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इसरो ने गगनयान के लिए तरल प्रणोदक इंजन का उष्ण परीक्षण किया

इसरो ने अपने गगनयान कार्यक्रम के लिए तरल प्रणोदक इंजन विकास (liquid propellant Vikas engine ) का तीसरा लंबी अवधि का सफल उष्ण परीक्षण किया. गगनयान अंतरिक्ष भेजे जाने वाला देश का पहला मानवयुक्त मिशन है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 14, 2021, 10:35 PM IST

बेंगलुरु : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( Indian Space Research Organisation) (इसरो) ने बुधवार को अपने गगनयान कार्यक्रम के लिए तरल प्रणोदक इंजन विकास (liquid propellant Vikas engine ) का तीसरा लंबी अवधि का सफल उष्ण परीक्षण किया. गगनयान अंतरिक्ष भेजे जाने वाला देश का पहला मानवयुक्त मिशन है.

इसरो ने एक बयान में कहा कि यह परीक्षण गगनयान कार्यक्रम (Gaganyaan programme) के लिए इंजन योग्यता जरूरत के तहत जीएसएलवी एमके 3 यान के एल 110 तरल चरण के लिए किया गया. इसमें कहा गया है कि इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी), महेंद्रगिरि, तमिलनाडु के परीक्षण केंद्र में इंजन को 240 सेकंड के लिए प्रक्षेपित किया गया.

बयान के अनुसार इस दौरान इंजन ने परीक्षण के उद्देश्यों को पूरा किया और परीक्षण की पूरी अवधि के दौरान इंजन मानक अनुमानों के अनुरूप थे. गगनयान कार्यक्रम का मकसद किसी भारतीय प्रक्षेपण यान से मानव को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजने और उन्हें वापस धरती पर लाने की क्षमता प्रदर्शित करना है.

यह भी पढ़ें- इसरो की प्रक्षेपण गतिविधि शुरू, जानें अगली याेजना

केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh ) ने इस साल फरवरी में कहा था कि पहला मानव रहित मिशन दिसंबर 2021 में तथा दूसरा मानव रहित मिशन 2022-23 में और उसके बाद मानव सहित अंतरिक्ष यान की योजना है.

(पीटीआई भाषा)

बेंगलुरु : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( Indian Space Research Organisation) (इसरो) ने बुधवार को अपने गगनयान कार्यक्रम के लिए तरल प्रणोदक इंजन विकास (liquid propellant Vikas engine ) का तीसरा लंबी अवधि का सफल उष्ण परीक्षण किया. गगनयान अंतरिक्ष भेजे जाने वाला देश का पहला मानवयुक्त मिशन है.

इसरो ने एक बयान में कहा कि यह परीक्षण गगनयान कार्यक्रम (Gaganyaan programme) के लिए इंजन योग्यता जरूरत के तहत जीएसएलवी एमके 3 यान के एल 110 तरल चरण के लिए किया गया. इसमें कहा गया है कि इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी), महेंद्रगिरि, तमिलनाडु के परीक्षण केंद्र में इंजन को 240 सेकंड के लिए प्रक्षेपित किया गया.

बयान के अनुसार इस दौरान इंजन ने परीक्षण के उद्देश्यों को पूरा किया और परीक्षण की पूरी अवधि के दौरान इंजन मानक अनुमानों के अनुरूप थे. गगनयान कार्यक्रम का मकसद किसी भारतीय प्रक्षेपण यान से मानव को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजने और उन्हें वापस धरती पर लाने की क्षमता प्रदर्शित करना है.

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केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh ) ने इस साल फरवरी में कहा था कि पहला मानव रहित मिशन दिसंबर 2021 में तथा दूसरा मानव रहित मिशन 2022-23 में और उसके बाद मानव सहित अंतरिक्ष यान की योजना है.

(पीटीआई भाषा)

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