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घर पर बिना किसी सुरक्षा के पैक हो रहे थे आरटीपीसीआर स्वाब स्टिक, आरोपी गिरफ्तार - packing rtpcr swab sticks at home

महाराष्ट्र के ठाणे में हजारों कोरोना आरटीपीसीआर स्वाब स्टिक एक घर पर बिना किसी सुरक्षा पैक हो रहे थे. इसका एक वीडियो वायरल हो रहा है. ऐसा करने वाले मुख्य आरोपी को पुलिस ने पकड़ लिया है.

आरटीपीआर स्वाब स्टिक
आरटीपीआर स्वाब स्टिक
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Published : May 10, 2021, 11:01 PM IST

मुंबई : कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है. उसी बीच ठाणेके उल्हासनगर से चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां कोरोना स्वाब परीक्षण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली किट बिना किसी सुरक्षा के घर पर ही पैक की जा रही है. इस मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने आरोपी मनीष केशवानी को गिरफ्तार कर लिया.

इस घटना का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि घर में महिलाएं और बच्चे स्वाब स्टिक पैक कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार एक ठेकेदार ने महिलाओं को यह काम दिया था.

घर पर पैक हो रहे थे आरटीपीआर स्वाब स्टिक

महिलाओं को एक हजार स्टिक पैक करने के लिए 20 रुपये दिए जाते हैं. इस क्षेत्र में रहने वालों की वित्तीय स्थिति का लाभ उठाते हुए ठेकेदार ने महिलाओं को ये काम सौंपा है.

काम करते समय किसा ने भी मास्क नहीं लगाया था और न ही सैनिटाइजर का उपयोग किया गया. यहां कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बनाए गए सभी नियमों का उल्लंघन करते हुए स्वाब स्टिक पैक किए जा रहे थे.

पढ़ें :- कोरोना महामारी : वैक्सीन नीति पर उठते सवाल

एक एफडीए अधिकारी की शिकायत पर उल्हासनगर पुलिस स्टेशन में मनीष केशवानी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. शिकायत दर्ज होने के बाद से मनीष लापता हो गया था. वह इन परीक्षण किटों पर लगाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय ब्रांड नामों का दुरुपयोग कर रहा था. पुलिस को इस मामले में बड़े रैकेट का शक था जिसके बाद उल्हासनगर में पुलिस ने उसके कारखाने पर छापा मारा और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

डॉ. राजा रिजवानी, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि पुलिस और एफडीए के अधिकारियों ने कार्रवाई की. इन किटों का उत्पादन स्थानीय स्तर पर ठाणे में किया जा रहा था जो सुपक्षित नहीं था. उन्होंने वार्ड अधिकारी और अन्य लोगों से इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कहा है.

मुंबई : कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है. उसी बीच ठाणेके उल्हासनगर से चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां कोरोना स्वाब परीक्षण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली किट बिना किसी सुरक्षा के घर पर ही पैक की जा रही है. इस मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने आरोपी मनीष केशवानी को गिरफ्तार कर लिया.

इस घटना का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि घर में महिलाएं और बच्चे स्वाब स्टिक पैक कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार एक ठेकेदार ने महिलाओं को यह काम दिया था.

घर पर पैक हो रहे थे आरटीपीआर स्वाब स्टिक

महिलाओं को एक हजार स्टिक पैक करने के लिए 20 रुपये दिए जाते हैं. इस क्षेत्र में रहने वालों की वित्तीय स्थिति का लाभ उठाते हुए ठेकेदार ने महिलाओं को ये काम सौंपा है.

काम करते समय किसा ने भी मास्क नहीं लगाया था और न ही सैनिटाइजर का उपयोग किया गया. यहां कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बनाए गए सभी नियमों का उल्लंघन करते हुए स्वाब स्टिक पैक किए जा रहे थे.

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एक एफडीए अधिकारी की शिकायत पर उल्हासनगर पुलिस स्टेशन में मनीष केशवानी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. शिकायत दर्ज होने के बाद से मनीष लापता हो गया था. वह इन परीक्षण किटों पर लगाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय ब्रांड नामों का दुरुपयोग कर रहा था. पुलिस को इस मामले में बड़े रैकेट का शक था जिसके बाद उल्हासनगर में पुलिस ने उसके कारखाने पर छापा मारा और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

डॉ. राजा रिजवानी, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि पुलिस और एफडीए के अधिकारियों ने कार्रवाई की. इन किटों का उत्पादन स्थानीय स्तर पर ठाणे में किया जा रहा था जो सुपक्षित नहीं था. उन्होंने वार्ड अधिकारी और अन्य लोगों से इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कहा है.

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