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बीजेपी के खिलाफ शिमला बैठक से पहले ही विपक्षी खेमे में तनातनी, सीपीएम ने टीएमसी पर साधा निशाना

साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए 15 विपक्षी दल एकजुट होने की योजना बना रहे हैं, लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा-मार्क्सवादी) जो पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में भी शामिल हुई थी, उसने इस बैठक में शामिल होने वाली तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा है और अब इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि सीपीएम बगावत कर रही है.

Communist Party of India (CPI-Marxist)
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा-मार्क्सवादी)
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Published : Jun 26, 2023, 9:13 PM IST

नयी दिल्ली: 15 विपक्षी दलों द्वारा 2024 के चुनाव में भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की प्रतिबद्धता जताने के कुछ दिनों बाद, विपक्षी क्षेत्र में विभाजन खुला है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा-मार्क्सवादी) ने सोमवार को कानून का निरंकुश शासन चलाने के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासित पश्चिम बंगाल सरकार की तीखी आलोचना की. सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने नई दिल्ली में कहा कि हम उन सभी पार्टियों के खिलाफ हैं जो लोकतंत्र को दबाने की कोशिश करते हैं.

उन्होंने कहा कि यह केंद्र में बीजेपी है, और पश्चिम बंगाल में टीएमसी है. हम विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ेंगे. उन्होंने टीएमसी पर सीपीएम कार्यकर्ताओं की हत्या करने और लोकतंत्र को दबाने का आरोप लगाया. उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान राज्य में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है. हिंसा में सीपीएम नेता मंजूर आलम की मौत हो गई. 2018 की हिंसा की आतंक की राजनीति अब दोहराई जा रही है.

येचुरी द्वारा दिया गया बयान 15 विपक्षी दलों के पटना सम्मेलन की पृष्ठभूमि में बहुत अधिक महत्व रखता है, जहां कांग्रेस, सीपीएम, टीएमसी, जेडीयू और अन्य पार्टियों के मुखिया मौजूद थे. पटना सम्मेलन में टीएमसी समेत सभी विपक्षी दलों ने साफ कहा था कि सभी विपक्षी दल एकजुट हैं. उस दौरान हुई कॉन्फ्रेंस में टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा था कि हम एकजुट हैं और हम एक साथ लड़ेंगे. हमारा उद्देश्य इस फासीवादी (भाजपा) सरकार के खिलाफ बोलना है.

सभी विपक्षी दल अपनी भविष्य की रणनीति तय करने के लिए अगले महीने शिमला में बैठक करने वाले हैं. येचुरी सीपीएम की दो दिवसीय पोलित ब्यूरो बैठक के अंत में रिपोर्टों से बात कर रहे थे. विपक्षी क्षेत्र में मतभेद के बारे में पूछे जाने पर येचुरी ने कहा कि फिलहाल हम एकजुट हैं. पश्चिम बंगाल का मुद्दा हमारी राज्य इकाई देखेगी. लेकिन जहां तक बीजेपी के खिलाफ लड़ाई की बात है तो हम एकजुट हैं.

टीएमसी के संदर्भ में येचुरी ने कहा कि हम सभी समान विचारधारा वाले दलों से अपील करते हैं कि वे बीजेपी से लड़ने के लिए अपने विरोध को छोड़कर एक साथ आएं. हमें उम्मीद है कि सभी विपक्ष शासित राज्य सरकारें लोकतंत्र को महत्व देंगी. केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार को समर्थन देने से इनकार करने के बाद कांग्रेस के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) के विरोध का जिक्र करते हुए येचुरी ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने पटना सम्मेलन में ऐसे अध्यादेश के खिलाफ आवाज उठाई थी.

येचुरी ने कहा कि जहां तक विपक्षी एकता का सवाल है, समय आने पर सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा. इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दावा किया था कि विपक्षी दलों की वह पटना बैठक महज एक फोटो सेशन थी. नड्डा ने कहा कि हाल ही में पटना में महागठबंधन की बैठक हुई थी, जो महज एक फोटो सेशन था. एक तरफ मोदी जी ने विकास को गति दी, तो दूसरी तरफ वंशवाद की राजनीति को खत्म किया. संवाददाता से बात करते हुए बीजेपी सांसद राजदीप रॉय ने कहा कि विपक्षी पार्टियां आपस में लड़ना बंद कर देंगी.

