नई दिल्ली: एआईएमआईएम अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर कॉमन सिविल कोड (यूसीसी) आता है तो यह सभी समुदायों के लिए नुकसानदायक होगा. असदुद्दीन ने प्रगति भवन में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधियों के साथ सीएम केसीआर से मुलाकात के बाद यह बात कही. उन्होंने कहा कि सीएम केसीआर को अपील के साथ एक नोट दिया गया है. ओवैसी ने कहा कि भारत विविधता में एकता का प्रतीक है.
ओवैसी ने कहा कि लगभग सभी राज्यों में करोड़ों आदिवासी हैं. इन सभी को यूसीसी के कारण कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. हिंदू विवाह अधिनियम भी निरस्त किया जाएगा. हमने सीएम केसीआर से समान नागरिक संहिता पर चर्चा की. हमने कहा है कि यूसीसी लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. तेलंगाना पिछले दस वर्षों से शांतिपूर्ण है. यह बिल किसी के लिए अच्छा नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धर्मनिरपेक्षता से एलर्जी है.
ओवैसी ने आगे कहा कि हम यूसीसी का विरोध जरूर करेंगे. केसीआर ने आश्वासन दिया कि भारत इस बिल का विरोध करेगा. केसीआर ने कहा कि वह समान विचारधारा वाले दलों से इस पर चर्चा करेंगे. हम एपी सीएम से भी इस बिल का विरोध करने का अनुरोध करते हैं. हम यूसीसी के खिलाफ सभी दलों से समर्थन जुटाएंगे. हम सभी राज्यों के सीएम और पार्टी नेताओं से मिलेंगे. वहीं दूसरी ओर तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने औवेसी की अपील का जवाब दिया.
केसीआर ने कहा कि यूसीसी का जो फैसला केंद्र सरकार लागू करना चाहती है, वह स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण है. उन्होंने आरोप लगाया कि यूसीसी एक बार फिर लोगों को भड़काने और अनावश्यक झगड़े पैदा करने का कारण बन सकता है. बीजेपी देश में हल की जाने वाली कई समस्याओं से ध्यान हटाकर विभाजनकारी राजनीति कर रही है. केसीआर ने साफ कर दिया कि वह यूसीसी बिल के सख्त खिलाफ हैं, जिसे बीजेपी लाना चाहती है.
केसीआर की ओर से घोषणा की गई है कि बीआरएस आगामी संसद सत्र में विधेयक का विरोध करेगा. उन्होंने कहा कि वे समान भावना वाले दलों को एक साथ लाकर यूसीसी बिल पर लड़ाई लड़ेंगे. इस संबंध में केसीआर ने संसदीय दल के नेता के. केशा राव और नामा नागेश्वर राव को संसद के दोनों सदनों में होने वाली गतिविधियों के लिए एक योजना तैयार करने का आदेश दिया.