हैदराबाद : मंचेरियल की रहने वाली सुजाता और मुरली की इकलौती बेटी है जाह्नवी. जाह्नवी अभी निजी जूनियर कॉलेज में प्रथम वर्ष की इंटरमीडिएट की छात्रा है. गायन के प्रति उनके जुनून को देखते हुए, उनके माता-पिता ने जाह्नवी को अपनी रुचि को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया. जाह्नवी अब 17 भाषाओं तेलुगु, अंग्रेजी, गुजराती, पंजाबी, मराठी, तमिल, नेपाली, कन्नड़, उड़िया, उर्दू, हिंदी, बंगाली, लम्बाडी, मलयालम, दक्षिण अफ्रीकी में गाती है.
हाल ही में कम उम्र में अपनी कई प्रतिभाओं के लिए जाह्नवी का नाम इंटरनेशनल वंडर बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (International Wonder Book of Records) में दर्ज किया गया. मंत्री इंदिराकरण रेड्डी (Minister Indirakaran Reddy) ने इस कार्यक्रम में भाग लिया. जाह्नवी को बधाई दी. और कहा कि 17 भाषाओं में गाने की उसकी क्षमता दुर्लभ है. मंत्री इंदिराकरण रेड्डी ने जाह्नवी भविष्य के लिए आशीर्वाद दिया. 2017 में जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा किया, तो हमारा राष्ट्रगान वहां अरबी में गाया गया था. जाह्नवी ने वही गाना सुनकर सीखा और गाया. वह वर्तमान में कर्नाटक संगीत ऑनलाइन सीख रही है.
वह हारमोनियम भी बजाती है. उसने चार साल की उम्र से विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था. वह बचपन से ही नाचती, गाती, संवाद सुनाती और मिमिक्री करती थी. जाह्नवी जब भी किसी प्रतियोगिता में भाग लेती हैं तो उन्हें प्रथम पुरस्कार मिलता है. जाह्नवी ने बाल दिवस के अवसर पर हैदराबाद के रवींद्र भारती में आयोजित बालोत्सव 2021 गीत प्रतियोगिता में भाग लिया. जहां उसे प्रथम पुरस्कार मिला. बालोत्सव प्रतियोगिता में जाह्नवी ने लगातार तीसरे साल पहला पुरस्कार जीता. कार्यक्रम में गाने के अलावा उसने मिमिक्री भी की. वह एनटीआर और गुजरे जमाने की सुपरस्टारों की आवाज और संवादों की नकल करती है.
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"मैं मंचेरियल में प्रथम वर्ष इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रही हूं. मुझे गाने में दिलचस्पी है. मेरे आदर्श गायक एसपी बालासुब्रमण्यम और चित्रा हैं. मैं दोनों गायकों से प्रेरित हूं. अभिनय में एनटीआर मेरे आदर्श थे. मैंने उन्हें फिल्मों में देख कर अभिनय सीखा. मैंने चार साल की उम्र से गाना और अभिनय करना शुरू कर दिया था. मैं कुल 17 भाषाओं में गा रही हूं. अपने पिता के समर्थन के कारण मैं यहां तक पहुंची हूं. मेरा लक्ष्य एक बड़ा गायक बनना है." - जाह्नवी, गायिका
"उसने चार साल की उम्र में गायन और अभिनय सीखा. हमने उसका सहयोग किया. वह अभिनय और शिक्षा में बहुत बुद्धिमान थी. हम आशा करते हैं और सोचते हैं कि वह भविष्य में एक बड़ी अभिनेत्री बनेगी." - सुजाता, जाह्नवी मां
जाह्नवी ने भी छह साल की उम्र में सिल्वर स्क्रीन पर डेब्यू किया था. उन्होंने संपूर्णेश बाबू की फिल्म सहसाम प्यारा डिम्बाका में घोस्ट टू परफेक्शन की भूमिका निभाई. उसने दो अन्य फिल्मों में अभिनय किया है. जाह्नवी ने विभिन्न तेलुगु टेलीविजन शो में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है. उनके परिवार वालों को विश्वास है कि वह भविष्य में कई ऊंचाइयों को छूएंगी. आइए हम कई प्रतिभाओं से धनी अद्भुत लड़की को शुभकामनाएं दें!