कोटद्वार: अंकिता भंडारी हत्या मामले (ankita bhandari murder case) में कोटद्वार पुलिस लगातार एक्शन में है. पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश (three accused appeared in court) किया. जहां से आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में (judicial custody for accused in Ankita murder case ) जेल भेजा गया है. पुलिस ने पूछताछ के बाद आरोपियों को पौड़ी जिला जेल भेज दिया है. रिजॉर्ट में हुई इस घटना के बाद सीएम धामी भी एक्शन में हैं. सीएम धामी ने सभी जिलाधिकारियों को जिलों में बने अवैध रिजॉर्ट पर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं. साथ ही रिजॉर्ट में काम करने वालों का ब्यौरा उपलब्ध करवाने की भी बात कही है.
पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित, रिजॉर्ट के मैनेजर एक अन्य कर्मचारी को गिरफ्तार कर कोटद्वार बेस अस्पताल ले जाया गया. जहां सभी का मेडिकल करवाया गया. सभी से पूछताछ की जा रही है. कोटद्वार पुलिस ने तीनों आरोपियों से पूछताछ कर पौड़ी जिला जेल भेज दिया है. पुलिस ने बताया अंकिता भंडारी पिछले 5 दिनों से गुमशुदा चल रही थी. आरोपियों के बयान के बाद अंकिता के शव की SDRF के जवान खोजबीन कर रहे हैं.
पटवारी को किया गया निलंबित: अंकिता हत्याकांड को लेकर लोगों में भी खासा आक्रोश देखा जा रहा है. हत्याकांड के विरोध में आम जनता और विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने भी आज डीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. सभी ने हत्याकांड के दोषियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग की. जिसके बाद मामले में राजस्व उप निरीक्षक की लापरवाही सामने आने पर जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने संबंधित पटवारी विवेक कुमार को निलंबित कर दिया है. साथ ही विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं.
बीजेपी नेता का बेटा है आरोपी: मामले में बीजेपी नेता के पुत्र पुलकित आर्य को भी गिरफ्तार (Pulkit Arya arrested) किया है. पुलिकत आर्य विनोद आर्य का बेटा है. विनोद आर्य बीजेपी में जाना माना नाम हैं. मौजूदा समय में वह ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं. इसके साथ ही यूपी के सह प्रभारी हैं. उनका दूसरा बेटा अंकित आर्य को भी राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त है. अंकित आर्य को तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए राज्य पिछड़ा आयोग में उपाध्यक्ष का पद दिया गया था.
एक्शन में सीएम धामी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में संचालित हो रहे समस्त रिजॉर्ट की जांच करने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए हैं. साथ ही साथ उन्होंने कहा कि जो रिज़ार्ट अवैध बने हैं या अवैधानिक रूप से संचालित हैं उनके विरुद्ध तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए. प्रदेश भर में स्थित होटल, रिजॉर्ट, गेस्ट हाउस आदि में कार्य करने वाले कर्मचारियों से भी उनकी स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की जाए और सामने आने वाली शिकायतों को भी गंभीरता से लिया जाए.