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US state department report : 'भारत में आतंकियों ने हमले का तरीका बदला, नागरिकों को ज्यादा बना रहे निशाना'

अमेरिका ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक आतंकियों ने अपनी रणनीति बदली है, वह भारत में नागरिकों को ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं. वह आईईडी तक का इस्तेमाल कर रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की सीमाएं बड़ी हैं, पेट्रोलिंग की जा रही है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

jawans standing on the border
सीमा पर डटे जवान
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Published : Feb 28, 2023, 6:31 PM IST

नई दिल्ली: अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म 2021 (US state department report) के मुताबिक भारत में आतंकवादियों ने हमले का तरीका बदला है. अब वे नागरिकों को ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं. वह हमले के लिए आईईडी तक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें वायु सेना के अड्डे पर ड्रोन का उपयोग करके विस्फोटक हमला शामिल है.

सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि एक साल के दौरान, जम्मू-कश्मीर में 153 आतंकवादी हमले हुए, जिसमें 274 मौतें हुईं. मारे गए लोगों में 45 सुरक्षाकर्मी, 34 नागरिक और 193 आतंकवादी शामिल थे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि मणिपुर में 1 नवंबर को भीषण हमला हुआ था, जिसमें मणिपुर की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट ने घात लगाकर सात लोगों को मार डाला था, जिसमें एक भारतीय सेना अधिकारी और उनकी पत्नी और नाबालिग बेटे शामिल थे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में आतंकवाद ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर (J & K), पूर्वोत्तर राज्यों और मध्य भारत के कुछ हिस्सों को प्रभावित किया. रिपोर्ट के मुताबिक 'भारत में सक्रिय आतंकवादी समूहों में लश्कर ए तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, आईएसआईएस, अल-कायदा, जमात-उल-मुजाहिदीन और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश शामिल हैं.' रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमा सुरक्षा बलों सहित भारतीय कानून प्रवर्तन बजट, स्टॉफ की कमी और उपकरण बाधाओं का सामना करते हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारत की बड़ी तटरेखा को देखते हुए व्यापक समुद्री और भूमि सीमाओं को गश्त करने और सुरक्षित करने की क्षमता में सुधार हो रहा है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है.'

हिंसक अतिवाद का मुकाबला (सीवीई): रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी कट्टरपंथ और भर्ती का मुकाबला करने के लिए भारत ने कोई नई रणनीति या कार्यक्रम नहीं अपनाया. जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना कट्टरपंथीकरण को रोकने के लिए स्कूल, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, भर्ती अभियान, चिकित्सा शिविर और आपातकालीन सेवाएं चलाती है. भारत के लिए खतरा पैदा करने वाले कुछ आतंकवादी संगठनों का जिक्र करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि हरकत उल-जिहाद-ए-इस्लामी/बांग्लादेश में 400 सदस्य हैं जो अफगान युद्ध के लड़ाके हैं. संगठन का कार्यक्षेत्र बांग्लादेश और भारत है.

अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि HUJI-B की फंडिंग कई स्रोत से आती है. ऐसा हो सकता है कि कई अंतरराष्ट्रीय एनजीओ ने भी हूजी-बी को पैसा दिया हो.'

द कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म 2021 में भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में हरकत-उल जिहाद-ए-इस्लामी, हरकत-उल-मुजाहिदीन, हिजबुल मुजाहिदीन, इंडियन मुजाहिदीन, आईएसआईएस-बांग्लादेश, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, अल-कायदा, तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान की भी पहचान की है.

पढ़ें- Awantipora Encounter : डीआईजी बोले, दो आतंकियों को मार गिराना बड़ी सफलता

नई दिल्ली: अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म 2021 (US state department report) के मुताबिक भारत में आतंकवादियों ने हमले का तरीका बदला है. अब वे नागरिकों को ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं. वह हमले के लिए आईईडी तक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें वायु सेना के अड्डे पर ड्रोन का उपयोग करके विस्फोटक हमला शामिल है.

सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि एक साल के दौरान, जम्मू-कश्मीर में 153 आतंकवादी हमले हुए, जिसमें 274 मौतें हुईं. मारे गए लोगों में 45 सुरक्षाकर्मी, 34 नागरिक और 193 आतंकवादी शामिल थे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि मणिपुर में 1 नवंबर को भीषण हमला हुआ था, जिसमें मणिपुर की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट ने घात लगाकर सात लोगों को मार डाला था, जिसमें एक भारतीय सेना अधिकारी और उनकी पत्नी और नाबालिग बेटे शामिल थे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में आतंकवाद ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर (J & K), पूर्वोत्तर राज्यों और मध्य भारत के कुछ हिस्सों को प्रभावित किया. रिपोर्ट के मुताबिक 'भारत में सक्रिय आतंकवादी समूहों में लश्कर ए तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, आईएसआईएस, अल-कायदा, जमात-उल-मुजाहिदीन और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश शामिल हैं.' रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमा सुरक्षा बलों सहित भारतीय कानून प्रवर्तन बजट, स्टॉफ की कमी और उपकरण बाधाओं का सामना करते हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारत की बड़ी तटरेखा को देखते हुए व्यापक समुद्री और भूमि सीमाओं को गश्त करने और सुरक्षित करने की क्षमता में सुधार हो रहा है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है.'

हिंसक अतिवाद का मुकाबला (सीवीई): रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी कट्टरपंथ और भर्ती का मुकाबला करने के लिए भारत ने कोई नई रणनीति या कार्यक्रम नहीं अपनाया. जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना कट्टरपंथीकरण को रोकने के लिए स्कूल, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, भर्ती अभियान, चिकित्सा शिविर और आपातकालीन सेवाएं चलाती है. भारत के लिए खतरा पैदा करने वाले कुछ आतंकवादी संगठनों का जिक्र करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि हरकत उल-जिहाद-ए-इस्लामी/बांग्लादेश में 400 सदस्य हैं जो अफगान युद्ध के लड़ाके हैं. संगठन का कार्यक्षेत्र बांग्लादेश और भारत है.

अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि HUJI-B की फंडिंग कई स्रोत से आती है. ऐसा हो सकता है कि कई अंतरराष्ट्रीय एनजीओ ने भी हूजी-बी को पैसा दिया हो.'

द कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म 2021 में भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में हरकत-उल जिहाद-ए-इस्लामी, हरकत-उल-मुजाहिदीन, हिजबुल मुजाहिदीन, इंडियन मुजाहिदीन, आईएसआईएस-बांग्लादेश, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, अल-कायदा, तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान की भी पहचान की है.

पढ़ें- Awantipora Encounter : डीआईजी बोले, दो आतंकियों को मार गिराना बड़ी सफलता

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