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सत्य से बहुत दूर 'द कश्मीर फाइल्स', कश्मीरी पंडितों की वापसी नहीं चाहते ये लोग: उमर अब्दुल्ला

नेशनल कॉफ्रेंस (national conference) ने शुक्रवार को फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि फिल्म सच से बहुत दूर है क्योंकि फिल्म निर्माताओं ने आतंकवाद से पीड़ित मुसलमानों और सिखों के संघर्ष को नजरअंदाज किया है.

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Published : Mar 18, 2022, 7:39 PM IST

Updated : Mar 18, 2022, 8:25 PM IST

उमर अब्दुल्ला
उमर अब्दुल्ला

श्रीनगर: नेशनल कॉफ्रेंस (national conference) पार्टी के उपाध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Former Chief Minister Omar Abdullah) ने कहा कि अगर द कश्मीर फाइल्स एक व्यावसायिक फिल्म होती तो किसी को कोई समस्या नहीं थी. लेकिन अगर फिल्म निर्माता दावा करते हैं कि यह वास्तविकता पर आधारित है तो सच्चाई इससे अलग है.

अब्दुल्ला ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के दमाल हांजीपोरा में संवाददाताओं से कहा कि जब कश्मीरी पंडितों के पलायन की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, तब फारूक अब्दुल्ला मुख्यमंत्री नहीं थे. जगमोहन राज्यपाल थे. केंद्र में वीपी सिंह की सरकार थी जिसे भाजपा ने बाहर से समर्थन दिया हुआ था. उमर ने आश्चर्य जताया कि इस तथ्य को फिल्म से दूर क्यों रखा गया है. उन्होंने कहा कि सच्चाई से छेड़छाड़ नहीं करें. यह सही चीज नहीं है.

उमर ने कहा कि अगर कश्मीरी पंडित आतंकवाद के शिकार हुए हैं तो हमें इसके लिए बेहद खेद है. हालांकि हमें उन मुसलमानों और सिखों के संघर्ष को भी नहीं भूलना चाहिए, जिन्हें उसी बंदूक से निशाना बनाया गया था. उमर ने कहा कि बहुसंख्यक समुदाय के कुछ लोगों का अभी वापस आना बाकी है. उन्होंने कहा कि आज एक ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है जहां हम उन सभी को वापस ला सकें, जिन्होंने अपना घर छोड़ दिया था.

यह भी पढ़ें- The Kashmir Files : कश्मीरी पंडितों ने फिल्म को सियासी रंग देने के आरोप लगाए

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए माहौल बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि हालांकि मुझे नहीं लगता कि जिन लोगों ने यह फिल्म बनाई है, वे उन्हें (कश्मीरी पंडितों को) वापस लौटने देना चाहते हैं. इस फिल्म के जरिए वे चाहते हैं कि कश्मीरी पंडित हमेशा बाहर ही रहें.

श्रीनगर: नेशनल कॉफ्रेंस (national conference) पार्टी के उपाध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Former Chief Minister Omar Abdullah) ने कहा कि अगर द कश्मीर फाइल्स एक व्यावसायिक फिल्म होती तो किसी को कोई समस्या नहीं थी. लेकिन अगर फिल्म निर्माता दावा करते हैं कि यह वास्तविकता पर आधारित है तो सच्चाई इससे अलग है.

अब्दुल्ला ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के दमाल हांजीपोरा में संवाददाताओं से कहा कि जब कश्मीरी पंडितों के पलायन की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, तब फारूक अब्दुल्ला मुख्यमंत्री नहीं थे. जगमोहन राज्यपाल थे. केंद्र में वीपी सिंह की सरकार थी जिसे भाजपा ने बाहर से समर्थन दिया हुआ था. उमर ने आश्चर्य जताया कि इस तथ्य को फिल्म से दूर क्यों रखा गया है. उन्होंने कहा कि सच्चाई से छेड़छाड़ नहीं करें. यह सही चीज नहीं है.

उमर ने कहा कि अगर कश्मीरी पंडित आतंकवाद के शिकार हुए हैं तो हमें इसके लिए बेहद खेद है. हालांकि हमें उन मुसलमानों और सिखों के संघर्ष को भी नहीं भूलना चाहिए, जिन्हें उसी बंदूक से निशाना बनाया गया था. उमर ने कहा कि बहुसंख्यक समुदाय के कुछ लोगों का अभी वापस आना बाकी है. उन्होंने कहा कि आज एक ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है जहां हम उन सभी को वापस ला सकें, जिन्होंने अपना घर छोड़ दिया था.

यह भी पढ़ें- The Kashmir Files : कश्मीरी पंडितों ने फिल्म को सियासी रंग देने के आरोप लगाए

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए माहौल बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि हालांकि मुझे नहीं लगता कि जिन लोगों ने यह फिल्म बनाई है, वे उन्हें (कश्मीरी पंडितों को) वापस लौटने देना चाहते हैं. इस फिल्म के जरिए वे चाहते हैं कि कश्मीरी पंडित हमेशा बाहर ही रहें.

Last Updated : Mar 18, 2022, 8:25 PM IST
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