झालावाड़. राजस्थान के झालावाड़ जिले के तीन नाबालिग दोस्त अपनी आर्थिक स्थिति से तंग आकर गुरुवार को रोजगार की तलाश में बड़े शहर की ओर निकल पड़े. तीनों बालक स्कूल की छुट्टी के बाद घर नहीं लौटे, जिसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचित किया. पुलिस ने तीनों बालकों को कोटा से दस्तयाब कर लिया.
तीनों दोस्त स्कूल के बाद नहीं लौटे घर : पुलिस अधीक्षक रिचा तोमर ने बताया कि गुरुवार को गायत्री कॉलोनी निवासी मंजू बाई ने कोतवाली थाने में एक रिपोर्ट दी थी. उन्होंने बताया कि उनका 11 वर्षीय बेटा जवाहर कॉलोनी के एक सरकारी स्कूल में पढ़ता है. गुरुवार को भी वह विद्यालय पढ़ने के लिए गया था, लेकिन शाम तक घर नहीं लौटा. बाद में जब स्कूल के टीचर से उन्होंने फोन पर बात की तो पता चला कि वो स्कूल की छुट्टी होने के बाद घर की ओर निकल गया था. परिजनों ने बेटे के दो दोस्तों के परिजनों से भी संपर्क किया तो पता चला कि वह दोनों भी स्कूल की छुट्टी होने के बाद घर नहीं लौटे हैं.
फोटो और हुलिए के आधार पर खोजा : पुलिस ने महिला की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ बालकों के अपहरण करने का मामला दर्ज कर लिया था. कोतवाली पुलिस एक्टिव मोड पर आ गई और आनन-फानन में स्कूल के आसपास लगे हुए दर्जनों सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया. एडिशनल एसपी चिरंजीलाल मीणा और डीएसपी मुकुल शर्मा के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया और बालकों के फोटोग्राफ और हुलिए के आधार पर आसपास के इलाकों के समस्त थाना अधिकारियों को इश्तिहार जारी किए गए. तभी अचानक पुलिस को गायब हुए बालकों के कोटा में होने की सूचना मिली.
कोटा से किया दस्तयाब : इसके बाद पुलिस टीम को कोटा के लिए रवाना किया गया, जहां गायब हुए तीनों बालकों को पुलिस ने दस्तयाब कर लिया. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बालकों ने स्कूल के बाद गायब होने का कारण अपनी मर्जी से पढ़ाई छोड़कर रोजगार की तलाश में कोटा जाना बताया है. पुलिस ने तीनों बालकों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया है और परिजनों को सूचना भिजवा दी गई है.