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मक्खियों के आतंक से नहीं हो रही इन गांवों के युवाओं की शादी, बहुएं मायके जाने को मजबूर

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के कई गांव में मक्खियों के आतंक से लोग परेशान हैं. जिसके कारण कई लोगों की शादियां टूटने के कगार पर हैं तो कुछ की शादी ही नहीं हो रही. गांव की बहुंए मायके जाने के बाद वापस नहीं लौट रही हैं. गांव वालों का कहना है कि कमर्शियल लेयर्स फार्म के कारण उन्हें ऐसा देखना पड़ रहा है.

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Published : Dec 10, 2022, 1:50 PM IST

हरदोई: मक्खियों की वजह से कई तरह की बीमारियों के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा. लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सुना कि मक्खियों के कारण लोगों के रिश्ते टूट रहे है? उनकी शादी नहीं हो रही है. जिनकी हुई है उनकी भी पत्नियां घर छोड़ मायके जाने को मजबूर हैं. जी हां कुछ ऐसा ही मामला यूपी के हरदोई से सामने आया है. यहां अहिरोरी ब्लॉक के 10 गांव में मक्खियों का प्रकोप चरम सीमा पर है, जिसके चलते यहां लोगों की शादी नहीं हो पा रही है. आलम ये है कि, मक्खियों ने लोगों का बैठना, उठना, खाना, पीना सब मुश्किल कर दिया है.

जानकारी देते ग्रामीण

युवाओं की शादी में मक्खियां बनी ग्रहण: स्थानीय निवासी अजय वर्मा का कहना है कि, मक्खियों ने जीना दुश्वार कर दिया है. जैसे ही सोने की कोशिश करते हैं, मक्खियां उनके पास भिन्न भिन्न करने लगती हैं, जिससे नींद टूट जाती है. शादी के लिए रिश्वता नहीं आता. पिछले साल गांव में सात शादियां हुईं, जिनमें 4 लड़कियां और 3 लड़कों की शादी हुई थी. लेकिन इस बार शादी के सीजन में गांव में एक भी शादी अब तक नहीं हुई, क्योंकि मक्खियों के प्रकोप के चलते यहां कोई भी अपनी बेटी की शादी करने के लिए तैयार नहीं है.

पत्नियां जा रही मायके: इसके अलावा गांव की कई महिलाओं का कहना है कि मक्खियों का प्रकोप इतना है कि जीना मुश्किल हो गया है. जिसके कारण वह मायके जाने को मजबूर है. लोगों का कहना है कि पत्नियां मायके से वापस लौटने को तैयार नहीं है. इसकी वजह से अब उनका रिश्ता टूटने की कगार पर है.

फार्म ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें: जानकारी के मुताबिक, साल 2014 में यहां एक कमर्शियल लेयर्स फार्म (Commercial Layers Farm) यानि पोल्ट्री फार्म की स्थापना हुई. फिर 2017 में उत्पादन शुरू हो गया. प्रतिदिन डेढ़ लाख मुर्गी के अंडों का उत्पादन होता रहा. फार्म खुलने के कुछ दिन तक सब कुछ ठीक चल रहा था. लेकिन फिर धीरे-धीरे मक्खियों की आबादी बढ़ने लगी तो उन्होंने इस फार्म को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया, क्योंकि गंदगी की वजह से मक्खियों ने आसपास के कई गांवों में डेरा डाल लिया. जब इस मामले की शिकायत स्थानीय प्रशासन से की तो उन्होंने प्रदुषण विभाग की जिम्मेदारी बताकर पल्ला झाड़ लिया. परिणाम यह है कि स्थिति पहले जैसे ही है.

इन इलाके के लोग हैं परेशान: मक्खियों के आतंक से सबसे ज्यादा बढईयांपुरवा गांव के लोग परेशान हैं. पिछले एक साल में यहां की कई महिलाओं ने घर छोड़ दिया हैं. हालांकि कुईया, पट्टी, डही, सलेमपुर, फतेहपुर, झाल पुरवा, नया गांव, देवरिया और एकघरा में रहने वाले लोग भी मक्खियों का आतंक झेल रहे हैं.

