वाशिंगटन : अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान से लोगों को निकालने की कार्रवाई तेज कर दी है. वहीं तालिबान ने संकेत दिया है कि वह जल्द ही निकासी की इस प्रक्रिया को रोक सकता है. व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार तड़के तक पिछले 24 घंटे के दौरान अमेरिकी सेना के 28 सैन्य विमानों के जरिए अफगानिस्तान से करीब 10,400 लोगों को बचाकर निकाला गया.
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि अफगानिस्तान की राजधानी से अमेरिकियों और हजारों अन्य लोगों को हवाई मार्ग से लाने का कठिन एवं पीड़ादायी काम तेजी से चल रहा है. साथ ही उन्होंने तनावग्रस्त देश से इस अभियान को 31 अगस्त की समय सीमा से आगे चलाने की संभावना को भी नहीं नकारा.
वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को समूह जी- सात के नेताओं की बैठक बुलाई है, जहां क्षेत्रीय संकट पर चर्चा होगी और अमेरिका पर अफगानिस्तान से अपने सैनिकों के इस महीने की अंतिम तारीख तक वापस बुलाने की समय सीमा को आगे बढ़ाने का दबाव डाला जाएगा.
उधर, अफगानिस्तान पर जी7 की आपात बैठक से पहले सोमवार को तालिबान ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका और ब्रिटेन युद्ध से जर्जर देश से अमेरिका नीत बलों की वापसी की तारीख 31 अगस्त से आगे बढ़ाने की बात करते हैं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
कतर की राजधानी दोहा में स्काई न्यूज से बातचीत में तालिबान के प्रवक्ता डॉक्टर सुहैल शाहीन ने कहा कि महीने के अंत में तय समयसीमा अंतिम तारीख है और उसे आगे बढ़ाए जाने का मतलब होगा देश में उनका और ज्यादा दिनों तक रुकना.
उन्होंने कहा कि यह समयसीमा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तय की है और अगर ब्रिटेन तथा अमेरिका इसे आगे बढ़ाने की बात करते हैं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. व्हाइट हाउस ने रविवार को एक बयान में कहा था कि सात सी-17 और एक सी-130 अमेरिकी सैन्य विमानों ने दोपहर तीन बजे (ईस्टर्न टाइम ज़ोन समयानुसार) तक 12 घंटे की अवधि में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से करीब 1,700 यात्रियों को निकाला.
यह भी पढ़ें-तालिबान की चेतावनी, 31 अगस्त के बाद अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी होगा उकसावे का कदम
इसके अलावा 39 गठबंधन विमानों ने लगभग 3,400 यात्रियों के साथ उड़ान भरी. वहीं शनिवार को काबुल से 23 अमेरिकी सैन्य विमानों ने 3,900 अमेरिकियों को लेकर उड़ान भरी थी. अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी के फैसले के कारण बाइडेन प्रशासन की आलोचना हो रही है, क्योंकि बलों के लौटने के कारण तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है. जिससे देश में अराजकता फैल गई है.
(पीटीआई-भाषा)