हैदराबाद: हैदराबाद में फिंगरप्रिंट से जुड़ी एक नई तरह की धोखाधड़ी सामने आई है. राचकोंडा पुलिस ने गुरुवार को एक सर्जिकल प्रक्रिया के माध्यम से युवाओं के उंगलियों के निशान हटाने में शामिल अपराधियों के एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है. गिरोह लोगों को नौकरियों के लिए खाड़ी देशों में भेजने में मदद करता था. पुलिस युवाओं को खाड़ी में भेजने में शामिल एजेंटों की भूमिका और इस तरह से कितने लोगों ने राज्य छोड़ा है, इसकी जांच कर रही है.
गिरफ्तार आरोपियों के पास से मेडिकल किट सर्जरी व आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है. विश्वसनीय सूचना पर मलकाजगिरी जोन टीम ने घाटकेसर पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चलाकर गजलकोंडुगरी नागा मुनेश्वर रेड्डी, सागबाला वेंकट रमना, बोविला शिव शंकर रेड्डी रेंदला राम कृष्णा रेड्डी को अन्नोजीगुडा में होटल से गिरफ्तार कर लिया. ये लोग कडपा से आए थे.
विश्वसनीय सूचना पर मलकाजगिरी जोन टीम ने घाटकेसर पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चलाकर गजलकोंडुगरी नागा मुनेश्वर रेड्डी, सागबाला वेंकट रमना, बोविला शिव शंकर रेड्डी रेंदला राम कृष्णा रेड्डी को अन्नोजीगुडा में होटल से गिरफ्तार कर लिया. ये लोग कडपा से आए थे. आरोपियों के पास से सर्जिकल दस्ताने, सर्जिकल टेप, सर्जिकल ब्लेड व दवाओं के अलावा अन्य सामग्री बरामद की गई है. पुलिस ने चार मोबाइल भी जब्त किया है.
इससे पहले साइबराबाद पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जो धन निकालने के लिए पॉलिमर का उपयोग करके उंगलियों के निशान की क्लोनिंग कर रहा था, लेकिन शारीरिक उंगलियों के निशान को बदलने की सर्जिकल प्रक्रिया से जुड़े इस तरह के रैकेट से पुलिस को झटका लगा. रिपोर्टों के अनुसार, नौकरियों की खातिर खाड़ी देशों की यात्रा करने के उद्देश्य से उंगलियों के निशान लेना अनिवार्य है. यदि उन्हें अस्वीकार कर दिया जाता है, तो वे वहां जाने का अवसर खो देते हैं. इसके बावजूद लोग विदेश जाने के लिए तरह-तरह के रास्ते खोजने की कोशिश करते हैं.