हैदराबाद: तेलंगाना सरकार की 'मिशन भागीरथ' (Mission Bhagirath scheme) योजना को एक बार फिर 'जल जीवन मिशन पुरस्कार' (Jal Jeevan Mission Award) दिए जाने की घोषणा की गई है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बुधवार को कहा गया कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (Chief Minister K Chandrashekhar Rao) के विचारों से प्रेरित 'मिशन भागीरथ' योजना के तहत दूरस्थ, वनीय और पहाड़ी क्षेत्रों में एक भी आदिवासी आवास को छोड़े बिना राज्य की हर बस्ती में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. नल के माध्यम से हर घर में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराकर पूरे देश के लिए यह एक आदर्श योजना बनकर उभरी है.
केंद्र ने हाल में योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की थी. एक राष्ट्रीय स्तर के स्वतंत्र संगठन ने तेलंगाना के 320 गांव में एक निरीक्षण भी किया था. साथ ही, पानी की गुणवत्ता व आपूर्ति तंत्र की जांच के अलावा लोगों से बातचीत कर उनकी राय भी जानी और मिली जानकारी का विश्लेषण किया. विज्ञप्ति के अनुसार, यह पाया गया कि ‘मिशन भागीरथ’ के तहत प्रत्येक घर में प्रति व्यक्ति 100 लीटर स्वच्छ पेयजल मुहैया कराया जा रहा है. इस आकलन से यह निष्कर्ष निकला कि तेलंगाना की 'मिशन भगीरथ' योजना ने गुणवत्ता व मात्रा के मामले में देश में एक मिसाल पेश की है. साथ ही यह भी पाया गया कि सभी गांवों में रोजाना नल के जरिए निर्बाध स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है.
तेलंगाना 'रेग्युलेरिटी' की श्रेणी नंबर एक पर रहा और इसे 'जल जीवन मिशन पुरस्कार' के लिए चुना गया. केंद्र ने एक पत्र के माध्यम से तेलंगाना सरकार को दो अक्टूबर को गांधी जयंती पर दिल्ली में आयोजित किए जा रहे पुरस्कार समारोह के लिए आमंत्रित किया है. राज्य सरकार ने तेलंगाना के प्रयासों को मान्यता देने और पुरस्कार के लिए योजना को फिर से चुनने के लिए केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन को धन्यवाद दिया.
वहीं, तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी व उद्योग मंत्री केटी रामाराव ने पुरस्कार के लिए केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा किया. साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेतृत्व वाली सरकार से परियोजना के लिए 19,000 करोड़ रुपये देने की नीति आयोग की सिफारिश पर गौर करने का आग्रह भी किया.
पीटीआई-भाषा