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के नेता पहले ही कह चुके हैं कि पटना बैठक विपक्षी दलों की है. यह सिर्फ कुछ पार्टियों का जुमला है. उनमें कभी भी आम सहमति नहीं बनेगी. हालांकि, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि पार्टियों में एक-दूसरे का विरोध हो सकता है, लेकिन जब यह बीजेपी के खिलाफ लड़ रही है, तो हम एकजुट हैं. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का आगामी शिमला सम्मेलन विपक्षी एकता को और मजबूत करेगा तथा भाजपा के खिलाफ हमले तेज करेगा.

हालांकि, येचुरी ने कहा कि उनकी पार्टी ने भारतीय गणराज्य के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक चरित्र और भारतीय संविधान द्वारा लोगों को लोकतांत्रिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों पर प्रदान की गई गारंटी की रक्षा के लिए विपक्षी दलों के बीच सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया है. येचुरी ने कहा कि सीपीएम ने प्रस्ताव दिया कि विपक्षी दलों को राष्ट्रीय चिंता के महत्वपूर्ण मुद्दों पर संयुक्त रूप से अखिल भारतीय अभियान चलाना चाहिए और तेजी से बिगड़ती लोगों की आजीविका के मुद्दों पर संयुक्त विरोध कार्रवाई करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि आगामी 2024 के आम चुनाव में विपक्षी वोटों में विभाजन से भाजपा को मिलने वाले लाभ को कम करने के लिए प्रत्येक राज्य के स्तर पर विपक्षी दलों के बीच चर्चा शुरू होनी चाहिए. येचुरी ने मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि डबल इंजन बीजेपी सरकार स्थिति को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल रही है. येचुरी ने कहा कि पीएम मोदी ने हालात पर टिप्पणी करने से भी इनकार कर दिया. गृह मंत्री द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला, क्योंकि मोदी सरकार ने राज्य में एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की बर्खास्तगी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जो स्थिति को नियंत्रित करने में सहयोगी और अक्षम दोनों रही है.

उन्होंने कहा कि पार्टी की पोलित ब्यूरो बैठक में वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर अकेले असम में विधानसभा क्षेत्रों का वर्ष 2023 में परिसीमन करने का भी विरोध किया गया. येचुरी ने बताया कि स्पष्ट रूप से, यह अभ्यास सत्तारूढ़ भाजपा के राजनीतिक उद्देश्य को पूरा करने और आगे बढ़ाने के लिए परिसीमन के लिए एक अलग आयोग का गठन किए बिना चुनाव आयोग द्वारा किया गया है. समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर बात करते हुए सीपीएम ने कहा कि एकरूपता को समानता से नहीं जोड़ा जा सकता.

नयी दिल्ली: 15 विपक्षी दलों द्वारा 2024 के चुनाव में भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की प्रतिबद्धता जताने के कुछ दिनों बाद, विपक्षी क्षेत्र में विभाजन खुला है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा-मार्क्सवादी) ने सोमवार को कानून का निरंकुश शासन चलाने के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासित पश्चिम बंगाल सरकार की तीखी आलोचना की. सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने नई दिल्ली में कहा कि हम उन सभी पार्टियों के खिलाफ हैं जो लोकतंत्र को दबाने की कोशिश करते हैं.

उन्होंने कहा कि यह केंद्र में बीजेपी है, और पश्चिम बंगाल में टीएमसी है. हम विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ेंगे. उन्होंने टीएमसी पर सीपीएम कार्यकर्ताओं की हत्या करने और लोकतंत्र को दबाने का आरोप लगाया. उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान राज्य में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है. हिंसा में सीपीएम नेता मंजूर आलम की मौत हो गई. 2018 की हिंसा की आतंक की राजनीति अब दोहराई जा रही है.

येचुरी द्वारा दिया गया बयान 15 विपक्षी दलों के पटना सम्मेलन की पृष्ठभूमि में बहुत अधिक महत्व रखता है, जहां कांग्रेस, सीपीएम, टीएमसी, जेडीयू और अन्य पार्टियों के मुखिया मौजूद थे. पटना सम्मेलन में टीएमसी समेत सभी विपक्षी दलों ने साफ कहा था कि सभी विपक्षी दल एकजुट हैं. उस दौरान हुई कॉन्फ्रेंस में टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा था कि हम एकजुट हैं और हम एक साथ लड़ेंगे. हमारा उद्देश्य इस फासीवादी (भाजपा) सरकार के खिलाफ बोलना है.

