हैदराबाद : तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र वापस लेने की समयसीमा बुधवार को समाप्त हो गई. इसी के साथ चुनावी मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों की स्थिति साफ हो गई है. पार्टियों के सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस और अन्य प्रमुख दलों के कई नेताओं ने आधिकारिक उम्मीदवारों के पक्ष में अपना नाम वापस ले लिया है. उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए पार्टी का आधिकारिक टिकट प्राप्त करने में असफल होने के बाद बतौर निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया था.
निर्वाचन अधिकारियों ने कहा कि मैदान में बचे उम्मीदवारों की अंतिम संख्या निर्वाचन क्षेत्रों से जानकारी मिलने के बाद पता चलेगी. नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक तेलंगाना में 3.26 करोड़ से अधिक मतदाता हैं जिनमें पुरुषों और महिलाओं की संख्या लगभग बराबर है. सेरिलिंगमपल्ली निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक करीब 7.32 लाख मतदाता पंजीकृत है जबकि भद्राचलम निर्वाचन क्षेत्र में सबसे कम 1.49 लाख मतदाता पंजीकृत हैं.
निर्वाचन अधिकारियों के मुताबिक तेलंगाना में 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दाखिल नामांकन पत्रों की जांच के दौरान 2,898 नामांकन पत्र वैध पाए गए जबकि 606 नामांकन पत्रों को खारिज कर दिया गया था. मतदान की तारीख नजदीक आते ही पार्टियों ने अपना चुनाव प्रचार तेज कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्रियों के अलावा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जैसे बड़े नेताओं के राज्य में आयोजित चुनावी रैलियों को संबोधित करने का कार्यक्रम है.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) उम्मीदवारों के प्रचार के लिए राज्य का तूफानी दौरा कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अभिनेता पवन कल्याण के नेतृत्व वाली जनसेना के साथ चुनाव पूर्व समझौता किया और उसके लिए आठ सीट छोड़ी है. कांग्रेस ने सीट-बंटवारे के समझौते के तहत भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) को एक सीट दी है. राज्य में सत्तारूढ़ बीआरएस सभी 119 सीट पर चुनाव लड़ रही है जबकि असदु्द्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के साथ नौ सीट पर उसका दोस्ताना मुकाबला है. तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होगा जबकि मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी.
ये भी पढ़ें - Rajasthan : PM मोदी का तंज- कांग्रेस केंद्र में डर-डरकर सरकार चलाती थी, आज हम आतंकियों को घर में घुसकर मारते हैं