ETV Bharat / bharat

करौली में कहर: जांबाज नेत्रेश ने बताया क्या हुआ था उस दिन...कहा, कूद पड़ा था आग में

करौली शहर में 2 अप्रैल को हिंदू नव वर्ष पर रैली पर पथराव और आगजनी के बीच फंसी 4 जिंदगियों को बचाने वाले पुलिस के जांबाज नेत्रेश शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. नेत्रेश ने उस दिन के घटनाक्रम और खौफनाक मंजर (Netresh narrated the dreadful scene of Karauli) के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि एसपी कमान नहीं संभालते तो करौली राख हो जाता.

Karauli Case:
Karauli Case:
author img

By

Published : Apr 7, 2022, 10:12 AM IST

करौली. जिले में दो अप्रैल को हिंदू नववर्ष के मौके पर निकाली जा रही रैली पर पथराव और उसके बाद हुई आगजनी के बीच फंसी 4 जिंदगियां बचाने वाले पुलिस के जांबाज नेत्रेश शर्मा के बहादुरी के चर्चे हर तरफ हैं. सीएम अशोक गहलोत ने भी नेत्रेश से फोन पर बात करके उनकी बहादुरी की प्रशंसा की थी और उन्हें हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत होने पर बधाई दी. नेत्रेश ने जान की परवाह किए बिना मासूम बच्चों और दो महिलाओं को आग की लपटों के बीच से बचाकर बाहर निकाला था. पुलिस महकमे के इस रीयल हीरो ने पूरे डिपार्टमेंट का सीना चौड़ा कर दिया है. नेत्रेश शर्मा ने इस उपलब्धि के बीच ईटीवी भारत से खास बातचीत करत हुए उस दिन के खौफनाक मंजर के घटनाक्रम (Netresh narrated the dreadful scene of Karauli) को साझा किया.

उन्होंने कहा कि चारों तरफ आग की लपटें, पथराव और उसके बीच फंसे बच्चे और दो महिलाओं की रोने की आवाज को सुनकर रहा नहीं गया. बस मन में यही था कि कैसे भी बच्चों और महिलाओं को चाया जाए और पुलिस की वर्दी का मान रखा जाए. बस फिर मैं कूद पड़ा आग में मासूमों को बचाने के लिए. पुलिस जवान का कहना है कि इस सबके बीच जिसने मुझे हिम्मत दी वो थे करौली पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह इन्दौलिया जो खुद भी घटनास्थल पर एक पुलिस जवान की तरह आग पर काबू पाने और दंगाइयों से निपट रहे थे.

करौली में कहर: जांबाज नेत्रेश ने बताया क्या हुआ था उस दिन (वीडियो)

पढ़ें. Karauli Violence: जांबाज नेत्रेश ने जान की परवाह किए बिना बचाई 4 जिंदगियां...सीएम ने की फोन पर बात...हेड कांस्टेबल पद पर दी पदोन्नित

नेत्रेश शर्मा ने कहा कि जो भी उन्होंने जो किया वह उनका कर्तव्य, फर्ज और ड्यूटी थी. लोग भी उनसे यही अपेक्षा और उम्मीद रखते हैं. नेत्रेश ने बताया कि वह उस दिन सिगमा में गश्त पर था. दोपहर 3 बजे रैली रवाना होकर हटवारा बाज़ार पहुंची. इस दौरान हुई हिसा में दुकानों में आग लगा थी. कई लोगों सिर फूटे हुए थे. वहां स्थित एक मकान में एक बच्चे के साथ दो महिलाएं फंसी हुई थी. नेत्रेश ने कहा कि उसने अपनी जिंदगी से ज्यादा कीमती उस बच्चे की जिंदगी को समझा ओर तुंरत आग में होते हुए बच्चे के पास पहुंचा और उस पर कपड़ा डालकर महिला सहित बाहर निकालकर लाया.