सभी विपक्षी दल अपनी भविष्य की रणनीति तय करने के लिए अगले महीने शिमला में बैठक करने वाले हैं. येचुरी सीपीएम की दो दिवसीय पोलित ब्यूरो बैठक के अंत में रिपोर्टों से बात कर रहे थे. विपक्षी क्षेत्र में मतभेद के बारे में पूछे जाने पर येचुरी ने कहा कि फिलहाल हम एकजुट हैं. पश्चिम बंगाल का मुद्दा हमारी राज्य इकाई देखेगी. लेकिन जहां तक बीजेपी के खिलाफ लड़ाई की बात है तो हम एकजुट हैं.

टीएमसी के संदर्भ में येचुरी ने कहा कि हम सभी समान विचारधारा वाले दलों से अपील करते हैं कि वे बीजेपी से लड़ने के लिए अपने विरोध को छोड़कर एक साथ आएं. हमें उम्मीद है कि सभी विपक्ष शासित राज्य सरकारें लोकतंत्र को महत्व देंगी. केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार को समर्थन देने से इनकार करने के बाद कांग्रेस के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) के विरोध का जिक्र करते हुए येचुरी ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने पटना सम्मेलन में ऐसे अध्यादेश के खिलाफ आवाज उठाई थी.

येचुरी ने कहा कि जहां तक विपक्षी एकता का सवाल है, समय आने पर सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा. इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दावा किया था कि विपक्षी दलों की वह पटना बैठक महज एक फोटो सेशन थी. नड्डा ने कहा कि हाल ही में पटना में महागठबंधन की बैठक हुई थी, जो महज एक फोटो सेशन था. एक तरफ मोदी जी ने विकास को गति दी, तो दूसरी तरफ वंशवाद की राजनीति को खत्म किया. संवाददाता से बात करते हुए बीजेपी सांसद राजदीप रॉय ने कहा कि विपक्षी पार्टियां आपस में लड़ना बंद कर देंगी.

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के नेता पहले ही कह चुके हैं कि पटना बैठक विपक्षी दलों की है. यह सिर्फ कुछ पार्टियों का जुमला है. उनमें कभी भी आम सहमति नहीं बनेगी. हालांकि, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि पार्टियों में एक-दूसरे का विरोध हो सकता है, लेकिन जब यह बीजेपी के खिलाफ लड़ रही है, तो हम एकजुट हैं. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का आगामी शिमला सम्मेलन विपक्षी एकता को और मजबूत करेगा तथा भाजपा के खिलाफ हमले तेज करेगा.

हालांकि, येचुरी ने कहा कि उनकी पार्टी ने भारतीय गणराज्य के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक चरित्र और भारतीय संविधान द्वारा लोगों को लोकतांत्रिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों पर प्रदान की गई गारंटी की रक्षा के लिए विपक्षी दलों के बीच सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया है. येचुरी ने कहा कि सीपीएम ने प्रस्ताव दिया कि विपक्षी दलों को राष्ट्रीय चिंता के महत्वपूर्ण मुद्दों पर संयुक्त रूप से अखिल भारतीय अभियान चलाना चाहिए और तेजी से बिगड़ती लोगों की आजीविका के मुद्दों पर संयुक्त विरोध कार्रवाई करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि आगामी 2024 के आम चुनाव में विपक्षी वोटों में विभाजन से भाजपा को मिलने वाले लाभ को कम करने के लिए प्रत्येक राज्य के स्तर पर विपक्षी दलों के बीच चर्चा शुरू होनी चाहिए. येचुरी ने मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि डबल इंजन बीजेपी सरकार स्थिति को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल रही है. येचुरी ने कहा कि पीएम मोदी ने हालात पर टिप्पणी करने से भी इनकार कर दिया. गृह मंत्री द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला, क्योंकि मोदी सरकार ने राज्य में एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की बर्खास्तगी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जो स्थिति को नियंत्रित करने में सहयोगी और अक्षम दोनों रही है.

उन्होंने कहा कि पार्टी की पोलित ब्यूरो बैठक में वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर अकेले असम में विधानसभा क्षेत्रों का वर्ष 2023 में परिसीमन करने का भी विरोध किया गया. येचुरी ने बताया कि स्पष्ट रूप से, यह अभ्यास सत्तारूढ़ भाजपा के राजनीतिक उद्देश्य को पूरा करने और आगे बढ़ाने के लिए परिसीमन के लिए एक अलग आयोग का गठन किए बिना चुनाव आयोग द्वारा किया गया है. समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर बात करते हुए सीपीएम ने कहा कि एकरूपता को समानता से नहीं जोड़ा जा सकता.

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