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Exercise Dustlik-2023: पिथौरागढ़ में भारत-उज्बेकिस्तान का साझा युद्धाभ्यास समाप्त, दोनों देश की सेनाओं ने एक-दूसरे से सीखा युद्ध कौशल

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भारत उज्बेकिस्तान संयुक्त के बीच दस्तलिक-2023 सैन्य अभ्यास का चौथा संस्करण संपन्न हो गया है. इस साझा युद्धाभ्यास में दोनों देश की सेनाओं ने एक-दूसरे से युद्ध कौशल सीखा.

Exercise Dustlik 2023
दस्तलिक-2023 सैन्य अभ्यास
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Published : Mar 5, 2023, 8:53 PM IST

पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भारत और उज्बेकिस्तान का संयुक्त युद्धाभ्यास खत्म हो गया है. 15 दिन तक चले इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों के 90 सैनिकों ने हिस्सा लिया. इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों के सैनिकों ने तकनीक के साथ ही अपने हुनर को एक-दूसरे के साथ साझा किया. भारत की तरफ से लेफ्टिनेंट कर्नल अमित कुमार डिमरी ने गढ़वाल राइफल्स की 14वीं बटालियन के 45 जांबाज सैनिकों की टुकड़ी का नेतृत्व किया.

संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियों ने पहाड़ी और शहरी क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने का अभ्यास किया. साल 2019 में भी पिथौरागढ़ में भारत और कजाकिस्तान का संयुक्त सैन्य अभ्यास हुआ था. जिसके काफी अच्छे परिणाम देखने को मिले थे. पिछले युद्धाभ्यास के बाद एक बार फिर से संयुक्त युद्धाभ्यास किया गया. युद्धाभ्यास में उज्बेकिस्तान सेना का प्रतिनिधित्व उज्बेकिस्तान सेना के उत्तर पश्चिमी सैन्य जिलों के सैनिकों द्वारा किया गया. भारतीय सेना की टुकड़ी की प्रतिनिधित्व पश्चिमी कमान की 14वीं बटालियन द गढ़वाल राइफल्स द्वारा किया गया. दोनों देशों के 45-45 सैनिकों ने पिथौरागढ़ में युद्धाभ्यास किया.

ये भी पढ़ें: Dustlik Military Exercise: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भारत और उज्बेकिस्तान का संयुक्त युद्धाभ्यास

भारत-उज्बेकिस्तान के बीच दस्तलिक सैन्य अभ्यास का यह चौथा संस्करण था, जो पिथौरागढ़ में आयोजित किया गया. दोनों देशों की सेनाओं के इस संयुक्त युद्धाभ्यास में कई अहम चीजें निकलकर सामने आई. दोनों देशों ने एक दूसरे से लड़ने के तरीकों, हथियारों की जानकारी साझा करते हुए एक दूसरे को मजबूत करने की कोशिश की. इस संयुक्त युद्धाभ्यास से दोनों देशों के आपसी रिश्ते अच्छे होंगे. साथ ही रक्षा सहयोग को बढ़ाने के साथ ही द्विपक्षीय संबंधों में भी ये युद्धाभ्यास काफी मददगार साबित होगा.

पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भारत और उज्बेकिस्तान का संयुक्त युद्धाभ्यास खत्म हो गया है. 15 दिन तक चले इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों के 90 सैनिकों ने हिस्सा लिया. इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों के सैनिकों ने तकनीक के साथ ही अपने हुनर को एक-दूसरे के साथ साझा किया. भारत की तरफ से लेफ्टिनेंट कर्नल अमित कुमार डिमरी ने गढ़वाल राइफल्स की 14वीं बटालियन के 45 जांबाज सैनिकों की टुकड़ी का नेतृत्व किया.

संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियों ने पहाड़ी और शहरी क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने का अभ्यास किया. साल 2019 में भी पिथौरागढ़ में भारत और कजाकिस्तान का संयुक्त सैन्य अभ्यास हुआ था. जिसके काफी अच्छे परिणाम देखने को मिले थे. पिछले युद्धाभ्यास के बाद एक बार फिर से संयुक्त युद्धाभ्यास किया गया. युद्धाभ्यास में उज्बेकिस्तान सेना का प्रतिनिधित्व उज्बेकिस्तान सेना के उत्तर पश्चिमी सैन्य जिलों के सैनिकों द्वारा किया गया. भारतीय सेना की टुकड़ी की प्रतिनिधित्व पश्चिमी कमान की 14वीं बटालियन द गढ़वाल राइफल्स द्वारा किया गया. दोनों देशों के 45-45 सैनिकों ने पिथौरागढ़ में युद्धाभ्यास किया.

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भारत-उज्बेकिस्तान के बीच दस्तलिक सैन्य अभ्यास का यह चौथा संस्करण था, जो पिथौरागढ़ में आयोजित किया गया. दोनों देशों की सेनाओं के इस संयुक्त युद्धाभ्यास में कई अहम चीजें निकलकर सामने आई. दोनों देशों ने एक दूसरे से लड़ने के तरीकों, हथियारों की जानकारी साझा करते हुए एक दूसरे को मजबूत करने की कोशिश की. इस संयुक्त युद्धाभ्यास से दोनों देशों के आपसी रिश्ते अच्छे होंगे. साथ ही रक्षा सहयोग को बढ़ाने के साथ ही द्विपक्षीय संबंधों में भी ये युद्धाभ्यास काफी मददगार साबित होगा.

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