यह भी पढ़ें- पश्चिमी हवाओं से बदला मौसम का रुख, दो दिन छाए रहेंगे बादल ठंड में भी होगा इजाफा

हरदोई: मक्खियों की वजह से कई तरह की बीमारियों के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा. लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सुना कि मक्खियों के कारण लोगों के रिश्ते टूट रहे है? उनकी शादी नहीं हो रही है. जिनकी हुई है उनकी भी पत्नियां घर छोड़ मायके जाने को मजबूर हैं. जी हां कुछ ऐसा ही मामला यूपी के हरदोई से सामने आया है. यहां अहिरोरी ब्लॉक के 10 गांव में मक्खियों का प्रकोप चरम सीमा पर है, जिसके चलते यहां लोगों की शादी नहीं हो पा रही है. आलम ये है कि, मक्खियों ने लोगों का बैठना, उठना, खाना, पीना सब मुश्किल कर दिया है.

जानकारी देते ग्रामीण

युवाओं की शादी में मक्खियां बनी ग्रहण: स्थानीय निवासी अजय वर्मा का कहना है कि, मक्खियों ने जीना दुश्वार कर दिया है. जैसे ही सोने की कोशिश करते हैं, मक्खियां उनके पास भिन्न भिन्न करने लगती हैं, जिससे नींद टूट जाती है. शादी के लिए रिश्वता नहीं आता. पिछले साल गांव में सात शादियां हुईं, जिनमें 4 लड़कियां और 3 लड़कों की शादी हुई थी. लेकिन इस बार शादी के सीजन में गांव में एक भी शादी अब तक नहीं हुई, क्योंकि मक्खियों के प्रकोप के चलते यहां कोई भी अपनी बेटी की शादी करने के लिए तैयार नहीं है.

पत्नियां जा रही मायके: इसके अलावा गांव की कई महिलाओं का कहना है कि मक्खियों का प्रकोप इतना है कि जीना मुश्किल हो गया है. जिसके कारण वह मायके जाने को मजबूर है. लोगों का कहना है कि पत्नियां मायके से वापस लौटने को तैयार नहीं है. इसकी वजह से अब उनका रिश्ता टूटने की कगार पर है.

फार्म ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें: जानकारी के मुताबिक, साल 2014 में यहां एक कमर्शियल लेयर्स फार्म (Commercial Layers Farm) यानि पोल्ट्री फार्म की स्थापना हुई. फिर 2017 में उत्पादन शुरू हो गया. प्रतिदिन डेढ़ लाख मुर्गी के अंडों का उत्पादन होता रहा. फार्म खुलने के कुछ दिन तक सब कुछ ठीक चल रहा था. लेकिन फिर धीरे-धीरे मक्खियों की आबादी बढ़ने लगी तो उन्होंने इस फार्म को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया, क्योंकि गंदगी की वजह से मक्खियों ने आसपास के कई गांवों में डेरा डाल लिया. जब इस मामले की शिकायत स्थानीय प्रशासन से की तो उन्होंने प्रदुषण विभाग की जिम्मेदारी बताकर पल्ला झाड़ लिया. परिणाम यह है कि स्थिति पहले जैसे ही है.

इन इलाके के लोग हैं परेशान: मक्खियों के आतंक से सबसे ज्यादा बढईयांपुरवा गांव के लोग परेशान हैं. पिछले एक साल में यहां की कई महिलाओं ने घर छोड़ दिया हैं. हालांकि कुईया, पट्टी, डही, सलेमपुर, फतेहपुर, झाल पुरवा, नया गांव, देवरिया और एकघरा में रहने वाले लोग भी मक्खियों का आतंक झेल रहे हैं.

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