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भारत-चीन सीमा पर लापता हुए तीन पोर्टर की मौत, शव बर्फ में दबे मिले - Bodies of three missing porters recovered

भारत-चीन सीमा पर लापता हुए तीन पोर्टर की मौत हो गई है. पोर्टर आईटीबीपी गश्ती दल के साथ सीमा पर गए थे, लेकिन 17 अक्टूबर को बर्फबारी होने के कारण पोर्टर आईटीबीपी की टीम से बिछड़ गए थे.

पोर्टर की मौत
पोर्टर की मौत
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Published : Oct 21, 2021, 8:16 AM IST

देहरादून : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लापता तीन पोर्टर के शव बरामद कर लिए गए हैं. पोर्टर भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) गश्ती दल के साथ सीमा पर गए थे. पोर्टरों के शव आइटीबीपी की नीलापानी चौकी से डेढ़ किलोमीटर दूर सीमा की ओर बर्फ में दबे मिले.

आईटीबीपी के तीनों पोर्टर के नाम संजय सिंह (24) पुत्र दलबीर सिंह, राजेंद्र सिंह (25) पुत्र बृजमोहन और दिनेश चौहान (23) पुत्र भरत सिंह चौहान हैं, जो उत्तरकाशी के रहने वाले थे.

बता दें, 15 अक्टूबर को ITBP की गश्त एलआरपी टीम के साथ तीन पोर्टर भारत-चीन नीलापानी अंतरराष्ट्रीय सीमा के लिए रवाना हुए थे. गश्त के बाद टीम वापस लौटी. टीम के साथ पोर्टर भी वापस लौट रहे थे, लेकिन 17 अक्टूबर को बर्फबारी होने के कारण पोर्टर आईटीबीपी की टीम से बिछड़ गए. इन पोर्टरों को 18 अक्टूबर को वापस नीलापानी स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस की चौकी पर लौटना था.

वहीं, आईटीबीपी की टीम ने पोर्टर की तलाश के लिए 18 और 19 अक्टूबर को राहत-बचाव अभियान चलाया. अन्य पांच पोर्टरों को भी उन्हें ढूंढने के लिए भेजा गया, लेकिन तीनों का कुछ पता नहीं लग पाया. उसके बाद ITBP ने मंगलवार देर शाम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से हेली रेस्क्यू के लिए मदद मांगी, लेकिन आपदा प्रबंधन के पास इस तरह के हेलीकॉप्टर नहीं हैं जो चार हजार से लेकर साढ़े चार हजार मीटर तक की ऊंचाई पर रेस्क्यू कर सकें.

यह भी पढ़ें- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उत्तराखंड दौरे पर, अब तक 46 लोगों की हो चुकी है मौत

देहरादून : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लापता तीन पोर्टर के शव बरामद कर लिए गए हैं. पोर्टर भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) गश्ती दल के साथ सीमा पर गए थे. पोर्टरों के शव आइटीबीपी की नीलापानी चौकी से डेढ़ किलोमीटर दूर सीमा की ओर बर्फ में दबे मिले.

आईटीबीपी के तीनों पोर्टर के नाम संजय सिंह (24) पुत्र दलबीर सिंह, राजेंद्र सिंह (25) पुत्र बृजमोहन और दिनेश चौहान (23) पुत्र भरत सिंह चौहान हैं, जो उत्तरकाशी के रहने वाले थे.

बता दें, 15 अक्टूबर को ITBP की गश्त एलआरपी टीम के साथ तीन पोर्टर भारत-चीन नीलापानी अंतरराष्ट्रीय सीमा के लिए रवाना हुए थे. गश्त के बाद टीम वापस लौटी. टीम के साथ पोर्टर भी वापस लौट रहे थे, लेकिन 17 अक्टूबर को बर्फबारी होने के कारण पोर्टर आईटीबीपी की टीम से बिछड़ गए. इन पोर्टरों को 18 अक्टूबर को वापस नीलापानी स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस की चौकी पर लौटना था.

वहीं, आईटीबीपी की टीम ने पोर्टर की तलाश के लिए 18 और 19 अक्टूबर को राहत-बचाव अभियान चलाया. अन्य पांच पोर्टरों को भी उन्हें ढूंढने के लिए भेजा गया, लेकिन तीनों का कुछ पता नहीं लग पाया. उसके बाद ITBP ने मंगलवार देर शाम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से हेली रेस्क्यू के लिए मदद मांगी, लेकिन आपदा प्रबंधन के पास इस तरह के हेलीकॉप्टर नहीं हैं जो चार हजार से लेकर साढ़े चार हजार मीटर तक की ऊंचाई पर रेस्क्यू कर सकें.

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