सोलापुर : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव महाराष्ट्र की राजनीति में कदम रख रहे हैं. वे महाराष्ट्र में पार्टी का विस्तार करना चाहते हैं. इसी पृष्ठभूमि में वह सोमवार को वह महाराष्ट्र के दौरे पर आएंगे. केसीआर सोमवार को सोलापुर आने के बाद केसीआर 27 जून को पंढरपुर के विट्ठल का दौरा करेंगे. यहां वे पंढरी वारी में शामिल होंगे. सोमवार शाम को एनसीपी नेता भागीरथ भालके के बीआरएस में शामिल होने की जानकारी सामने आ रही है. बीआरएस प्रमुख और मुख्यमंत्री केसीआर कल से महाराष्ट्र के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे. वह पंढरीपुर और तुलजापुर मंदिरों में पूजा करेंगे.
केसीआर सोमवार सुबह 10 बजे हैदराबाद से महाराष्ट्र के रवाना होंगे. वह सड़क मार्ग से पंढरपुर और तुलजापुर जाएंगे. इस दौरान उनके साथ बड़े काफिले में कई मंत्री, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि और बीआरएस नेता भी रहेंगे. सूत्रों के मुताबिक, उनके साथ 400 कारों का काफीला होगा. केसीआर अपने काफिले के साथ सोमवार शाम सोलापुर पहुंचेंगे. रात को वहीं रुकेंगे. इस बीच सोलापुर जिले के प्रमुख नेता भागीरथ बाल्के समेत कई नेता सीएम केसीआर की मौजूदगी में बीआरएस में शामिल होंगे.
महाराष्ट्र के कई नेता और तेलंगाना से हैंडलूम के काम के लिए सोलापुर गए मजदूर और कर्मचारी केसीआर से मुलाकात करेंगे. मंगलवार सुबह वह सोलापुर जिले के पंढरपुर पहुंचेंगे. वहां विट्ठल रुक्मिणी मंदिर में दर्शन करेंगे. मंदिर में पूजा करने के बाद, वे धाराशिव जिले में शक्ति पीठ तुलजाभवानी देवी के दर्शन करेंगे, जहां वे विशेष पूजा भी करेंगे. इसके बाद वे हाईवे के रास्ते हैदराबाद के लिए रवाना हो जाएंगे.
महाराष्ट्र में बड़ी सफलता की उम्मीद : आगामी लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद विधानसभा चुनाव होंगे. इसके साथ ही स्थानीय स्वशासन चुनावों की भी घोषणा की जाएगी. इन सभी गणनाओं को ध्यान में रखते हुए, तेलंगाना के मुख्यमंत्री महाराष्ट्र में प्रवेश कर रहे हैं. महाराष्ट्र में प्रवेश के बाद वह अपनी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर ले जायेंगे. केसीआर बीआरएस को महाराष्ट्र में एमआईएम से भी अधिक जीत दिलाने के लिए तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने महाराष्ट्र में पार्टी की बड़ी एंट्री की तैयारी कर ली है. इसी पृष्ठभूमि में केसीआर 26 से 27 तारीख के बीच महाराष्ट्र के दौरे पर रहेंगे. 26 जून को पहुंचकर वे बड़ा शक्ति प्रदर्शन करने वाले हैं. इसके लिए चर्चा है कि तेलंगाना की पूरी कैबिनेट को 400 कारों के बेड़े के साथ महाराष्ट्र लाया जाएगा.
राज्य की राजनीतिक हालात का फायदा: महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई है. बीजेपी और शिवसेना अलग हो गए हैं. इसमें महाविकास अघाड़ी सरकार का तख्तापलट हो गया. शिंदे-फडणवीस सरकार बनी. एनसीपी में कलह, कांग्रेस पार्टी की खोती ताकत को देखते हुए केसीआर राज्य में जनता के लिए नई उम्मीद बन सकते हैं. बीआरएस पार्टी ने वारी के मार्ग पर दिवेघाट में एक बैनर भी लगाया है जहां लाखों लोग भाग लेते हैं. राजनीतिक दलों के बीच चर्चा है कि बीआरएस की नजर ग्रामीण मतदाताओं पर है. पंढरपुर दर्शन कूटनीति को ग्रामीण मतदाताओं को आकर्षित करने वाला बताया जा रहा है.