कानपुर देहात (उत्तर प्रदेश) : जिला न्यायालय में जिला जज ने हत्या का केस लड़ रहे अधिवक्ता समेत सात लोगों को उम्रकैद की सजा सुना दी. ऐसा शायद यहां पहली बार हुआ होगा कि जो अधिवक्ता केस लड़ रहा था उसी को सजा हो गई हो. यही नहीं कोर्ट की ओर से 11.32 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. केस 2009 में एक हत्या का था.
18 जुलाई 2009 को शांति देवी के घर में घुसकर किशोरी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराने की रंजिश में गांव के दबंगों ने मारपीट की थी. इसकी रिपोर्ट लिखाने के लिए परिजन थाने जा रहे थे, रास्ते में अधिवक्ता राघवेंद्र सिंह उर्फ रामू, हरिराम, रामदयाल, धर्मेंद्र उर्फ पप्पू, राजू,रामू उर्फ रामेंद्र, सलीम उर्फ गब्बर ने घेर लिया. लाठी-डंडों व फरसे से हमला किया गया. गोली लगने से शांति देवी के पारिवारिक गंगाचरण की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं शांति देवी समेत तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इसके बाद मुकदमा दर्ज कराया गया था.
इस मामले की सुनवाई कानपुर देहात के जिला न्यायालय जिला जज अनिल कुमार झा की कोर्ट में चल रही थी. यह केस अधिवक्ता राघवेंद्र सिंह लड़ रहे थे. सीबीसीआईडी गणेश कुमार दीक्षित के मुताबिक अधिवक्ता समेत सात अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने 11.32 लाख का जुर्माना लगाया है. जुर्माना न अदा करने की स्थिति में तीन वर्ष का अतिरिक्त कारावास काटना होगा.
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