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Telangana News: एक युवक ने की दो लड़कियों से शादी, परिवार वालों ने दिया आशीर्वाद - तेलंगाना की खबरें

तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक युवक ने दो लड़कियों के साथ शादी की है. बड़ी बात यह है कि तीनों की शादी घर वालों की रजामंदी के साथ हुई है.

युवक ने की दो लड़कियों से शादी
युवक ने की दो लड़कियों से शादी
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Published : Mar 8, 2023, 9:58 PM IST

भद्राद्री कोठागुडेम: एक दूल्हा और उसकी दो दुल्हनें. आपको यह सुनने में काफी हैरानी होगी और आप सोचेंगे कि क्या यह सच है. तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले में एक युवक दो लड़कियों के साथ एक ही मंच पर शादी करने जा रहा है. इसके अलावा उन्होंने सभी को शादी के कार्ड भी बांटे. इसी के साथ सोशल मीडिया पर शादी का कार्ड भी वायरल हो रहा है. उनकी आदिवासी परंपराएं दूसरों की तुलना में थोड़ी अलग हैं.

यहां पर आदिवासी जातियों के युवक-युवतियां अगर एक-दूसरे को पसंद करते हैं तो डेटिंग पर जाते हैं. इसके बाद बड़ों को समझाकर शादी कर लेते हैं. इस दौरान वे कभी-कभी शारीरिक संबंध भी बना लेते हैं और खुद माता-पिता बन जाते हैं. वे बच्चे के जन्म देने के बाद भी अपने माता-पिता और ग्रामीणों की मौजूदगी में शादी कर लेते हैं. लेकिन इसके लिए जाति के बुजुर्गों और ग्रामीणों को कुछ नगद देना पड़ता है.

जिले में रहने वाले सत्तीबाबू ने डिग्री तक पढ़ाई की और बीच में ही रुक गया. उसे अगले गांव से इंटर की पढ़ाई कर रही स्वप्ना कुमारी से प्यार हो गया. इसी दौरान उसे एक अन्य लड़की सुनीता भी पसंद आ गई, जो उसकी रिश्तेदार थी. वह पिछले तीन साल से दोनों के साथ रह रहा है. इस दौरान स्वप्ना कुमारी ने एक बच्चे को जन्म दिया और साथ ही सुनीता ने भी एक बच्चे को जन्म दिया है. अब यह दोनों दोबारा गर्भवती हैं.

जब लड़कियों के माता-पिता ने सत्तिबाबू से शादी करने के लिए कहा, तो हर कोई चौंक गया, जब उसने उन्हें बताया कि वह उन दोनों से प्यार करता है और वह उन दोनों से शादी करेगा. तीनों गांवों के बुजुर्गों की मौजूदगी में पंचायत हुई और तीनों की पसंद पूछी गई. उन्होंने अपनी मर्जी से शादी करने का फैसला किया. इसी क्रम में शादी के कार्ड भी छपवाए गए और सभी रिश्तेदारों को इस शादी के लिए आमंत्रित किया गया है.

पढ़ें: मुस्लिम महिला ने बनाई हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें, चित्रकारी से लोगों का ध्यान कर रही आकर्षित

सभी रिश्तेदारों को बुलाया गया और शादी की रस्में शुरू हो गईं. गुरुवार की सुबह सात बजे बिना ब्राह्मणों के बुजुर्गों व ग्रामीणों की मौजूदगी में एक ही समय पर दोनों को मंगलसूत्र बांधा. जाति के बुजुर्ग कह रहे हैं, उनकी मर्जी से शादी हुई है. दोनों दुल्हनों का कहना है कि वे ऐसा करना चाहती हैं, तीनों साथ होंगे. हम तीनों एक हो जाएंगे. उनका कहना है कि हमें कोई दिक्कत नहीं है. इसलिए हम राजी हो गए.

भद्राद्री कोठागुडेम: एक दूल्हा और उसकी दो दुल्हनें. आपको यह सुनने में काफी हैरानी होगी और आप सोचेंगे कि क्या यह सच है. तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले में एक युवक दो लड़कियों के साथ एक ही मंच पर शादी करने जा रहा है. इसके अलावा उन्होंने सभी को शादी के कार्ड भी बांटे. इसी के साथ सोशल मीडिया पर शादी का कार्ड भी वायरल हो रहा है. उनकी आदिवासी परंपराएं दूसरों की तुलना में थोड़ी अलग हैं.

यहां पर आदिवासी जातियों के युवक-युवतियां अगर एक-दूसरे को पसंद करते हैं तो डेटिंग पर जाते हैं. इसके बाद बड़ों को समझाकर शादी कर लेते हैं. इस दौरान वे कभी-कभी शारीरिक संबंध भी बना लेते हैं और खुद माता-पिता बन जाते हैं. वे बच्चे के जन्म देने के बाद भी अपने माता-पिता और ग्रामीणों की मौजूदगी में शादी कर लेते हैं. लेकिन इसके लिए जाति के बुजुर्गों और ग्रामीणों को कुछ नगद देना पड़ता है.

जिले में रहने वाले सत्तीबाबू ने डिग्री तक पढ़ाई की और बीच में ही रुक गया. उसे अगले गांव से इंटर की पढ़ाई कर रही स्वप्ना कुमारी से प्यार हो गया. इसी दौरान उसे एक अन्य लड़की सुनीता भी पसंद आ गई, जो उसकी रिश्तेदार थी. वह पिछले तीन साल से दोनों के साथ रह रहा है. इस दौरान स्वप्ना कुमारी ने एक बच्चे को जन्म दिया और साथ ही सुनीता ने भी एक बच्चे को जन्म दिया है. अब यह दोनों दोबारा गर्भवती हैं.

जब लड़कियों के माता-पिता ने सत्तिबाबू से शादी करने के लिए कहा, तो हर कोई चौंक गया, जब उसने उन्हें बताया कि वह उन दोनों से प्यार करता है और वह उन दोनों से शादी करेगा. तीनों गांवों के बुजुर्गों की मौजूदगी में पंचायत हुई और तीनों की पसंद पूछी गई. उन्होंने अपनी मर्जी से शादी करने का फैसला किया. इसी क्रम में शादी के कार्ड भी छपवाए गए और सभी रिश्तेदारों को इस शादी के लिए आमंत्रित किया गया है.

पढ़ें: मुस्लिम महिला ने बनाई हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें, चित्रकारी से लोगों का ध्यान कर रही आकर्षित

सभी रिश्तेदारों को बुलाया गया और शादी की रस्में शुरू हो गईं. गुरुवार की सुबह सात बजे बिना ब्राह्मणों के बुजुर्गों व ग्रामीणों की मौजूदगी में एक ही समय पर दोनों को मंगलसूत्र बांधा. जाति के बुजुर्ग कह रहे हैं, उनकी मर्जी से शादी हुई है. दोनों दुल्हनों का कहना है कि वे ऐसा करना चाहती हैं, तीनों साथ होंगे. हम तीनों एक हो जाएंगे. उनका कहना है कि हमें कोई दिक्कत नहीं है. इसलिए हम राजी हो गए.

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