हैदराबाद : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) एक बार फिर अपने राजनीतिक मिशन पर दिल्ली का दौरा कर रहे हैं. मंगलवार को वह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मिलेंगे. इससे पहले केसीआर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्भव ठाकरे और एनसीपी के प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात कर चुके हैं. सियासी हलकों में यह माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर के. चंद्रशेखर राव गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस राजनीतिक दलों के गठबंधन के लिए मशक्कत कर रहे हैं.
राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक वैकल्पिक गठबंधन बनाने की कवायद कर रहे मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) अपने दिल्ली दौरे के दौरान राष्ट्रीय दलों के कई नेताओं से मुलाकात करेंगे. इसके अलावा वह रिटायर्ड आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के साथ भी चर्चा करेंगे.
आधिकारिक तौर से यह बताया गया है कि अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान केसीआर केंद्रीय मंत्रियों से मिलेंगे और तेलंगाना राज्य के मुद्दों पर चर्चा करेंगे. यूक्रेन से भारतीय छात्रों की निकासी, रबी धान की खरीद की खरीद, विभाजन के मुद्दे, राज्य के लिए आवंटित धन के मसले पर वह केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत करेंगे. बता दें कि धान खरीद के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए केसीआर पिछले नवंबर में दिल्ली गए थे मगर प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्रियों ने उन्हें अपॉइंटमेंट नहीं दिया था. इस बार के. चंद्रशेखर राव की प्रधानमंत्री के साथ मीटिंग होगी या नहीं, इस बारे में अभी पता जानकारी नहीं दी गई है. बता दें कि केसीआर की पत्नी शोभा का इलाज दिल्ली एम्स में हो रहा है.
तेलंगाना के सीएम की दिल्ली यात्रा के कई सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं. 20 फरवरी को BJP के खिलाफ साझा मोर्चा बनाने की कवायद कर रहे तेलंगाना के सीएम केसीआर (KCR) ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray), एनसीपी नेता शरद पवार (Sharad Pawar) से भी मुलाकात की थी. इससे पहले 13 फरवरी को केसीआर ने ऐलान किया था कि वह बहुत जल्द बीजेपी के खिलाफ तमाम राजनीतिक दलों को एकजुट करेंगे. 12 जनवरी को उन्होंने बिहार के राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव से हैदराबाद में मुलाकात की थी. वह पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को भी हैदराबाद आने का न्योता दे चुके हैं.
उनकी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति ( TRS) का दावा है कि राष्ट्रीय स्तर पर वैकल्पिक मोर्चा बनाने के लिए केसीआर ममता बनर्जी, नवीन पटनायक, अखिलेश यादव, देवेगौड़ा, स्टालिन समेत गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस नेताओं से संपर्क करने की तैयारी में हैं. गौरतलब है कि 2019 आम चुनाव से पहले भी केसीआर फेडरल फ्रंट नाम से तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश कर चुके हैं. तब भी उन्होंने फेडरल फ्रंट बनाने के लिए अलग-अलग राज्यों का दौरा भी किया था और नेताओं से मुलाकात की थी. के. चंद्रशेखर राव (KCR) से पहले ममता बनर्जी भी लोकसभा चुनाव से पहले ऐसे गठबंधन बनाने की कोशिश की थी. हालांकि तब शिवसेना नेताओं ने स्पष्ट कर दिया था कि बीजेपी के विरोध के लिए विपक्ष की एकजुटता के लिए जरूरी है कि मोर्चे में कांग्रेस को शामिल किया जाए.
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