महिला बोली कोई तो मेरे बच्चे को बचा लो
नेत्रेश शर्मा ने बताया कि उस दिन घटना में 2 लोग घायल हो गए थे. उन लोगों को 'मैं अस्पताल से छोड़ कर आ रहा था और जैसे ही फूटाकोर्ट चौराहे पर आया तो यहां पर देखा कि 5-6 दुकान बुरी तरीके से धू-धूकर जल रही थीं'. आग की लपटें उठ रही थीं, चारों तरफ धुआं ही धुआं था. पुलिसकर्मी अपने-अपने काम में लगे हुए थे. कोई आग को बुझा रहा था तो कोई लोगों को घरों से बाहर निकलने की अपील कर रहा था. पुलिस के जवान दंगाइयों को भगाने की कोशिश कर रहे थे. तभी नेत्रेश की नजर एक मकान पर पड़ी. उस मकान में आग लगी हुई थी और मकान में दो तीन महिलाएं थी और एक महिला की गोद में एक बच्चा था.

पढ़ें. हिंदू नव वर्ष पर निकाली जा रही रैली पर पथराव-आगजनी, 42 घायल, कर्फ्यू लगाया गया

महिलाएं मदद के लिए चिल्ला रहीं थी. जिस महिला की गोद में बच्चा था उस महिला ने चिल्लाते हुए कहा कि कम से कम मेरे बच्चे को तो बचा लो. इस पर नेत्रेश ने जान की परवाह किए बगैर सीधा मकान के अंदर घुस गया. पुलिस के जवान ने महिलाओं से कहा कि 'आप घबराओ मत, मैं आपको यहां से सुरक्षित बाहर निकाल कर ही लेकर जाऊंगा'. फिर महिला से बच्चे को अपनी गोद में ले लिया, बच्चे को सीने से चिपका कर, अपने हाथों से पूरी तरह कवर करके बाहर निकला. साथ ही महिलाओं से कहा कि आप भी मेरी तरह तेजी से बाहर निकलना. नेत्रेश तेजी से दौड़ते हुए बाहर की तरफ आ गया. महिलाएं भी पीछे पीछे आ गई. इस प्रकार चारों की जिंदगियां सुरक्षित बच सकी.

अगर एसपी साहब कमान नही संभालते तो करौली आग से राख हो जातीः
पुलिस के जवान ने बताया कि घटना बहुत भयावह थी. वह दृश्य इतना खतरनाक था कि 5-6 बड़ी बड़ी दुकानें धू-धूकर जल रही थी. चारों तरफ आग ही आग और धुंआ ही धुंआ था. पुलिस जवान का कहना है कि इससे पहले उसने इतनी भयावह घटना कभी नहीं देखी थी. नेत्रेश शर्मा ने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही तुंरत खुद पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह इन्दौलिया घटनास्थल पर पहुंच गए थे और कमान सभालते हुए आग को बुझा रहे थे. दमकल की गाड़ियों के लिए फोन लगा रहे थे. उच्च अधिकारियों को भी घटना की जानकारी दे रहे थे.

पढ़ें. Karauli Uproar Case: करौली में बवाल के बाद सड़कों पर सन्नाटा, पुलिस बल तैनात...एक और दुकान फूंकी, सोमवार तक बढ़ाई नेटबंदी

अतिरिक्त पुलिस का जाप्ता भी मौके पर बुला रहे थे. उस समय बिजली भी चालू थी. शॉर्ट सर्किट होने का भी डर था. उन्होंने बताया कि बिजली विभाग के अधिकारियों को भी एसपी ने फोन करके लाइट को बंद करने को कहा थआ. एसपी ने आग को बुझाने की भी काफी कोशिश की. नेत्रेश ने कहा कि उस दिन करौली शहर आग की लपटों से बचा तो वह सिर्फ एसपी शैलेंद्र सिंह इन्दौलिया की ही देन थी. बच्ची को बचाने का भी श्रेय एसपी का ही है और दंगाइयों से जो काबू पाया वो सिर्फ एसपी साहब की ही बदौलत थी. वरना उस दिन पुरी करौली जलकर राख हो जाती.

नेत्रेश बोले सीएम गहलोत ने मेरे काम की सराहना
पुलिस के जवान नेत्रेश शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मेरे काम और काबिलियत को देखते हुए मुझे शुभकामनाएं और बधाई दी. मेरी कुशलक्षेम पूछने के साथ हालचाल जाने. मुझे कास्टेबल पद से हेड कांस्टेबल पद पर पदोन्नत किया है. इसके बाद से नेत्रेश के पास लगातर फोन आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि हर कोई उनके काम की तारीफ कर रहा है. नेत्रेश ने कहा कि इस चीज से बहुत खुशी मिली है. नेत्रेश शर्मा ने बताया कि पुलिस विभाग के सभी आला अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि सहित साथियों ने पीठ थपथपाई है. इसके अलावा मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश का फोन आया और उन्होंने मेरे काम की सराहना की.

