नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया है कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (एनसीएसके) के मौजूदा कार्यकाल को 31 मार्च 2025 तक के लिए बढ़ा दिया गया है और आयोग में रिक्त पदों को भरने के लिए कदम उठाए जाएंगे. शीर्ष अदालत ने केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के हलफनामे पर गौर किया कि आयोग का कार्यकाल बढ़ाने के अलावा, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और एक अन्य सदस्य को 31 मार्च 2025 तक नियुक्त किया गया है.
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने यह कहकर वकील राधाकांत त्रिपाठी की जनहित याचिका का निपटारा कर दिया कि यह मानने का कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार आवश्यक कदम नहीं उठाएगी. पीठ ने अपने 20 अक्टूबर के आदेश में कहा कि जवाबी हलफनामे में केंद्र ने यह भी सूचित किया है कि आयोग में उपयुक्त उम्मीदवारों के अभाव में सदस्यों के चार पद खाली पड़े हैं.
त्रिपाठी ने अपनी जनहित याचिका में आयोग के चार सदस्यों की नियुक्ति के लिए शीर्ष अदालत से निर्देश देने का आग्रह किया था. त्रिपाठी ने कहा कि एनसीएसके का गठन 1994 में संसद के एक अधिनियम यानी राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग अधिनियम, 1993 द्वारा एक वैधानिक निकाय के रूप में तीन साल की अवधि के लिए सफाई कर्मचारियों के अधिकारों और उनके जीवन, आजीविका, मैला ढोना से जुड़े मामलों को सुनिश्चित करने की एक महान महत्वाकांक्षा के साथ किया गया था.
1993 अधिनियम की समाप्ति के साथ, आयोग सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक गैर-वैधानिक निकाय के रूप में कार्य कर रहा है और इसका कार्यकाल समय-समय पर सरकारी प्रस्तावों के माध्यम से बढ़ाया जाता है. 3 फरवरी, 2022 के संकल्प के अनुसार, एनसीएसके का कार्यकाल 01 अप्रैल, 2022 से 31 मार्च, 2025 तक बढ़ा दिया गया है.