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हरिद्वार कुंभ का तीसरा दिन, 13 अखाड़ों के संतों ने किया शाही स्नान

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Published : Apr 14, 2021, 11:21 PM IST

हरिद्वार कुंभ-2021 के तीसरे दिन तड़के चार बजे से हरकी पैडी स्थित ब्रह्मकुण्ड को अखाड़ों को शाही स्नान के लिए आरक्षित किया गया. अखाड़ों में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया. इस दौरान 13 अखाड़ों के संतों ने ब्रह्मकुण्ड में शाही स्नान किया.

महाकुंभ का तीसरा दिन
महाकुंभ का तीसरा दिन

हरिद्वार (उत्तराखंड) : कुंभ मेले के तीसरे शाही स्नान पर सभी 13 अखाड़ों के संतों ने हरकी पैडी स्थित ब्रहमकुण्ड में पवित्र गंगा स्नान किया. बुधवार तड़के चार बजे से ब्रह्मकुण्ड को अखाड़ों के शाही स्नान के लिए आरक्षित करते हुए आम श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया था. अखाड़ा परिषद द्वारा क्रम के अनुसार सबसे पहले निरंजनी अखाड़े के संत आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के नेतृत्व में स्नान के लिए हरकी पैड़ी पहुंचे. निरंजनी अखाड़े के साथ आनंद अखाड़े के सतों ने आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानन्द गिरि के नेतृत्व में शाही स्नान किया.

महाकुंभ का तीसरा दिन
महाकुंभ का तीसरा दिन

इसके बाद जूना अखाड़े के नेतृत्व में अग्नि, आह्वान अखाड़ों ने स्नान किया. जूना, अग्नि, आह्वान अखाड़ों के साथ ही किन्नर अखाड़े की संतों ने भी ब्रह्मकुण्ड पर स्नान किया. तीसरे नंबर पर महानिर्वाणी व अटल अखाड़े के संतों ने शाही स्नान किया. इसके बाद तीनों वैष्णव अणी अखाड़ों निर्मोही, निर्वाणी और दिगंबर के संत स्नान के लिए पहुंचे. अगले क्रम में श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन व श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन के साथ तथा अंत में निर्मल अखाड़े के संतों ने शाही स्नान किया. स्नान के लिए सभी अखाड़ों को हाईवे से हरकी पैड़ी भेजा गया.

महाकुंभ का तीसरा दिन
महाकुंभ का तीसरा दिन

पढ़ेंः कुंभ मेला की अवधि घटी या नहीं, मेला अधिकारी को सूचना नहीं!

इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर भारी सुरक्षा बल तैनात रहा. कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल, मेला एसएसपी जन्मजेय खंंडूरी सहित तमाम उच्चाधिकारी सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लेते रहे. कोरोना संक्रमित होने के कारण अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि स्नान और निरंजनी अखाड़े के शाही जुलूस में शामिल नहीं हो सकें. अखाड़ों का स्‍नान शाम पांच बजे तक चलता रहा.

महाकुंभ का तीसरा दिन
महाकुंभ का तीसरा दिन

पढ़ेंः बीजेपी प्रवक्ता ने माना कुंभ की अपार भीड़ चिंताजनक, फैल सकती है त्रासदी

हालांकि, कोरोना के खतरे के मद्देनजर लागू करायी गई एसओपी की वजह से इस बार शाही स्‍नान में पिछले कुंभ पर्वों की अपेक्षा श्रद्धालुओं की संख्‍या कम रही. 2010 के कुंभ में बैसाखी के शाही स्नान पर तकरीबन डेढ़ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई थी. वहीं, आज 2010 के मुकाबले केवल 10% श्रद्धालु ही हरिद्वार पहुंचे. मेला प्रशासन के अनुसार संपूर्ण कुंभ मेला क्षेत्र में स्नानार्थियों की संख्या 13,51,631 रही.

हरिद्वार (उत्तराखंड) : कुंभ मेले के तीसरे शाही स्नान पर सभी 13 अखाड़ों के संतों ने हरकी पैडी स्थित ब्रहमकुण्ड में पवित्र गंगा स्नान किया. बुधवार तड़के चार बजे से ब्रह्मकुण्ड को अखाड़ों के शाही स्नान के लिए आरक्षित करते हुए आम श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया था. अखाड़ा परिषद द्वारा क्रम के अनुसार सबसे पहले निरंजनी अखाड़े के संत आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के नेतृत्व में स्नान के लिए हरकी पैड़ी पहुंचे. निरंजनी अखाड़े के साथ आनंद अखाड़े के सतों ने आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानन्द गिरि के नेतृत्व में शाही स्नान किया.

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इसके बाद जूना अखाड़े के नेतृत्व में अग्नि, आह्वान अखाड़ों ने स्नान किया. जूना, अग्नि, आह्वान अखाड़ों के साथ ही किन्नर अखाड़े की संतों ने भी ब्रह्मकुण्ड पर स्नान किया. तीसरे नंबर पर महानिर्वाणी व अटल अखाड़े के संतों ने शाही स्नान किया. इसके बाद तीनों वैष्णव अणी अखाड़ों निर्मोही, निर्वाणी और दिगंबर के संत स्नान के लिए पहुंचे. अगले क्रम में श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन व श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन के साथ तथा अंत में निर्मल अखाड़े के संतों ने शाही स्नान किया. स्नान के लिए सभी अखाड़ों को हाईवे से हरकी पैड़ी भेजा गया.

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इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर भारी सुरक्षा बल तैनात रहा. कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल, मेला एसएसपी जन्मजेय खंंडूरी सहित तमाम उच्चाधिकारी सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लेते रहे. कोरोना संक्रमित होने के कारण अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि स्नान और निरंजनी अखाड़े के शाही जुलूस में शामिल नहीं हो सकें. अखाड़ों का स्‍नान शाम पांच बजे तक चलता रहा.

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हालांकि, कोरोना के खतरे के मद्देनजर लागू करायी गई एसओपी की वजह से इस बार शाही स्‍नान में पिछले कुंभ पर्वों की अपेक्षा श्रद्धालुओं की संख्‍या कम रही. 2010 के कुंभ में बैसाखी के शाही स्नान पर तकरीबन डेढ़ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई थी. वहीं, आज 2010 के मुकाबले केवल 10% श्रद्धालु ही हरिद्वार पहुंचे. मेला प्रशासन के अनुसार संपूर्ण कुंभ मेला क्षेत्र में स्नानार्थियों की संख्या 13,51,631 रही.

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