करौली. जिले में दो अप्रैल को हिंदू नववर्ष के मौके पर निकाली जा रही रैली पर पथराव और उसके बाद हुई आगजनी के बीच फंसी 4 जिंदगियां बचाने वाले पुलिस के जांबाज नेत्रेश शर्मा के बहादुरी के चर्चे हर तरफ हैं. सीएम अशोक गहलोत ने भी नेत्रेश से फोन पर बात करके उनकी बहादुरी की प्रशंसा की थी और उन्हें हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत होने पर बधाई दी. नेत्रेश ने जान की परवाह किए बिना मासूम बच्चों और दो महिलाओं को आग की लपटों के बीच से बचाकर बाहर निकाला था. पुलिस महकमे के इस रीयल हीरो ने पूरे डिपार्टमेंट का सीना चौड़ा कर दिया है. नेत्रेश शर्मा ने इस उपलब्धि के बीच ईटीवी भारत से खास बातचीत करत हुए उस दिन के खौफनाक मंजर के घटनाक्रम (Netresh narrated the dreadful scene of Karauli) को साझा किया.

उन्होंने कहा कि चारों तरफ आग की लपटें, पथराव और उसके बीच फंसे बच्चे और दो महिलाओं की रोने की आवाज को सुनकर रहा नहीं गया. बस मन में यही था कि कैसे भी बच्चों और महिलाओं को चाया जाए और पुलिस की वर्दी का मान रखा जाए. बस फिर मैं कूद पड़ा आग में मासूमों को बचाने के लिए. पुलिस जवान का कहना है कि इस सबके बीच जिसने मुझे हिम्मत दी वो थे करौली पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह इन्दौलिया जो खुद भी घटनास्थल पर एक पुलिस जवान की तरह आग पर काबू पाने और दंगाइयों से निपट रहे थे.

करौली में कहर: जांबाज नेत्रेश ने बताया क्या हुआ था उस दिन (वीडियो)

पढ़ें. Karauli Violence: जांबाज नेत्रेश ने जान की परवाह किए बिना बचाई 4 जिंदगियां...सीएम ने की फोन पर बात...हेड कांस्टेबल पद पर दी पदोन्नित

नेत्रेश शर्मा ने कहा कि जो भी उन्होंने जो किया वह उनका कर्तव्य, फर्ज और ड्यूटी थी. लोग भी उनसे यही अपेक्षा और उम्मीद रखते हैं. नेत्रेश ने बताया कि वह उस दिन सिगमा में गश्त पर था. दोपहर 3 बजे रैली रवाना होकर हटवारा बाज़ार पहुंची. इस दौरान हुई हिसा में दुकानों में आग लगा थी. कई लोगों सिर फूटे हुए थे. वहां स्थित एक मकान में एक बच्चे के साथ दो महिलाएं फंसी हुई थी. नेत्रेश ने कहा कि उसने अपनी जिंदगी से ज्यादा कीमती उस बच्चे की जिंदगी को समझा ओर तुंरत आग में होते हुए बच्चे के पास पहुंचा और उस पर कपड़ा डालकर महिला सहित बाहर निकालकर लाया.

महिला बोली कोई तो मेरे बच्चे को बचा लो
नेत्रेश शर्मा ने बताया कि उस दिन घटना में 2 लोग घायल हो गए थे. उन लोगों को 'मैं अस्पताल से छोड़ कर आ रहा था और जैसे ही फूटाकोर्ट चौराहे पर आया तो यहां पर देखा कि 5-6 दुकान बुरी तरीके से धू-धूकर जल रही थीं'. आग की लपटें उठ रही थीं, चारों तरफ धुआं ही धुआं था. पुलिसकर्मी अपने-अपने काम में लगे हुए थे. कोई आग को बुझा रहा था तो कोई लोगों को घरों से बाहर निकलने की अपील कर रहा था. पुलिस के जवान दंगाइयों को भगाने की कोशिश कर रहे थे. तभी नेत्रेश की नजर एक मकान पर पड़ी. उस मकान में आग लगी हुई थी और मकान में दो तीन महिलाएं थी और एक महिला की गोद में एक बच्चा था.

