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भारत बायोटेक और कोवैक्सीन पर दुर्भावनापूर्ण आलेख के मामले में तेलंगाना की अदालत ने फैसला सुनाया - telangana Court defamation case bharat biotech

तेलंगाना की एक अदालत ने वेबसाइट के खिलाफ इंजक्शन ऑर्डर जारी किया है. कोर्ट ने कहा है कि नोटिस मिलने के 48 घंटे के भीतर भारत बायोटेक और कोवैक्सीन वैक्सीन के बारे में 14 लेखों को हटाया जाए.

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Published : Feb 24, 2022, 8:45 PM IST

हैदराबाद : तेलंगाना की रंगारेड्डी जिला न्यायालय ने 'द वायर' वेबसाइट के खिलाफ निषेधाज्ञा (Injunction order) जारी किया है. कोर्ट ने नोटिस मिलने के 48 घंटे के भीतर भारत बायोटेक और कोवैक्सीन वैक्सीन के बारे में प्रकाशित 14 लेखों को हटाने का भी आदेश दिया है. अदालत के अंतरिम आदेश में कहा गया है कि भविष्य में भारत बायोटेक कंपनी, निदेशकों, कर्मचारियों, एजेंटों और उत्पादों की छवि खराब करने के लिए कोई लेख प्रकाशित नहीं किया जाना चाहिए.

गौरतलब है कि भारत बायोटेक ने एक याचिका दायर कर 'द वायर' वेबसाइट द्वारा कोवैक्सीन और उनकी कंपनी के खिलाफ लिखे गए लेखों को बिना किसी सबूत के हटाने का आदेश देने की मांग की थी. याचिका पर रंगारेड्डी जिले में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने सुनवाई की.

याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि द वायर वेबसाइट ने कंपनी के उत्पादों पर दुर्भावनापूर्ण इरादे से लेख लिखे थे. उन्होंने कहा कि सरकार ने कंपनी को 15 से 18 साल के बच्चों के लिए कोविड वैक्सीन बनाने की अनुमति दी है. वकील ने अदालत को बताया कि माता-पिता को अपने बच्चों का टीकाकरण कराने से इनकार करने का खतरा था क्योंकि 'द वायर' पर लेख प्रकाशित था.

यह भी पढ़ें- कोविशील्ड-कोवैक्सीन के मिक्स डोज से मिले बेहतरीन परिणाम, विशेषज्ञों ने कहा- अभी और अधिक रिसर्च की आवश्यकता

दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने लेखों को हटाने और भविष्य में इन्हें न लिखने के अंतरिम आदेश जारी किए. याचिकाकर्ता को प्रतिवादियों को नोटिस तामील करने का आदेश देते हुए अगली सुनवाई 16 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी.

हैदराबाद : तेलंगाना की रंगारेड्डी जिला न्यायालय ने 'द वायर' वेबसाइट के खिलाफ निषेधाज्ञा (Injunction order) जारी किया है. कोर्ट ने नोटिस मिलने के 48 घंटे के भीतर भारत बायोटेक और कोवैक्सीन वैक्सीन के बारे में प्रकाशित 14 लेखों को हटाने का भी आदेश दिया है. अदालत के अंतरिम आदेश में कहा गया है कि भविष्य में भारत बायोटेक कंपनी, निदेशकों, कर्मचारियों, एजेंटों और उत्पादों की छवि खराब करने के लिए कोई लेख प्रकाशित नहीं किया जाना चाहिए.

गौरतलब है कि भारत बायोटेक ने एक याचिका दायर कर 'द वायर' वेबसाइट द्वारा कोवैक्सीन और उनकी कंपनी के खिलाफ लिखे गए लेखों को बिना किसी सबूत के हटाने का आदेश देने की मांग की थी. याचिका पर रंगारेड्डी जिले में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने सुनवाई की.

याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि द वायर वेबसाइट ने कंपनी के उत्पादों पर दुर्भावनापूर्ण इरादे से लेख लिखे थे. उन्होंने कहा कि सरकार ने कंपनी को 15 से 18 साल के बच्चों के लिए कोविड वैक्सीन बनाने की अनुमति दी है. वकील ने अदालत को बताया कि माता-पिता को अपने बच्चों का टीकाकरण कराने से इनकार करने का खतरा था क्योंकि 'द वायर' पर लेख प्रकाशित था.

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दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने लेखों को हटाने और भविष्य में इन्हें न लिखने के अंतरिम आदेश जारी किए. याचिकाकर्ता को प्रतिवादियों को नोटिस तामील करने का आदेश देते हुए अगली सुनवाई 16 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी.

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