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विशाखापत्तनम : नौसैनिक अड्डे का तीन किलोमीटर क्षेत्र 'नो फ्लाई जोन' - ड्रोन उड़ने के मामले

आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में नौसैनिक अड्डे की तीन किलोमीटर की परिधि (Three kilometre perimetre) को 'नो फ्लाई जोन' (No Fly Zone) घोषित किया गया है. इस इलाके में ड्रोन या मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) सहित किसी भी गैर-पारंपरिक हवाई वस्तुओं को उड़ाने से प्रतिबंधित किया गया है.

विशाखापत्तनम में नौसैनिक अड्डे
विशाखापत्तनम में नौसैनिक अड्डे
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Published : Jul 2, 2021, 10:51 PM IST

विशाखापत्तनम : भारतीय नौसेना प्रतिष्ठानों की परिधि से 3 किलोमीटर के क्षेत्र को 'नो फ्लाई जोन' के रूप में चिन्हित किया गया है. सभी व्यक्तियों और नागरिक एजेंसियों को इन क्षेत्रों के भीतर ड्रोन या मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) सहित किसी भी गैर-पारंपरिक हवाई वस्तुओं को उड़ाने से प्रतिबंधित किया गया है.

नौसेना उड़ती हुई किसी भी गैर-पारंपरिक हवाई वस्तु को नष्ट या जब्त कर लेगी. शुक्रवार को यहां नौसेना की एक विज्ञप्ति के अनुसार, आदेशों का उल्लंघन करने वाले ऑपरेटर पर भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए जाएंगे.

उड़ान संचालन से पहले लेनी होगी इजाजत

इसके साथ ही यह दोहराया गया कि किसी भी ऑपरेटर या सिविल/सरकारी एजेंसी द्वारा ड्रोन के उपयोग के लिए अनुमोदन गृह मंत्रालय से कराना जरूरी है. साथ ही कहा गया है कि निर्धारित उड़ान संचालन से कम से कम एक सप्ताह पहले नागरिक उड्डयन महानिदेशक (डीजीसीए) से अनुमोदन जरूरी है. अनुमोदन पत्र की एक प्रति मुख्यालय पूर्वी नौसेना कमान/(कमांड सुरक्षा अधिकारी) और संबंधित नौसेना स्टेशन को जमा करनी होगी.

पढ़ें- पहली बार ड्रोन से आतंकी हमला, जम्मू के टेक्निकल एयरपोर्ट में 5 मिनट के अंदर 2 ब्लास्ट

गौरतलब है कि हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में सेना से जुड़े ठिकानों के आसपास ड्रोन उड़ने के मामले सामने आए हैं. माना जा रहा है एहतियात के तौर पर नौसेना ने यह कदम उठाया है.

पढ़ें- ड्रोन की बिक्री, भंडारण, उपयोग और परिवहन पर प्रतिबंध

विशाखापत्तनम : भारतीय नौसेना प्रतिष्ठानों की परिधि से 3 किलोमीटर के क्षेत्र को 'नो फ्लाई जोन' के रूप में चिन्हित किया गया है. सभी व्यक्तियों और नागरिक एजेंसियों को इन क्षेत्रों के भीतर ड्रोन या मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) सहित किसी भी गैर-पारंपरिक हवाई वस्तुओं को उड़ाने से प्रतिबंधित किया गया है.

नौसेना उड़ती हुई किसी भी गैर-पारंपरिक हवाई वस्तु को नष्ट या जब्त कर लेगी. शुक्रवार को यहां नौसेना की एक विज्ञप्ति के अनुसार, आदेशों का उल्लंघन करने वाले ऑपरेटर पर भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए जाएंगे.

उड़ान संचालन से पहले लेनी होगी इजाजत

इसके साथ ही यह दोहराया गया कि किसी भी ऑपरेटर या सिविल/सरकारी एजेंसी द्वारा ड्रोन के उपयोग के लिए अनुमोदन गृह मंत्रालय से कराना जरूरी है. साथ ही कहा गया है कि निर्धारित उड़ान संचालन से कम से कम एक सप्ताह पहले नागरिक उड्डयन महानिदेशक (डीजीसीए) से अनुमोदन जरूरी है. अनुमोदन पत्र की एक प्रति मुख्यालय पूर्वी नौसेना कमान/(कमांड सुरक्षा अधिकारी) और संबंधित नौसेना स्टेशन को जमा करनी होगी.

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गौरतलब है कि हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में सेना से जुड़े ठिकानों के आसपास ड्रोन उड़ने के मामले सामने आए हैं. माना जा रहा है एहतियात के तौर पर नौसेना ने यह कदम उठाया है.

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