफलता तपती धूप और बेहद प्रतिकूल परिस्थियों के बीच महज ढाई घंटे में तय की. पर्वत की चोटी पर चढ़ने के लिए अन्वी 11 जनवरी 2023 को अपनी मां अनीता और पिता चेतन घाटगे के साथ कोल्हापुर से रवाना हुई थी. 12 जनवरी 2023 को अन्वी ने अपनी मां और पिता के अलावा रोहन माने, हर्षदा माने, चिकमगलूर वन मंडल के वन रक्षक उमेश के साथ दोपहर में मुल्लायनगिरी चोटी के शिखर पर चढ़ने की शुरुआत की थी.
अन्वी कर्नाटक में वालनगिरी की चोटी को फतह करने वाली देश की पहली और सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बन गई हैं. इस संबंध में कर्नाटक के वन संरक्षक ने भी उन्हें बधाई दी है और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया है. हाल ही में उन्हें वर्ल्ड रिकॉर्ड कमेटी द्वारा एंगस्ट माउंटेनियर की उपाधि से सम्मानित किया गया है. साथ ही अन्वी ने पन्हालगढ़ किला, पावनगढ़ किला, विशालगढ़ किला, शिवगढ़ किला, समंगड किला, परगड किला, रंगना किला, वल्लभगढ़ किला और वसोता किला जैसे कई किले की दूरी तय की है.
ये भी पढ़ें - उत्तराखंड एवलॉन्च में पर्वतारोही सविता कंसवाल की मौत, मई में पाई थी एवरेस्ट पर विजय