वोबर्न (अमेरिका) : सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान जर्मनी में मोर्चे पर तैनात एक अमेरिकी आर्मी सार्जेंट ने अपनी मां को चिट्ठी लिखी थी. अमेरिकी डाक सेवा वितरण सुविधा (USPS) ने 76 साल बाद उसे मैसाचुसेट्स स्थित एड्रेस पर पहुंचाया. हालांकि 76 साल बाद जब यह चिट्ठी उनके घर पहुंची तब तक खत लिखने वाले सैनिक और उसकी मां की मौत हो चुकी थी. यह पत्र आर्मी सार्जेंट की पत्नी को दिया गया. पिट्सबर्ग में अमेरिकी डाक सेवा वितरण सुविधा (यूएसपीएस) को मिला यह पत्र 75 वर्ष से अधिक समय से बंद ही था.
WFXT टीवी के मुताबिक, सेकंड वर्ल्ड वॉर के खत्म होने के बाद जर्मनी में 16 लाख अमेरिकी सैनिक तैनात किए गए. उस समय 22 वर्षीय के आर्मी सार्जेंट जॉन गोंजाल्विस भी जर्मनी में मोर्चे पर तैनात थे. वहां से उन्होंने वोबर्न में रह रही अपनी मां की चिट्ठी लिखी थी. पत्र में लिखा था, ' प्रिय मां, आज आपका एक और पत्र मिला और मैं खुश हूं कि सब ठीक है. जहां तक मेरी बात है, मैं भी ठीक हूं. लेकिन यहां बहुत खराब खाना मिलता है.' उन्होंने पत्र के आखिर में अपने सिग्नेचर किए और लिखा कि आपसे प्यार है.... आपका बेटा जॉनी. उम्मीद है, आपसे जल्द ही मिलूंगा.'
यह चिट्ठी तो उन्होंने लिखी मगर उनकी मां तक नहीं पहुंची. आर्मी सार्जेंट जॉन गोंजाल्विस का 2015 में निधन हो गया था. इससे पहले उनकी मां का भी देहांत हो चुका है. अमेरिकी डाक सेवा वितरण सुविधा (USPS) ने गोंजाल्विस की पत्नी एंजलिना का पता लगाया और उन्हें वह पत्र सौंपा. जर्मनी के मोर्चे से पत्र लिखने के करीब पांच साल बाद गोंजाल्विस की मुलाकात एंजलिना से हुई थी.
अमेरिकी डाक सेवा वितरण सुविधा (USPS) ने इस पत्र के साथ अपनी ही ओर से भी एक पत्र गोंजाल्विस के परिवार को भेजा, जिसमें लिखा था कि यह पत्र भेजना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. गोंजाल्विस के परिवार ने पत्र मिलने के बाद यूएसपीएस को फोन किया और उनका शुक्रिया अदा किया.
एंजेलिना यह चिट्ठी पाकर इमोशनल हो गईं. उन्होंने कहा कि आप उन 70 वर्षों की कल्पना कीजिए. मुझे इस चिट्ठी पर विश्वास नहीं हो रहा है. उनकी लिखावट और सबकुछ बेहद कमाल का है. 89 साल की एंजेलिना गोंजाल्विस का कहना है कि पति के निधन के बाद उनका पत्र मिलने से लगा कि जैसे वह लौट आए हों.
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