पढ़ें. हिंदू नव वर्ष पर निकाली जा रही रैली पर पथराव-आगजनी, 42 घायल, कर्फ्यू लगाया गया

महिलाएं मदद के लिए चिल्ला रहीं थी. जिस महिला की गोद में बच्चा था उस महिला ने चिल्लाते हुए कहा कि कम से कम मेरे बच्चे को तो बचा लो. इस पर नेत्रेश ने जान की परवाह किए बगैर सीधा मकान के अंदर घुस गया. पुलिस के जवान ने महिलाओं से कहा कि 'आप घबराओ मत, मैं आपको यहां से सुरक्षित बाहर निकाल कर ही लेकर जाऊंगा'. फिर महिला से बच्चे को अपनी गोद में ले लिया, बच्चे को सीने से चिपका कर, अपने हाथों से पूरी तरह कवर करके बाहर निकला. साथ ही महिलाओं से कहा कि आप भी मेरी तरह तेजी से बाहर निकलना. नेत्रेश तेजी से दौड़ते हुए बाहर की तरफ आ गया. महिलाएं भी पीछे पीछे आ गई. इस प्रकार चारों की जिंदगियां सुरक्षित बच सकी.

अगर एसपी साहब कमान नही संभालते तो करौली आग से राख हो जातीः
पुलिस के जवान ने बताया कि घटना बहुत भयावह थी. वह दृश्य इतना खतरनाक था कि 5-6 बड़ी बड़ी दुकानें धू-धूकर जल रही थी. चारों तरफ आग ही आग और धुंआ ही धुंआ था. पुलिस जवान का कहना है कि इससे पहले उसने इतनी भयावह घटना कभी नहीं देखी थी. नेत्रेश शर्मा ने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही तुंरत खुद पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह इन्दौलिया घटनास्थल पर पहुंच गए थे और कमान सभालते हुए आग को बुझा रहे थे. दमकल की गाड़ियों के लिए फोन लगा रहे थे. उच्च अधिकारियों को भी घटना की जानकारी दे रहे थे.

पढ़ें. Karauli Uproar Case: करौली में बवाल के बाद सड़कों पर सन्नाटा, पुलिस बल तैनात...एक और दुकान फूंकी, सोमवार तक बढ़ाई नेटबंदी

अतिरिक्त पुलिस का जाप्ता भी मौके पर बुला रहे थे. उस समय बिजली भी चालू थी. शॉर्ट सर्किट होने का भी डर था. उन्होंने बताया कि बिजली विभाग के अधिकारियों को भी एसपी ने फोन करके लाइट को बंद करने को कहा थआ. एसपी ने आग को बुझाने की भी काफी कोशिश की. नेत्रेश ने कहा कि उस दिन करौली शहर आग की लपटों से बचा तो वह सिर्फ एसपी शैलेंद्र सिंह इन्दौलिया की ही देन थी. बच्ची को बचाने का भी श्रेय एसपी का ही है और दंगाइयों से जो काबू पाया वो सिर्फ एसपी साहब की ही बदौलत थी. वरना उस दिन पुरी करौली जलकर राख हो जाती.

नेत्रेश बोले सीएम गहलोत ने मेरे काम की सराहना
पुलिस के जवान नेत्रेश शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मेरे काम और काबिलियत को देखते हुए मुझे शुभकामनाएं और बधाई दी. मेरी कुशलक्षेम पूछने के साथ हालचाल जाने. मुझे कास्टेबल पद से हेड कांस्टेबल पद पर पदोन्नत किया है. इसके बाद से नेत्रेश के पास लगातर फोन आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि हर कोई उनके काम की तारीफ कर रहा है. नेत्रेश ने कहा कि इस चीज से बहुत खुशी मिली है. नेत्रेश शर्मा ने बताया कि पुलिस विभाग के सभी आला अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि सहित साथियों ने पीठ थपथपाई है. इसके अलावा मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश का फोन आया और उन्होंने मेरे काम की सराहना की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.