कोलकाता : अभिनेता से नेता बने तृणमूल कांग्रेस के सांसद दीपक अधिकारी उर्फ देव ने कहा कि पक्के घरों वाले लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत धन नहीं मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह सही और गलत के बीच अंतर करने में संकोच नहीं करेंगे, भले ही उनकी अपनी पार्टी के किसी व्यक्ति द्वारा कुछ अनुचित किया गया हो. उनकी टिप्पणी विपक्षी भाजपा के आरोपों की पृष्ठभूमि में आई है, जिनमें कहा गया है कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) नियंत्रित पंचायतों में ग्रामीण गरीबों के लिए आवास योजना पीएमएवाई के तहत पात्र लोगों को धन नहीं मिल रहा है.
दो केंद्रीय दलों ने हाल ही में प्रखंड विकास अधिकारी और ग्रामीणों से मिलने तथा स्थिति का पता लगाने के लिए मालदा व पश्चिम मेदिनीपुर जिलों का दौरा किया. देव ने सोमवार को पश्चिम मेदिनीपुर जिले में अपने घाटाल लोकसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में संवाददाताओं से कहा, "जो गलत है, उसे स्वीकार किया जाना चाहिए, भले ही उसे हमारी पार्टी से ही किसी ने अंजाम दिया हो. जिन गरीबों के सिर पर पक्की छत नहीं है, उन्हें सरकार की ग्रामीण आवास योजना की निधि मिलनी चाहिए, न कि उन्हें जिनके पहले से ही एक या दो मंजिला भवन हैं." उन्होंने कहा, "पीएमएवाई निधि पाने वाले अपात्र लोगों के उदाहरण हो सकते हैं, लेकिन टीएमसी के शीर्ष नेतृत्व इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे."
पार्टी सांसद की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि पीएमएवाई लाभार्थियों के निर्धारण के लिए कुछ मानदंड हैं और राज्य सरकार हमेशा उनका पालन करती है. उन्होंने कहा, "लाभार्थियों की सूची पूरी तरह से कुछ मापदंडों के आधार पर प्रशासन द्वारा तैयार की जाती है. यदि कोई विसंगतियां हैं, तो उन्हें प्रशासन द्वारा दूर किया जाएगा." भाजपा ने जमीनी वास्तविक स्थिति पर बोलने के लिए हालांकि सांसद की सराहना की. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, "या तो दो बार के सांसद ने आखिरकार सच बोलने की हिम्मत जुटाई है कि पक्के घरों वाले लोगों को गरीबों को वंचित रखकर पीएमएवाई निधि मिल रही है या वह अब तक अपने निर्वाचन क्षेत्र की स्थिति से अनजान थे और अचानक इस मुद्दे पर नींद से जाग गए हैं."
(पीटीआई-भाषा)