ETV Bharat / bharat

भारत में यूरोलॉजी और नेफ्रोलॉजी कैंसर में इजाफा, AINU ने 1,000 रोबोटिक उपचार पूरे किए

Telangana AINU : एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेफ्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी (AINU) ने 1000 रोबोटिक सर्जरी पूरी कर रिकॉर्ड बनाया है. इस बारे में डॉक्टरों ने बताया कि किडनी और प्रोस्टेट कैंसर के मामले बढ़ने से इसके जरिए इलाज करने के साथ कैंसर की पहचान आसान हो गई है. Urology and Nephrology

AINU completes 1000 robotic treatments
AINU ने 1000 रोबोटिक उपचार पूरे किए
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 10, 2024, 7:21 PM IST

हैदराबाद: चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि बदलती जीवनशैली के कारण किडनी और प्रोस्टेट कैंसर पहले की तुलना में बढ़ रहे हैं. उनका कहना है कि प्रोस्टेट कैंसर के अधिकांश मामले पहले जो विकसित देशों तक ही सीमित थे अब भारत में भी दर्ज किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे जीवन की लालसा बढ़ रही है ऐसे में कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं. एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेफ्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी (एआईएनयू) के तत्वावधान में 1000 रोबोटिक सर्जरी पूरी होने के मौके पर अस्पताल के डॉक्टरों ने मंगलवार को सोमाजीगुडा में मीडिया से बात की.

अस्पताल के एमडी और प्रख्यात मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सी. मल्लिकार्जुन ने इस अवसर पर कहा कि एआईएनयू देश के उन कुछ अस्पतालों में से एक है जिसने यह उपलब्धि हासिल की है. उन्होंने कहा कि जागरूकता में वृद्धि और अल्ट्रासाउंड की व्यापक उपलब्धता के साथ कैंसर की पहचान बहुत आसान हो गई है. डॉ. मल्लिकार्जुन ने कहा कि रोबोटिक सर्जरी से किडनी कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, मूत्राशय कैंसर, मूत्र पथ पुनर्निर्माण और मरम्मत जैसी समस्याओं में सुधार किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि साधारण प्रोस्टेटक्टोमी के बाद कई रोगियों को पेशाब करने में समस्या होती है. अधिकांश लोगों को मूत्र असंयम की समस्या होती है. इस वजह से उन्हें डायपर रखना पड़ता है या बैग ले जाना पड़ता है. डॉ. मल्लिकार्जुन ने कहा कि रोबोटिक सर्जरी में इस समस्या की संभावना बहुत कम होती है. रोबोट की मदद से सिर्फ ट्यूमर निकालकर किडनी को बचाना संभव है. उन्होंने कहा कि वर्तमान रोबोटिक सर्जरी में से 40-50 प्रतिशत यूरोलॉजी और नेफ्रोलॉजी से संबंधित हैं. एआईएनयू अस्पताल के कार्यकारी निदेशक और वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ. पीसी रेड्डी ने कहा कि जल्द ही सर्जिकल रोबोट में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को जोड़ा जाएगा और उनकी दक्षता बढ़ेगी.

ये भी पढ़ें - बीडीआर फार्मास्यूटिकल्स ने ओरल रूप में प्रोस्टेट कैंसर दवा पेश की

हैदराबाद: चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि बदलती जीवनशैली के कारण किडनी और प्रोस्टेट कैंसर पहले की तुलना में बढ़ रहे हैं. उनका कहना है कि प्रोस्टेट कैंसर के अधिकांश मामले पहले जो विकसित देशों तक ही सीमित थे अब भारत में भी दर्ज किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे जीवन की लालसा बढ़ रही है ऐसे में कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं. एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेफ्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी (एआईएनयू) के तत्वावधान में 1000 रोबोटिक सर्जरी पूरी होने के मौके पर अस्पताल के डॉक्टरों ने मंगलवार को सोमाजीगुडा में मीडिया से बात की.

अस्पताल के एमडी और प्रख्यात मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सी. मल्लिकार्जुन ने इस अवसर पर कहा कि एआईएनयू देश के उन कुछ अस्पतालों में से एक है जिसने यह उपलब्धि हासिल की है. उन्होंने कहा कि जागरूकता में वृद्धि और अल्ट्रासाउंड की व्यापक उपलब्धता के साथ कैंसर की पहचान बहुत आसान हो गई है. डॉ. मल्लिकार्जुन ने कहा कि रोबोटिक सर्जरी से किडनी कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, मूत्राशय कैंसर, मूत्र पथ पुनर्निर्माण और मरम्मत जैसी समस्याओं में सुधार किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि साधारण प्रोस्टेटक्टोमी के बाद कई रोगियों को पेशाब करने में समस्या होती है. अधिकांश लोगों को मूत्र असंयम की समस्या होती है. इस वजह से उन्हें डायपर रखना पड़ता है या बैग ले जाना पड़ता है. डॉ. मल्लिकार्जुन ने कहा कि रोबोटिक सर्जरी में इस समस्या की संभावना बहुत कम होती है. रोबोट की मदद से सिर्फ ट्यूमर निकालकर किडनी को बचाना संभव है. उन्होंने कहा कि वर्तमान रोबोटिक सर्जरी में से 40-50 प्रतिशत यूरोलॉजी और नेफ्रोलॉजी से संबंधित हैं. एआईएनयू अस्पताल के कार्यकारी निदेशक और वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ. पीसी रेड्डी ने कहा कि जल्द ही सर्जिकल रोबोट में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को जोड़ा जाएगा और उनकी दक्षता बढ़ेगी.

ये भी पढ़ें - बीडीआर फार्मास्यूटिकल्स ने ओरल रूप में प्रोस्टेट कैंसर दवा पेश की

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.