तेलंगाना : नलगोंडा जिला पुलिस ने आत्मरक्षा के लिए विशाखा जिले में आदिवासियों पर फायरिंग की. इस घटना में दो घायल हो गए. पुलिस के अनुसार कुछ दिन पहले नालगोंडा जिले में श्रीनू नाम के शख्स को मादक पदार्थ के साथ पकड़ा गया था. उसके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर, नलगोंडा टास्क फोर्स पुलिस श्रीनु के साथ इस मामले के अन्य आरोपियों की पहचान करने के लिए 15 अक्टूबर को विशाखापत्तनम जिले के गलीपाडु गांव पहुंची.
शनिवार को अधिकारियों ने गांव के बालकृष्ण और लोवराजू को गिरफ्तार कर नरसीपट्टनम में रखा. वहीं रविवार को पुलिस गलीपाडु गयी जहां किल्लो भीमाराजू नाम के एक आदिवासी को गिरफ्तार किया. चार आरोपी एक वाहन से नरसीपट्टनम जा रहे थे. ग्रामीणों ने बताया कि किलो भीमाराजू मादक पदार्थ की तस्करी से अनभिज्ञ था. अन्नावरम सरपंची पांगी सन्यासी राव, एमपीटीसी किलो वराहलाबाबू और आठ अन्य लोगों ने पुलिस से किलो भीमाराजू को छोड़ने का अनुरोध करने के लिए एक जीप से पुलिस वाहन का पीछा किया.
ट्रैफिक जाम के कारण तुरबाला गेड्डा में पुलिस की गाड़ी रुकी. इस बीच पीछे से आए कुछ ग्रामीणों ने पुलिस वाहन को घेर लिया. ग्रामीणों ने पुलिस वाहन पर पथराव किया. पुलिस ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस की फायरिंग में किल्लो कामराजू (55) और किलो रामबाबू (25) घायल हो गए. वे पिता- पुत्र हैं और गलीपाडु के रहने वाले हैं. गोली उनके पैर में लगी है.
दोनों घायलों को नरसीपट्टनम क्षेत्रीय अस्पताल ले जाया गया. इस घटना में पुलिस की गाड़ी के शीशे टूट गए. घटना पर नलगोंडा जिले के एसपी एवी रंगनाथ ने कहा कि चार दिन से तलाशी चल रही थी. रविवार को नकीरेकल सीआई के नागराज के नेतृत्व में एक टीम ने मादक पदार्थ तस्करों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया. इस बीच 30 तस्करों द्वारा पुलिस टीमों पर पथराव किया, पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाईं. पुलिस ने पहले हवा में गोलियां चलायी, फिर आरोपियों पर फायरिंग की. गोली लगने से दो घायल हो गए.
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