नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अवैध शराब के बड़े पैमाने पर निर्माण और प्राथमिकी दर्ज करने के अलावा नशीले पदार्थों और शराब के खतरे को रोकने के लिए कुछ भी नहीं करने पर पंजाब राज्य को फटकार लगाई. न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने राज्य को निर्देश दिया कि वह अदालत में जवाब दाखिल करे कि निर्माण और खपत को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं.
कोर्ट ने राज्य से एक तरीका सुझाने के लिए कहा जिससे जागरूकता अभियान बढ़ाने के लिए जुर्माने की राशि का उपयोग किया जा सके. अदालत ने आदेश दिया, 'राज्य अधिक प्रभावी और प्रभावी जांच के लिए एक परिपत्र भी ला सकता है और जांच न करने के लिए जिम्मेदार जांच कर सकता है.' एक सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि पिछले दो सालों में अवैध शराब को लेकर 36,000 एफआईआर दर्ज की गई हैं.
जे शाह ने कहा, 'युवा खत्म हो जाएंगे, यह बहुत गंभीर है. पंजाब भी एक सीमावर्ती राज्य है.' कोर्ट ने कहा कि देश को खत्म करने का शुरुआती बिंदु सीमावर्ती राज्य होंगे. मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद होने की संभावना है.