ETV Bharat / bharat

कर्नाटक की तृप्ति मंजुनाथ ने पत्ते पर लिख दिया राष्ट्रगान, लीफ आर्ट का हुनर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज

कुछ अनोखा करने की चाहत और दिल से की गई प्रैक्टिस का रिजल्ट शानदार होता है. कर्नाटक की तृप्ति मंजुनाथ नायक ने इसे साबित भी किया है. उसने लीफ आर्ट में महारथ हासिल कर ली है. अब वह मिनटों में पत्तों पर आकृति बना लेती हैं. उसने कार्विंग के जरिये पत्तों पर भारतीय राष्ट्रगान लिखकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस में अपनी जगह बनाई है.

The National Anthem Carved on the Leaf
The National Anthem Carved on the Leaf
author img

By

Published : Jun 10, 2022, 1:25 PM IST

शिरसी : उत्तर कर्नाटक का एक इलाके सिद्दापुर में रहने वाली तृप्ति मंजुनाथ नायक ने गजब का रेकॉर्ड बनाया है. किसान परिवार की बेटी तृप्ति मंजुनाथ ने कटहल के पत्तों पर राष्ट्रगान लिखकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस में अपनी जगह बनाई है. अनोखा यह है कि कन्नड़ लिखने और बोलने वाली तृप्ति ने राष्ट्रगान देवनागरी लिपि यानी हिंदी में लिखी है. उसका कहना है कि इस तरह उसने अपने टैलेंट को देश के सम्मान के साथ जोड़ने की कोशिश की है.

उत्तर कर्नाटक में रहने वाली तृप्ति मंजुनाथ नायक का गांव बिलगी के पास होसामंजू है. यहां उनके माता-पिता खेती से आजीविका चलाते हैं. वह करवाड़ा के बडा शिवाजी कॉलेज ऑफ एजुकेशन से बीएड की पढ़ाई कर रही हैं. तृप्ति मंजुनाथ ने बताया कि शुरू से ही उसकी कला में रुचि थी. वह हमेशा से कला के नए-नए आयामों पर काम करना चाहती थीं. जब वह यल्लापुर में एमकॉम की पढ़ाई कर रही थी, तभी उऩ्हें लीफ आर्ट के बारे में पता चला. पत्तों पर आकृति बनाने का तरीका उसे काफी पसंद आया और वह उसने लीफ आर्ट में हाथ आजमाना शुरू कर दिया. 19 मई 2022 को उन्होंने पत्तों पर देश का राष्ट्रगान ही लिख दिया, वह भी हिंदी में.

अपनी कृति को तृप्ति ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस के लिए भेजा. उसे हाल ही में अवार्ड पैनल और सर्टिफिकेट से नवाजा गया है. तृप्ति मंजुनाथ नायक ने लीफ आर्ट के बारे में बताया कि यह अन्य आर्ट से थोड़ा अलग और मुश्किल है. इसमें बनाए गए चित्र के अलावा पत्तों के बाकी हिस्सों को काट दिया जाता है. इसकी बारीकियां ही इसे मुश्किल बनाती हैं. तृप्ति टीचर बनना चाहती हैं और लीफ आर्ट को और आगे ले जाना चाहती हैं. उसका कहना है कि जो लोग इसे सीखना चाहते हैं, वह उसकी मदद करेंगी. उन्हें उम्मीद है कि आने वाले वक्त में ज्यादा से ज्यादा लोग इसे पैशन में शामिल करेंगे और लीफ आर्ट पॉपुलर होगा.

पढ़ें : उत्तराखंडः कॉर्बेट पार्क में मिला दुर्लभ आर्किड प्रजाति का पौधा, येलो यूलोफिया है नाम

शिरसी : उत्तर कर्नाटक का एक इलाके सिद्दापुर में रहने वाली तृप्ति मंजुनाथ नायक ने गजब का रेकॉर्ड बनाया है. किसान परिवार की बेटी तृप्ति मंजुनाथ ने कटहल के पत्तों पर राष्ट्रगान लिखकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस में अपनी जगह बनाई है. अनोखा यह है कि कन्नड़ लिखने और बोलने वाली तृप्ति ने राष्ट्रगान देवनागरी लिपि यानी हिंदी में लिखी है. उसका कहना है कि इस तरह उसने अपने टैलेंट को देश के सम्मान के साथ जोड़ने की कोशिश की है.

उत्तर कर्नाटक में रहने वाली तृप्ति मंजुनाथ नायक का गांव बिलगी के पास होसामंजू है. यहां उनके माता-पिता खेती से आजीविका चलाते हैं. वह करवाड़ा के बडा शिवाजी कॉलेज ऑफ एजुकेशन से बीएड की पढ़ाई कर रही हैं. तृप्ति मंजुनाथ ने बताया कि शुरू से ही उसकी कला में रुचि थी. वह हमेशा से कला के नए-नए आयामों पर काम करना चाहती थीं. जब वह यल्लापुर में एमकॉम की पढ़ाई कर रही थी, तभी उऩ्हें लीफ आर्ट के बारे में पता चला. पत्तों पर आकृति बनाने का तरीका उसे काफी पसंद आया और वह उसने लीफ आर्ट में हाथ आजमाना शुरू कर दिया. 19 मई 2022 को उन्होंने पत्तों पर देश का राष्ट्रगान ही लिख दिया, वह भी हिंदी में.

अपनी कृति को तृप्ति ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस के लिए भेजा. उसे हाल ही में अवार्ड पैनल और सर्टिफिकेट से नवाजा गया है. तृप्ति मंजुनाथ नायक ने लीफ आर्ट के बारे में बताया कि यह अन्य आर्ट से थोड़ा अलग और मुश्किल है. इसमें बनाए गए चित्र के अलावा पत्तों के बाकी हिस्सों को काट दिया जाता है. इसकी बारीकियां ही इसे मुश्किल बनाती हैं. तृप्ति टीचर बनना चाहती हैं और लीफ आर्ट को और आगे ले जाना चाहती हैं. उसका कहना है कि जो लोग इसे सीखना चाहते हैं, वह उसकी मदद करेंगी. उन्हें उम्मीद है कि आने वाले वक्त में ज्यादा से ज्यादा लोग इसे पैशन में शामिल करेंगे और लीफ आर्ट पॉपुलर होगा.

पढ़ें : उत्तराखंडः कॉर्बेट पार्क में मिला दुर्लभ आर्किड प्रजाति का पौधा, येलो यूलोफिया है नाम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.