नई दिल्ली : लोकसभा से 95 और राज्यसभा से 46 सांसदों को निलंबित करने के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को विपक्षी दलों पर हमला बोला. केंद्रीय मंत्री ने कहा,'वे नहीं चाहते कि सदन चले और वे हर चीज में राजनीति करना चाहते हैं.' सदन अध्यक्ष ने सचिव गृह को पत्र लिखकर मुझे उच्च स्तरीय जांच कराने का निर्देश दिया है.
नई संसद की सुरक्षा बढ़ाने के लिए डीजी सीआरपीएफ की देखरेख में एक कमेटी का भी गठन किया गया है. एक तरफ जांच चल रही है और दूसरी तरफ विपक्ष नहीं चाहता कि सदन चले. राहुल गांधी कहते रहे हैं कि बेरोजगारी के कारण ये सब हुआ. प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा,'क्या राहुल गांधी इन सबका समर्थन करते हैं? ये कैसा गैरजिम्मेदाराना बयान है? 'वे (विपक्ष) हर चीज में राजनीति करना चाहते हैं.'
संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बयान की विपक्ष की मांग पर हंगामे के बाद लोकसभा से 95 और राज्यसभा से 46 सहित कुल 141 सांसदों को निलंबित कर दिया गया. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी I.N.D.I.A. ब्लॉक के सीट बंटवारे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में जो कुछ भी हुआ, उसकी जानकारी सभी को है.
मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में जो कुछ हुआ, उससे सभी वाकिफ हैं. जोशी ने कहा, 'अखिलेश यादव ने कमलनाथ के बारे में क्या कहा और अरविंद केजरीवाल ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के बारे में क्या कहा, यह सभी जानते हैं.' INDI गठबंधन के प्रधानमंत्री के चेहरे के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि INDI गठबंधन के चुनाव जीतने का सवाल ही नहीं उठता है. इसलिए इस पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है.'
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बयान की विपक्ष की मांग पर हंगामे के बाद 141 सांसदों के निलंबन के खिलाफ 22 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. हमने कई फैसले लिए हैं, जिनमें से एक निलंबित सांसदों पर है. हम इसके खिलाफ लड़ेंगे. यह गलत है. हम इसके खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट हुए हैं.
खड़गे ने मंगलवार को कहा, 'हमने 22 दिसंबर को सांसदों के निलंबन के खिलाफ अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है.' उन्होंने आगे कहा कि हमारी चौथी बैठक में 28 पार्टियों ने हिस्सा लिया और गठबंधन की समिति के सामने अपने विचार रखे. हमने एक प्रस्ताव पारित किया है कि निलंबन अलोकतांत्रिक है. लोकतंत्र को बचाने के लिए हम सभी को संघर्ष करना होगा और हम सभी इसके लिए तैयार हैं. हमने सुरक्षा उल्लंघन का मुद्दा संसद में उठाया. हम लंबे समय से कह रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह या पीएम मोदी को संसद में आना चाहिए और संसद सुरक्षा उल्लंघन के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में बोलना चाहिए, लेकिन वे ऐसा करने से इनकार कर रहे हैं.