हैदराबाद : तेलंगाना के सिद्दीपेट के किसानों ने फसल बर्बाद करने वाले जंगली सूअर और बंदरों को डराने के लिए एक नायाब आइडिया ढूंढ लिया है. उन्होंने भालू वाली ड्रेस पहनकर फसलों की रखवाली कर रहे हैं. इसका फायदा यह है कि इन जानवरों को भगाने के लिए उन्हें ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ रही है.
सिद्दीपेट के किसान जंगल से सटे अपने खेत में सब्जियां, मक्का और धान की खेती करते हैं. फसलों की कटाई के मौसम में बंदर और जंगली सूअर से किसान परेशान रहते हैं. झुंड में घूमने वाले ये पशु पके फसलों को कम समय में ही चट कर जाते हैं. अगर वे फसल खा नहीं पाते तो बर्बाद जरूर कर देते हैं. इन पशुओं को डंडे से भगाना भी आसान नहीं है. बंदरों और जंगली सूअरों से परेशान इन किसानों को आइडिया आया कि अगर बड़े और खूंखार जंगली जानवर से रखवाली कराई जाए तो ये छोटे पशु डरकर खेतों के आसपास नहीं फटकेंगे. खूंखार जंगली जानवर को तो खेतों तक लाया नहीं जा सकता, इसलिए कुछ लोगों ने भालू बनकर खेतों में घूमना शुरू किया. वन अधिकारियों ने भी इस पर आपत्ति नहीं की.
नतीजा यह रहा कि आइडिया काम कर गया और फसलें तबाह होने से बच गईं. आइडिया सुपरहिट होने के बाद कई किसानों ने इसे आजमाना शुरू किया. किसानों ने बताया कि उन्होंने हैदराबाद से 10 हजार रुपये में भालू का कॉस्ट्यूम मंगवाया. अब एक वर्कर भालू वाला कॉस्ट्यूम पहनकर सुबह और शाम खेतों में घूमता है. बंदर और सूअर सुबह-शाम ही भोजन तलाशने के दौरान खेतों में धावा बोलते हैं. नकली भालू बनने वाले को 500 रुपये की दिहाड़ी भी दी जाती है. मगर इस खर्च का असर यह है कि 25 एकड़ की फसल नकली भालू के कारण अभी सुरक्षित है. इस बहुरुपिये भालू को भी ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है. उसके एक दिन के भ्रमण के कारण जंगली जानवर कई-कई दिनों तक खेतों की ओर नहीं आते हैं. हालांकि स्थानीय किसानों ने सरकार से जंगली पशुओं से फसलों को बचाने के लिए परमानेंट तरीका आजमाने की गुहार लगाई है.
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