रानीपेट: तमिलनाडु में सार्वजनिक स्वास्थ्य, रोग निवारण और चिकित्सा विभाग की परियोजना समिति ने थिमिरी सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में 'वाल्विन मुधल 1000 नन्नात्काल' (जिसका अर्थ है जीवन के पहले 1000 दिन) नामक नई परियोजना का शुभारंभ समारोह आयोजित किया. इसे चिकित्सा और परिवार कल्याण मंत्री एमए सुब्रमण्यम और हथकरघा व कपड़ा मंत्री आर गांधी द्वारा लॉन्च किया गया था.
योजना की शुरुआत के बाद मंत्री मा. सुब्रमण्यम ने कहा कि वैल्विन मुधल 1,000 नन्नात्काल योजना के तहत 1,000 दिनों की 3 अवधियों में गणना की गई प्रत्येक 5 हजार रुपये की 7 किश्तों में दिए जाएंगे. जैसे कि पहले हजार दिनों में से एक गर्भावस्था के दौरान 280 दिन, पहला वर्ष शैशवावस्था के रूप में और दूसरे वर्ष में प्रवेश करने वाले बच्चों के लिए 365 दिन बचपन के रूप में होता है. यह 1000 दिन का हिसाब है.
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के 14 जिलों में 118 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 478 माध्यमिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से पिछले दो वर्षों में 74 हजार 400 बच्चों का जन्म हुआ है. इन 74 हजार 400 बच्चों के लिए राज्य योजना समिति की ओर से बच्चों के संतुलित विकास के लिए विशेष वित्तीय सहायता कार्यक्रम शुरू किया गया है. यह पहला हजार दिन गर्भावस्था के दौरान एक 280 दिन, शैशवावस्था के रूप में पहला वर्ष और दूसरे वर्ष में प्रवेश करने वाले बच्चों के लिए बचपन के रूप में एक 365 दिन के बराबर होता है.
उन्होंने कहा कि जीवन के पहले 1,000 दिन योजना से 38.20 करोड़ माताएं लाभान्वित होंगी. हम गर्भावस्था से लेकर प्रसव के एक वर्ष तक के हजार दिनों को तीन अवधियों में गिनकर उस अवधि के दौरान 7 किस्तों में 5000 रुपये प्रत्येक को देने जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके बाद मैटरनिटी ऐप के माध्यम से माताओं में गर्भकालीन एनीमिया, जन्म के समय कम वजन, बच्चे के समुचित विकास और टीकाकरण की निगरानी की जाएगी.
उन्होंने आगे कहा कि जिन्हें समस्या होगी, उनकी पहचान कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज दिया जाएगा. साथ ही यह भी कहा कि जीवन के पहले 1,000 दिन भविष्य में काम आएंगे. साथ ही मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में खाली पड़े 1,021 डॉक्टरों और 980 फार्मासिस्टों की जल्द से जल्द भर्ती की जाएगी और वर्क ऑर्डर जारी किए जाएंगे.